सट्टेबाजी और दाव लगाने वाले ऑनलाइन गेम खेलने का बढ़ रहा रुझान चिंताजनक

punjabkesari.in Sunday, Apr 09, 2023 - 03:04 AM (IST)

भारत में पिछले कुछ समय के दौरान जितनी तेजी से स्मार्टफोन और इंटरनैट का इस्तेमाल बढ़ा है, उतनी ही तेजी से ऑनलाइन गैंबलिंग अर्थात ऑनलाइन जुए के चलन में भी वृद्धि हुई है। 
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 40 प्रतिशत इंटरनैट यूजर ऑनलाइन जुआ खेलते हैं और ऐसा ही रहा तो हम इस मामले में इंगलैंड को पीछे छोड़ देंगे। इसमें आम तौर पर दाव लगाने और पैसे कमाने के लिए इंटरनैट के जरिए वर्चुअल तरीके से जुआ खेला जाता है। इसमें पोकर गेम, स्पोर्ट गेम, कैसिनो गेम आदि शामिल हैं।

इन्हें खेलने वाले इंटरनैट बैंकिंग, यू.पी.आई. ऑनलाइन पेमैंट मोड क्रैडिट या डैबिट कार्ड आदि के जरिए दाव लगाते हैं और जीत-हार के आधार पर पेमैंट की जाती है। भारतीय कानूनों के अनुसार चांस गेम पर सट्टेबाजी अवैध है परंतु स्किल गेम पर दाव लगाना कानूनी है। बहरहाल, देश में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार वर्ष जो 2016 में केवल 54.30 करोड़ डालर का था वह मात्र 6 वर्षों में ही कई गुणा बढ़कर 2022 में 2.6 अरब डालर तक पहुंच गया है परंतु अरबों रुपए का बाजार होने के बावजूद इस पर नियंत्रण के लिए ठोस नियम नहीं हैं।

यह कारोबार इतना बढ़ चुका है कि इस समय देश में 900 गेमिंग कम्पनियां काम कर रही हैं। ऑनलाइन गेम खेलने वाले औसतन प्रति सप्ताह 8.5 घंटे इस पर बिता रहे हैं और पिछले वर्ष देश में ऑनलाइन गेमों के शौकीनों ने 15 अरब नए गेम डाऊनलोड किए। इस संबंध में जांच के अनुसार कई गेमिंग पोर्टलों ने जानबूझ कर विजेताओं को भुगतान की प्रणाली में हेराफेरी कर रखी है। आर्थिक हानि के अलावा इन गेमों का खेलने वालों की मानसिकता पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है और उनमें हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। 

इसी को देखते हुए लुभावने विज्ञापनों के जरिए दाव लगाकर पैसे कमाने का सपना दिखाने वाले ऑनलाइन गेम बंद करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 6 अप्रैल को इस बारे में एडवाइजरी जारी की है। सरकार के अनुसार सैल्फ रैगुलेटरी आर्गेनाइजेशन (एस.आर.ओ.) जांच करने के बाद नियमों पर खरा उतरने पर ही किसी ऑनलाइन गेम को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर चलाने की अनुमति देगा। इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया प्लेटफॉर्मों को भी सट्टेबाजी के विज्ञापन चलाने से बचने की सलाह देते हुए चेतावनी दी है कि इसका पालन न करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा ऐसे ऑनलाइन गेम्स को ही स्वीकृति दी जाएगी, जिनमें किसी प्रकार के दाव या बाजी लगाने का काम न हो रहा हो। 

मीडिया में चल रहे सट्टेबाजी के विज्ञापनों बारे सरकार ने कहा कि कानून के अनुसार सट्टेबाजी और जुआ अवैध हैं। इन्हें बढ़ावा देने से बचें और किसी मीडिया प्लेटफार्म द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सट्टेबाजी का विज्ञापन करने को कानून का उल्लंघन माना जाएगा। भारत सरकार को यह कदम जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ ऑनलाइन गैम्बङ्क्षलग और गेमिंग करने वालों का धन बच सकेगा बल्कि उनके मस्तिष्क पर पडऩे वाले कुप्रभाव से भी उनकी रक्षा हो सकेगी।—विजय कुमार 


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