‘स्मॉग की चादर में लिपटा देश’ ‘कई राज्यों में स्कूल बंद करने पड़े’
punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2024 - 05:05 AM (IST)
इन दिनों किसानों द्वारा पराली जलाने, वर्षा न होने के कारण तथा पहाड़ों में बर्फबारी से कई राज्यों में न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट और स्मॉग का कहर बढ़ जाने से दिल्ली एन.सी.आर. सहित उत्तरी भारत के राज्यों में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आ गई है। जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लोगों की सांसें घुट रही हैं और दम निकल रहा है। एक ओर ठंड तथा प्रदूषण बढऩे के कारण लोग बीमार हो रहे हैं, तो दूसरी ओर सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं तथा रेल व हवाई यात्रा भी प्रभावित हो रही है। कई फ्लाइटें व रेलगाडिय़ां तय समय से या तो घंटों लेट चल रही हैं या रद्द किए जाने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
दिल्ली एन.सी.आर. में खतरनाक प्रदूषण और जहरीली धुंध के चलते कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक इस सीजन में सर्वाधिक 500 के स्तर तक पहुंच गया है। इस पर काबू पाने के लिए ग्रैप-4 (‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’) लागू कर दिया गया है। इसके अंतर्गत अन्य प्रतिबंधों के अलावा 12वीं कक्षा तक के छात्र आगामी आदेशों तक स्कूल नहीं जा सकेंगे और उनकी क्लासें ऑनलाइन चलेंगी। और अब उत्तर प्रदेश में बागपत, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर आदि में 12वीं तक स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं। हरियाणा में 10 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और सोनीपत में 12वीं तक स्कूल बंद किए जा चुके हैं जबकि पानीपत और जींद में 5वीं तक के स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
सुप्रीमकोर्ट ने प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के नीचे होने पर भी ग्रैप-4 के अंतर्गत प्रतिबंध लागू रहेंगे। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी और पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश आदि में भी, जहां प्रदूषण बढ़ा हुआ है, वहां कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। स्मॉग को लेकर ऐसी गंभीर स्थिति के बीच लोगों को कई सावधानियां बरतना आवश्यक है। इसके लिए मास्क लगाना, घर, गाड़ी या आफिस में खिड़कियां बंद रखना, घर या आफिस में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल, रोगों से बचने की क्षमता मजबूत रखने के लिए पौष्टिïक भोजन लेना, अधिक तरल पदार्थ, नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि लेना, वाहन चलाते समय ‘फॉग लाइट्स’ आदि का इस्तेमाल करना जरूरी है।—विजय कुमार