सरकार ने अब जी.एस.टी. दरों में भी दीं कुछ रियायतें

punjabkesari.in Sunday, Sep 22, 2019 - 03:19 AM (IST)

भारत सरकार के दावे के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) देश का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है। इसे चली आ रही कर प्रणाली को सरल बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2017 को देश में लागू किया गया था परंतु इसे पूरी तैयारी से लागू न करने के कारण शुरूआती दौर में व्यापारी वर्ग के लिए भारी समस्याएं खड़ी हो गईं तथा लाखों की संख्या में छोटे-बड़े व्यापारी अपने प्रतिष्ठïानों को ताले लगाने पर विवश हो गए थे।

अत: मीडिया व व्यापार जगत की मांग पर केंद्र सरकार ने जी.एस.टी. को लेकर जनरोष व व्यापार-उद्योग पर पडऩे वाले कुप्रभाव के दृष्टिïगत विभिन्न चरणों में इसके सरलीकरण के अलावा टैक्स ढांचे में भी कुछ राहतें और दी हैं। परंतु इसके बावजूद बड़ी संख्या में वस्तुओं एवं सेवाओं पर टैक्स घटाना अभी भी बाकी है लिहाजा रियायतें देने का सिलसिला आगे भी जारी रखते हुए 20 सितम्बर को जी.एस.टी. परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां ज्यूलरी, वाहन और होटल इंडस्ट्री को राहत देने की घोषणा की है वहीं कैफीन वाले पेय पदार्थों, रेलगाड़ी के सवारी डिब्बों एवं वैगनों पर जी.एस.टी. का बोझ बढ़ा दिया है। 

होटल इंडस्ट्री को दी रियायतों से होटल उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ लोगों के लिए होटलों में ठहरना कुछ सस्ता हो जाएगा, वहीं आभूषणों का निर्यात टैक्स फ्री करने से इनके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और 10 से 13 सीटों वाले पैट्रोल और डीजल वाहनों पर सैस घटाने से ये कुछ सस्ते होंगे और मंदी के शिकार आटो मोबाइल उद्योग को भी कुछ राहत मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, बेरोजगारी कम होगी। 

जिस प्रकार भाजपा सरकार जी.एस.टी. में आने वाली परेशानियों और टैक्स दरों की विसंगति को दूर करने के लिए चंद रियायतें दे रही है, हम आशा करते हैं कि भविष्य में भी सरकार इस बारे पुनर्विचार करके और सुधार करेगी तथा इसे अधिक सरल बनाएगी जिससे व्यापारी वर्ग के साथ-साथ आम लोगों को भी कुछ राहत मिलेगी।—विजय कुमार 


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