देश में तेजी से बढ़ रहा जाली नोटों का कारोबार

punjabkesari.in Saturday, Jan 08, 2022 - 05:22 AM (IST)

काला धन और जाली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को केंद्र की भाजपा सरकार ने देश में नोटबंदी तथा 500 और 1000 रुपए मूल्य वाले नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद जाली नोटों का कारोबार लगभग 1 वर्ष तक तो थमा रहा परंतु लगभग 4 वर्षों से जाली नोटों के तस्करों के कई गिरोह फिर सक्रिय हो गए हैं तथा यह धंधा धीरे-धीरे तेजी पकड़ रहा है। 

* 23 दिसम्बर, 2021 को दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले 2 अंतर्राष्ट्रीय तस्करों फिरोज शेख और मुफज्जुल शेख को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 8 लाख रुपए के 2-2 हजार रुपए मूल्य वाले पाकिस्तान में छपे नकली नोट बरामद किए। इन नोटों की बनावट, कागज की क्वालिटी, रंग, सुरक्षा धागा, वाटर मार्क आदि बिल्कुल असली भारतीय नोटों जैसी ही पाई गई। 

* 23 दिसम्बर, 2021 को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बडग़ाम जिले में जाली नोटों का धंधा करने वाले एक गिरोह के 3 सदस्यों के कब्जे से 100 रुपए मूल्य वाले 45,000 रुपए के नकली नोट पकड़े। 

* 31 दिसम्बर, 2021 को पुलिस ने विशाखापत्तनम में 2 लोगों को गिरफ्तार करके उनसे 7.22 लाख रुपए की नकली करंसी पकड़ी। 
* 2 जनवरी, 2022 को ओडिशा के जशपुर के गांव ‘संथामाधव’ में पुलिस ने 13 लाख रुपए मूल्य से अधिक की नकली करंसी बरामद की। 
* 3 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश में लखनऊ के नवाबपुर गांव के निकट एक बदमाश से 40,000 रुपए के नकली नोट पकड़े गए। 

* 3 जनवरी, 2022 को ही लखनऊ में रिजर्व बैंक की ‘चैस्ट’ (तिजोरी)  की आडिट के दौरान 47,710 रुपए की नकली करंसी पकड़ी गई।
* 4 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश में अलीगंज पुलिस ने 6,22,800 रुपए के नकली नोटों के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया। 
* अब 7 जनवरी, 2022 को गाजियाबाद पुलिस ने 17 लाख के नकली नोटों के साथ 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

भारत में बनाने के अलावा नकली करंसी पहले पाकिस्तान से नेपाल और वहां से बंगलादेश होते हुए भारत में तस्करी द्वारा पहुंचाई जाती है। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में नकली नोटों का कारोबार कितना विशाल रूप धारण करता जा रहा है। अत: इनकी छपाई या सप्लाई से जुड़े लोगों के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। 

इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि जिस प्रकार विदेशी बैंकों में जमा करने के लिए आने वाले नोट गिनने वाली मशीनें गिनती के दौरान ही पाए जाने वाले नकली नोटों को उसी समय नष्ट कर देती हैं, वैसी ही मशीनें भारतीय बैंकों में भी लगानी चाहिएं ताकि नकली नोट आम लोगों तक दोबारा पहुंच ही न सकें।—विजय कुमार


 


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