‘विश्व में लोकतंत्र के लिए बेहतर’ ‘व दूसरे कई बदलावों वाला होगा यह नया वर्ष’

punjabkesari.in Friday, Jan 01, 2021 - 03:18 AM (IST)

‘कोरोना महामारी’ के इलाज के लिए चल रही वैक्सीन उपलब्ध करवाने की कवायद के बीच वर्ष 2021 में प्रवेश करते हुए हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि आने वाला यह वर्ष विश्व के लिए कैसा रहने वाला है और इस नए वर्ष में विश्व में कौन से सुखद बदलाव हो सकतेे हैं। इस वर्ष विश्व के अनेक देशों में चुनाव होंगे जिससे शायद लोकतंत्र फिर मजबूत होगा। अनेक देशों में कोरोना के चलते तानाशाही पूर्ण रवैये से काम करने वाली सरकारों की विदाई हो सकती है। यहां तक कि गत वर्ष अमरीका में हुए चुनाव भी एक ‘कमजोर’ लोकतंत्र के चुनावों जैसे ही थे। 

वर्ष 2020 में विभिन्न देशों के शासकों ने कई तरह से लोकतंत्र को ध्वस्त किया है। कोरोना के बहाने सत्ता पर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करके लोकतंत्र को आघात पहुंचाया, जैसा कि हंगरी में हुआ। फिर रूस जैसे देशों में ‘व्लादीमीर पुतिन’ ने चेहरे पहचानने वाले कैमरों की मदद से विरोध प्रदर्शन करने वालों की पहचान करके उनका दमन करने की नीति अपनाई। 

रवांडा में सन 2000 से ही शासन कर रहे तानाशह ‘पाल कगामे’ ने अब देश भर में सुरक्षा बलों की तैनाती की है और कफ्र्यू तोडऩे वालों को वहां गोली तक मार दी गई। यहां तक कि अनेक देशों की सरकारों ने मीडिया की आवाज कुचलने की कोशिश की तथा विश्व में 50 से अधिक पत्रकार मारे गए। परंतु वर्ष 2021 में विश्व के अनेक भागों में होने वाले चुनावों का कार्यक्रम देखते हुए लगता है कि इस वर्ष विश्व में लोकतंत्र मजबूत होगा। वर्ष की शुरुआत में पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा में 14 जनवरी को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा जिसके लिए वहां लगातार प्रचार जारी है। 

वहां विपक्ष के नेता ‘बॉबी वाइन’ काफी लोकप्रिय हो रहे हैं लेकिन उन्हें दबाने के लिए सरकार ने विपक्ष की रैलियों पर पाबंदी लगा दी है। हाल ही में ‘बॉबी वाइन’ को एक रैली के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। इथोपिया में 2021 में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने के साथ-साथ 7 फरवरी को इक्वाडोर में राष्ट्रपति पद के लिए, नीदरलैंड में 17 मार्च को नई सरकार के लिए व पेरू में 11 अप्रैल को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे। 

6 जून को ईराक के संसदीय चुनाव होंगे तथा 18 जून को ईरान और 12 अगस्त को जांबिया के राष्ट्रपति का चुनाव आएगा। इन सबके बीच दुनिया की नजरें 5 सितम्बर को हांगकांग के स्थानीय निकाय के चुनावों पर रहेंगी। चीन द्वारा हांगकांग पर विवादित सुरक्षा कानून थोपे जाने के बाद होने वाला यह पहला चुनाव काफी महत्वपूर्ण समझा जाता है। फिर 26 सितम्बर को जर्मनीवासी 16 वर्ष बाद ऐसी सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे जिसका नेतृत्व एंजेला मर्केल नहीं कर रही होंगी। यही नहीं, निकारागुआ में 76 वर्षीय राष्ट्रपति डैनियल ओर्टेगा के कार्यकाल की समाप्ति के बाद 7 नवम्बर को राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा।

इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी अनेक बेहतर बदलाव आने वाले हैं। यह वर्ष विश्व में इलैक्ट्रिक कारों के निर्माण और बिक्री के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि इस वर्ष दुनिया के कई देशों में कार निर्माता कंपनियां अपनी बैटरी चालित कारों की नई रेंज लांच करेंगी जो प्रदूषण कम करने में सर्वाधिक प्रभावशाली सिद्ध होंगी। इस वर्ष जनरल मोटर्स की इलैक्ट्रिक कार ‘हमर’ लांच होगी इसके साथ ही ‘टेस्ला’ भी अपना साइबर ट्रक लांच करेगी। फिलहाल 260 कंपनियां इनका निर्माण कर रही हैं और इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी ‘टेस्ला’ के शेयर 2020 में ही 6 गुना बढ़ कर 665 डालर प्रति शेयर पर पहुंच गए हैं।

विश्व में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 2021 में 1 से 12 नवंबर तक ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के ‘जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन’ पर भी विश्व की नजरें रहेंगी। अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 2015 के पैरिस शिखर सम्मेलन से हट जाने के कारण इस बारे कोई सकारात्मक काम नहीं किया है, अब अमरीका की सत्ता संभाल रहे जो बाइडेन को इस दिशा में काम करना होगा। 2021 में चीन और हॉलीवुड की बॉक्स आफिस कलैक्शन के मामले में भी कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। चीन का फिल्म उद्योग लगातार बढ़ रहा है जबकि कोरोना के कारण हॉलीवुड में ठहराव का दौर है। शो बिजनैस से जुड़े लोगों के अनुसार संभवत: इस वर्ष चीन का फिल्म उद्योग बॉक्स आफिस कलैक्शन के मामले में हॉलीवुड को पछाड़ देगा। 

इस वर्ष अमरीका की अंतरिक्ष अनुसंधान एजैंसी ‘नासा’ अंतरिक्ष से गिरने वाले उल्कापिंडों से धरती के बचाव का मिशन भी शुरू करेगी। ‘डबल एस्ट्रॉयड री डायरैक्शन’ यानी ‘डार्ट’ की शुरुआत वास्तव में दिसंबर-2020 में होनी थी पर अब यह जुलाई में शुरू होगा। यह मिशन धरती के निकट आ कर उसे क्षति पहुंचाने में समर्थ उल्कापिंड खोज कर उनकी दिशा बदलने पर काम करेगा ताकि धरती को विनाश से बचाया जा सके। 

ऐसे परिदृश्य में विश्व की सरकारों के लिए नए वर्ष में सबसे बड़ी सीख यही है कि वे भविष्य में आने वाले नए-नए वायरसों के खतरे का सामना करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जनस्वास्थ्य पर केंद्रित नीतियां तय करके उन पर नियमित रूप से धन का निवेश सुनिश्चित बनाएं ताकि लगातार बढ़ते जा रहे स्वास्थ्य खतरे का सामना करना यकीनी बनाया जा सके। अब तो ‘मिंक’ जानवर में भी अगला हानिकारक वायरस पाया जा चुका है। 


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