माफिया राज की गिरफ्त में देश थम नहीं रहा इनकी अवैध गतिविधियों का सिलसिला

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 03:07 AM (IST)

आज देश में जहां एक ओर भ्रष्टाचार और महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है वहीं दूसरी ओर समाज विरोधी तत्वों एवं विभिन्न माफियाओं द्वारा देश में हिंसा तथा रक्तपात लगातार जारी है। इन माफियाओं के हौसले इतने बढ़ चुके हैं कि वे अपने मार्ग में बाधा बनने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या और अन्य तरीकों से उसे क्षति पहुंचाने में संकोच नहीं करते। यहां रेत माफिया द्वारा मात्र एक महीने में मचाए उत्पात के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

21 मई को मध्य प्रदेश के भिंड में रेत माफिया व पुलिस की सांठ-गांठ की पड़ताल कर रहे पत्रकार संदीप शर्मा को डम्पर ने कुचल डाला। 02 जून को राजस्थान में भरतपुर की बजरंग कालोनी में रेत से भरी ट्रालियां लेकर जा रहे रेत माफिया ने ट्रैक्टर चढ़ा कर पुलिस टीम को मारने की कोशिश की और एक पुलिस कर्मचारी को पीट-पीट कर घायल कर दिया। 02 जून को उत्तर प्रदेश के शाहबाद में रेत खनन माफिया ने सरेआम 3 एकाऊंटैंटों को लाठी और डंडों से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। 03 जून को उत्तर प्रदेश के गुनौर में रेत खनन रोकने गए एस.डी.एम. को रेत माफिया ने ट्रैक्टर से कुचल कर मारने की कोशिश की। 

07 जून को मध्य प्रदेश में महाराजपुरा के बहादुरपुर गांव के लोगों ने ट्रैक्टर पर तेज आवाज में गाने बजाकर निकलने वाले रेत माफिया को रोका तो माफिया के गुंडों ने उन पर लाठी, फरसे और बंदूक की बट से हमला कर दिया और लगभग 1 दर्जन लोगों को घायल करके भाग गए। 08 जून को उत्तर प्रदेश के रामपुर में कोसीपुर नदी तट पर अवैध खनन रोकने गई पुलिस टीम पर रेत माफिया ने कार चढ़ाने का प्रयास किया। 12 जून को मध्य प्रदेश के ‘निसरपुर’ में अवैध रेत से लदे ट्रैक्टरों का पीछा करने पर रेत माफिया ने ‘नर्मदा बचाओ आंदोलनकारियों’ की 2 गाडिय़ां पत्थर बरसा कर तोड़ दीं और इसके कुछ वर्करों को घायल कर दिया। 

14 जून को होशंगाबाद जिले में तेज रफ्तार से जा रहे अवैध रेत से लदे डम्पर ने एक मोटरसाइकिल सवार को कुचल डाला। 16 जून को मध्य प्रदेश के ‘मड़ाई पिपरसरा’ में अवैध रेत खनन कर रहे माफिया ने उन्हें रोकने गई एंटी माइङ्क्षनग टीम पर हमला कर दिया और उसके कब्जे से रेत से भरे 9 ट्रैक्टर छुड़ा कर ले गए। 18 जून को देर रात पंजाब में स्यूंक-शिगीबाला मार्ग पर अवैध खनन रोकने गए वन अधिकारी देवेंद्र सिंह और उनकी टीम पर रेत माफिया के हमले में देवेंद्र सिंह गंभीर घायल हो गए। उनके सिर की हड्डी चार जगह से टूट गई। 19 जून को बिहार के एक गांव में एक खेत से अवैध रेत उठाने का भू-स्वामी द्वारा विरोध करने पर रेत माफिया के सदस्यों ने रेत निकालने के लिए खोदे गए गड्ढïे में ही भू-स्वामी को धक्का देकर दफन कर दिया। 

20 जून को रेत माफिया ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में नदी के किनारे अवैध खनन रोकने गए अधिकारियों पर हमला कर दिया और जान बचाने के लिए रामपुर गांव में घुसे अधिकारियों पर एक घंटे तक गोलियां चलाईं। 21 जून को मध्य प्रदेश के मुरैना में अवैध रेत से लदी तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली के चालक ने पुलिस से बचने के लिए एक जीप में टक्कर मार दी जिससे 15 जीप सवार लोगों की मृत्यु और 6 अन्य घायल हो गए। 21 जून को पंजाब के नूरपुरबेदी क्षेत्र में अवैध रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर माफिया के हमले में श्री संदोआ गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें पी.जी.आई. रैफर किया गया है इस हमले में उनका एक गनमैन तथा पी.ए. भी घायल हुए हैं। 

उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि आज रेत माफिया की गतिविधियां किस कदर बढ़ चुकी हैं और इससे आम आदमी ही नहीं बल्कि प्रशासन भी माफिया के हाथों बंधुआ बन कर रह गया है। अनेक स्थानों पर रेत माफिया ने संबंधित विभागों द्वारा अपने विरुद्ध छापों की पूर्व सूचना पाने के लिए अपनी ‘गुप्तचर प्रणाली’ कायम कर ली है और छापों की सूचना मिलने पर समय रहते ही घटनास्थल से गायब हो जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग प्रत्येक राज्य में सक्रिय माफिया को किसी न किसी रूप में राजनीतिक और पुलिस संरक्षण प्राप्त है जिनके सामने कानून बेबस होकर रह गया है लिहाजा इस संबंध में माफिया के विरुद्ध कड़ा अभियान छेडऩे के साथ-साथ उन्हें शरण देने वाले राजनीतिज्ञों और पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों आदि का पता लगा कर उनके विरुद्घ कड़ी कार्रवाई किए बगैर इस समस्या का हल संभव नहीं।—विजय कुमार 

 


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