‘देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ’ ‘पंजाब में भी सताने लगा डेंगू का डंक’

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2024 - 05:12 AM (IST)

‘डेंगू’ को ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहा जाता है। इसमें 104 डिग्री तक तेज बुखार हो सकता है। इसका दिमाग पर असर पड़ कर यह प्राणघातक भी सिद्ध हो सकता है। सिरदर्द, बदन दर्द, जोड़ों और पीठ में दर्द, भूख न लगने, जी मिचलाने तथा शरीर में लाल चकत्ते पड़ऩे, आंखों के पीछे दर्द, सूजन आदि की शिकायतें होती हैं। कभी-कभी रोगी के शरीर में आंतरिक रक्तस्राव भी होता है। इसके साथ ही कमजोरी तथा चक्कर भी आते हैं। इसमें प्लेटलैट्स घटने या ब्लड प्रैशर कम होने का भी खतरा बढ़ जाता है। अगर पानी पीने और कुछ भी खाने में दिक्कत हो और बार-बार उल्टी आए तो डी-हाईड्रेशन का खतरा पैदा हो जाता है। 

इस समय ‘डेंगू’ ने देश के कई राज्यों को चपेट में ले रखा है तथा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र आदि में 100 के लगभग मौतें भी हो चुकी हैं। पंजाब में भी ‘डेंगू’ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गत सप्ताह जहां पंजाब में एक दिन में ‘डेंगू’ के लगभग 50-60 मामले आ रहे थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़ कर प्रतिदिन 70 हो गई है। ‘डेंगू’ से बचाव के लिए शरीर के अंगों को ढांप कर रखना चाहिए। मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल और व्यक्तिगत स्वच्छता के अलावा सबसे महत्वपूर्ण है ठहरे हुए पानी को कीटाणु रहित करना। डेंगू से पीड़ित रोगी को पौष्टिक आहार फल, दाल, दूध आदि लेना चाहिए। 

‘डेंगू’ बुखार ‘एडीज’ नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। यह  गंदे पानी की बजाय साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है। अत: पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढांप कर रखना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उसमें उचित कीटाणुनाशक का इस्तेमाल भी करना चाहिए। इसके अलावा गमलों, कूलरों, पुराने टायरों आदि में पानी जमा न होने दें, सफाई रखने और सरकार द्वारा समुचित फॉगिंग आदि नियमित रूप से करवाने से ही इस पर रोक लगाई जा सकती है।—विजय कुमार                                          


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