‘विमानों में तकनीकी खामियां’ यात्रियों की जान पड़ रही खतरे में!

punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 05:04 AM (IST)

आमतौर पर विमान यात्रा को बसों तथा रेलगाडिय़ों की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है परन्तु पिछले कुछ समय से विमानों में उड़ान के दौरान खराबियां आने से विमान यात्राओं में सुरक्षा पर प्रश्र उठने लगे हैं। हालांकि 12 जून की ‘एयर इंडिया’ विमान दुर्घटना, जिसमें 260 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, के बाद विमानन कंपनियों की टिकट बुकिंग में भी कुछ कमी आई है और दुनिया में विमान यात्राओं में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है, परंतु इसके बावजूद विमानों में तकनीकी खराबी की घटनाओं की बाढ़ आई हुई है जिनके लगभग 2 सप्ताह के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 15 जून को ‘केदारनाथ’ से ‘गुप्त काशी’ जा रहा एक हैलीकाप्टर ‘गौरीकुंड’ के निकट दुर्घटना ग्रस्त होने से पायलट सहित 7 लोग मारे गए।
* 16 जून को ‘हांगकांग’ से ‘दिल्ली’ आ रहे ‘एयर इंडिया’ के विमान में किसी तकनीकी खराबी का पता चलने पर उड़ान के कुछ ही समय बाद उसे वापस ‘हांगकांग’ हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा। 
* 17 जून को अमरीका के ‘सैन फ्रांसिस्को’ से ‘मुम्बई’ आ रहे ‘एयर इंडिया’ के विमान के एक इंजन में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उसे मुम्बई जाने की बजाय ‘कोलकाता’ में ही रोक दिया गया।
* 19 जून को ‘दिल्ली’ से ‘लेह’ जा रहे ‘इंडिगो’ के विमान में अचानक तकनीकी खराबी पैदा हो जाने से विमान को वापस दिल्ली में उतारा गया।

* 23 जून को ‘जयपुर’ से ‘दुबई’ जाने वाले ‘एयर इंडिया एक्सप्रैस’ के विमान में उड़ान भरने से कुछ ही पहले गड़बड़ी महसूस की गई और जब इसे ठीक करने की कोशिश सफल न हो पाई तो उड़ान रद्द करनी पड़ी। 
* 25 जून को ‘मुम्बई’ से ‘बैंकाक’ जाने वाले ‘एयर इंडिया’ के एक विमान के बाईं ओर वाले पंख (विंग) के नीचे घास फंसी हुई पाई जाने पर विमान को 5 घंटे से अधिक समय तक रोकना पड़ा।  
* 27 जून को ‘मुम्बई’ से ‘चेन्नई’ जाने वाले ‘एयर इंडिया’ के विमान के उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद उसके कैबिन में कुछ जलने की गंध आने पर पायलट ने तुरन्त एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचित किया और विमान को वापस ‘मुम्बई’ लाकर यात्रियों को दूसरे विमान से ‘चेन्नई’ भेजा। 
* 29 जून को ‘चेन्नई’ से ‘हैदराबाद’ जा रहे एक विमान को उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी के कारण वापस ‘चेन्नई’ हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा।  
* 29 जून को ही ‘हनेडा’ (टोक्यो) हवाई अड्डïे से ‘दिल्ली’ के लिए रवाना हुए ‘एयर इंडिया’ के एक विमान के ‘कॉकपिट’ में तापमान बढ़ जाने के कारण उसकी ‘कोलकाता’ में आपात लैंडिंग करवानी पड़ी। 
* 2 जुलाई को ‘गोवा’ से ‘पुणे’ जा रहे ‘स्पाइस जैट’ के विमान की खिड़की का फ्रेम ढीला होने के कारण वह बीच आकाश में उखड़ गया। 
* 2 जुलाई को ही ‘शंघाई’ (चीन) से ‘टोक्यो’ (जापान) जा रहा ‘जापान एयरलाइन्स’ का बोइंग-737 विमान एक भयानक ‘टर्बुलैंस’ में फंस कर अचानक 2600 फुट नीचे आ जाने से यात्रियों में घबराहट फैल गई। 
* 2 जुलाई को ही ‘सोमालिया’ की राजधानी ‘मोगादिशू’ के हवाई अड्डïे पर ‘युगांडा’ की वायुसेना का हैलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार 8 में से 3 लोगों की मौत हो गई। 

* 2 जुलाई को ही ‘नई दिल्ली’ से ‘वाशिंगटन’ जा रहा ‘एयर इंडिया’ का विमान जब ईंधन भरने के लिए ‘वियना’ में उतरा तो उसमें अचानक तकनीकी खराबी आ गई तथा यात्रियों को दूसरे विमान से वाशिंगटन भेजा गया। 
* 2 जुलाई को ही ‘न्यू जर्सी’ (अमरीका) में एक स्काई डाइविंग विमान  रन-वे से आगे निकल कर जंगल में जा गिरा, जिससे 15 लोग घायल हो गए।
विमानों में तकनीकी खामियां पैदा होने की उक्त घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि जैसे-जैसे विश्व में विमान यात्रियों और विमानन कंपनियों द्वारा उड़ानें बढ़ाई जा रही हैं, उसी अनुपात में विमानों में तकनीकी खामियों के कारण चालक दल के सदस्यों और इनमें यात्रा कर रहे यात्रियों के प्राणों को भी खतरा पैदा होने लगा है। अत: विमानन कम्पनियों द्वारा उड़ान से पहले विमानों की अचूक तकनीकी जांच पक्के तौर पर सुनिश्चित करने की जरूरत है ताकि विमान यात्रा बिना किसी जोखिम के सुरक्षित बनी रहे।—विजय कुमार


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