‘रील बनाने के जुनून में’ जिंदगी दाव पर लगा रहे युवक-युवतियां!
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 05:17 AM (IST)

आज सोशल मीडिया का जमाना है और हर किसी को किसी न किसी तरह चर्चा में आने की पड़ी है। ऐसे में युवक-युवतियों में रील बनाकर प्रसिद्धि पाने का जुनून जोरों पर है। रील बनाने वाले युवा उल्टी-सीधी हरकतों से कभी तो लोगों के मनोरंजन का साधन बनते हैं और कभी रील बनाने के चक्कर में घायल हो जाते हैं या फिर अपनी जान ही गंवा बैठते हैं, जिनके इसी वर्ष के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 16 जनवरी, 2025 को ‘भोपाल’ (मध्य प्रदेश) में ‘कोलार’ के ‘इनायतपुर’ गांव में 3 युवक अपनी तेज रफ्तार चलती कार की खिड़की से सिर बाहर निकाल कर ‘रील’ बना रहे थे कि संतुलन बिगड़ जाने से कार पुल से नीचे नहर में गिर गई जिससे 2 युवकों की मौत तथा तीसरा घायल हो गया।
* 16 जनवरी को ही ‘मेरठ’ (उत्तर प्रदेश) में पानी की टंकी पर चढ़ कर रील बना रहा एक युवक पैर फिसलने के कारण नीचे गिर कर मर गया।
* 6 मार्च को ‘अहमदाबाद’ स्थित ‘फतेहवाड़ी’ में रील बनाने के चक्कर में 3 युवकों की कार एक नदी में जा गिरी और तीनों युवक पानी में बह गए।
* 28 मार्च को ‘गाजीपुर’ (उत्तर प्रदेश) रेलवे स्टेशन के सामने रील बनाने के शौकीन ‘चंद्रशेखर रावत’ नामक एक व्यक्ति ने एक चौराहे पर ई-रिक्शा की छत पर खड़े होकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया परंतु संतुलन बिगड़ जाने के कारण जमीन पर गिर जाने से उसकी मौत हो गई।
* 16 अप्रैल को ‘उत्तरकाशी’ (उत्तराखंड) में एक महिला अपनी 11 वर्षीय बच्ची के साथ ‘मणिकर्णिका घाट’ पर स्नान करने के दौरान रील बनाते समय नदी में बह गई और घाट के किनारे खड़ी उसकी बेटी ‘मम्मी-मम्मी’ चिल्लाती रह गई।
* 18 अप्रैल को ‘दुर्ग’ (छत्तीसगढ़) में ‘रील’ बनाते समय तीन नाबालिगों की मोटरसाइकिल 2 वाहनों से टकरा गई जिससे 2 नाबालिगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु और तीसरा घायल हो गया।
* 19 अप्रैल को ‘सारण’ (बिहार) जिले के ‘विष्णुपुर ओवरब्रिज’ के निकट रेलवे ट्रैक पर स्टंट करते हुए रील बना रहे 2 युवकों की सामने से आ रही एक तेज रफ्तार रेलगाड़ी से कट कर मौत हो गई।
* 26 अप्रैल को ‘वाराणसी’ (उत्तर प्रदेश) में ‘कुर्थिया’ गांव के निकट चलती मोटरसाइकिल पर रील बना रहे 2 युवक सामने से आ रही एक कार से टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 12 मई को ‘सिवनी’ (मध्य प्रदेश) में रेल की पटरी पर रील बनाने के दौरान 1 युवक की रेलगाड़ी की चपेट में आ जाने से मौत हो गई।
* 17 मई को ‘अमरोहा’ (उत्तर प्रदेश) के ‘हसनपुर’ में तेज रफ्तार से मोटरसाइकिल चलाते हुए रील बना रहे 2 युवकों की मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के परिणामस्वरूप दोनों युवक अपनी जान से हाथ धो बैठे।
* 4 जून को ‘आगरा’ (उत्तर प्रदेश) के ‘नगला नाथू’ गांव में यमुना नदी में रील बनाते समय 6 युवतियां गहरे पानी में चली गईं तथा भंवर में फंस जाने के कारण डूब जाने से उनकी मौत हो गई। इनमें से 3 युवतियांं एक ही परिवार की थीं जबकि 3 अन्य इनकी रिश्तेदार थीं।
* 14 जून को ‘बहराईच (उत्तर प्रदेश) में रील बनाने के लिए सड़क पर स्टंट कर रहे 2 मोटरसाइकिल सवार युवकों ने एक महिला को टक्कर मार दी और उसे दूर तक घसीटते चले गए जिससे उसकी मौत हो गई।
* 15 जून को ‘सहरसा’ (बिहार) के ‘विश्वकर्मा ढाला’ में रेलवे यार्ड में खड़ी एक मालगाड़ी के इंजन पर चढ़ कर रील बनाते समय एक युवक हाईटैंशन तारों की चपेट में आ जाने से 90 प्रतिशत झुलस गया।
* और अब 16 जून को ‘हरिद्वार’ (उत्तराखंड) में एक युवक गंगा नदी में नहाने के दौरान रील बनाने के लिए गहरे पानी में चला गया और जल्द ही पानी के तेज बहाव में बह गया और डूब गया।
रील बनाने का एक कारण यह भी है कि बहुत अधिक बार देखी जाने वाली तथा फॉलो व फारवर्ड किए जाने पर रील बनाने वालों को सोशल मीडिया साइट के संचालकों द्वारा आकर्षक धनराशि भी मिलने लगती है। उक्त घटनाएं सोशल मीडिया पर रील बनाने के बढ़ते चलन और इससे जुड़े खतरों को उजागर करती हैं। पिछले कुछ समय के दौरान रील बनाने के रुझान और इससे होने वाली दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है जिसने इस मामले में सावधानी बरतने के बारे में सोचने के लिए विवश किया है। इस संबंध में हम युवाओं को यही सलाह देंगे कि वे अपनी जान जोखिम में डाल कर इस प्रकार के स्टंट न करें क्योंकि चंद पलों की भूल जिंदगी भर के लिए पीड़ा दे सकती है।—विजय कुमार