नेताओं के गलत बयान कर रहे हैं पार्टियों का नुक्सान
punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 04:36 AM (IST)

हम समय-समय पर लिखते रहते हैं कि नेताओं को हर बयान सोच-समझ कर ही देना चाहिए ताकि अनावश्यक विवाद पैदा न हों परंतु सभी दलों के नेताओं ने बिना सोचे-समझे बयान देकर वातावरण में कटुता फैलाने का सिलसिला जारी रखा हुआ है। हाल ही में गुजरात के चुनावों में कांग्रेस के चंद शीर्ष नेताओं ने भाजपा नेताओं के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान दिए जिनसे अनावश्यक विवाद पैदा हुआ। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान :
* 12 नवम्बर को वरिष्ठ कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने एक बयान में कहा कि ‘‘गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को उनकी औकात दिखाएंगे।’’
* 28 नवम्बर को कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना रावण से की।
* 2 दिसम्बर को कांग्रेस के पूर्व सांसद वी.एस. उग्रप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भस्मासुर से कर डाली।
कांग्रेस विरोधी बयानबाजी में भाजपा भी पीछे नहीं रही :
* 23 नवम्बर को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा ने अहमदाबाद की एक रैली में राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के एक नेता का लुक बदल गया है जिसके बाद वह सद्दाम हुसैन की तरह दिखने लगे हैं।’’
* 3 दिसम्बर को नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस में इस बात की होड़ लगी है कि कौन मुझे कितनी गाली दे सकता है। कभी राम के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते थे वे अब रामायण से रावण ले आए हैं। कांग्रेस के मित्र कान खोल कर सुन लें कि जितना कीचड़ वे उछालेंगे उतना ही अधिक कमल खिलेगा।’’
और अब हालांकि चुनाव सम्पन्न हो गए हैं और गुजरात में भाजपा ने एक बार फिर सत्ता पर कब्जा कायम रखा है परंतु कांग्रेस नेताओं द्वारा आपत्तिजनक बयान देने का सिलसिला थमा नहीं है।
12 दिसम्बर को मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता ‘राजा पटेरिया’ ने ‘पन्ना’ के ‘पवई कस्बे’ में कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए यह कह कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘‘यदि देश के संविधान को बचाना और आदिवासियों को सुरक्षित करना है तो मोदी की हत्या के लिए तैयार रहें।’’
इस बयान पर बवाल मचने के बाद राजा पटेरिया ने यह कह कर विवाद थामने की कोशिश की है कि उनकी जुबान फिसल गई थी परंतु विवाद तो खड़ा हो ही गया।
जहां मध्य प्रदेश में पटेरिया के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ‘‘पटेरिया के बयान से यह स्पष्टï हो रहा है कि यह महात्मा गांधी की नहीं बल्कि इटली की कांग्रेस है और इटली की मानसिकता मुसोलिनी वाली रहती है।’’
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में राजनीतिक भाषा का स्तर लगातार गिर रहा है। यह एक ऐसी गलत परम्परा है जो न ही ऐसी बयानबाजी करने वालों और न ही देश के हित में है। कांग्रेस की भाजपा विरोधी बयानबाजी का खमियाजा इसे गुजरात में भुगतना पड़ा और भाजपा नेताओं की कांग्रेस विरोधी बयानबाजी का भाजपा को हिमाचल में नुक्सान हुआ।—विजय कुमार