आतंकी गिरोह आई.एस.आई.एस. (खोरासान) ने खेली रूस में खून की होली

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2024 - 04:44 AM (IST)

रूस को विश्व के 3 सर्वाधिक शक्तिशाली देशों में से एक माना जाता है, परंतु सैन्य दृष्टि से अत्यंत मजबूत समझा जाने वाला यह देश भी आतंकवादियों के हमलों से मुक्त नहीं रहा, जिनमें से चंद हमले निम्न में दर्ज हैं : 

* अक्तूबर, 2002 में आतंकवादियों ने ‘मास्को थिएटर’ में बंधक बनाए लगभग 800 लोगों में से 129 लोगों की हत्या कर दी। 
* सितम्बर, 2004 में 30 ‘चेचेन्या फाइटर्स’ द्वारा दक्षिण रूस के ‘बेसलान’ स्थित स्कूल में बंधक बना कर रखे सैंकड़ों लोगों में से 330 को मार डाला गया। 
* 2011 में मास्को के ‘डोमोडेडोवो’ हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमलावरों ने 30 लोगों की हत्या कर दी।
* 2013 में ‘वोल्गोग्राड’ में आत्मघाती हमलावरों ने 34 लोगों को बेरहमी से मार डाला। 

* अक्तूबर, 2015 में इस्लामिक स्टेट ने सिनाई में रूस के एक यात्री विमान को निशाना बनाया, जिसमें सभी 224 यात्रियों की मौत हो गई । 
* 2017 में सेंट पीटर्सबर्ग मैट्रो में एक विस्फोट में 14 लोग मारे गए।  
* और अब 22 मार्च को रूस की राजधानी मास्को में रात 11.15 बजे, जब प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड ‘पिकनिक’ द्वारा ‘क्रोकस सिटी हाल’ में गीत-संगीत का प्रोग्राम पेश किया जा रहा था, सेना की वर्दी पहन कर आए आतंकवादी संगठन आई.एस.आई.एस.-के (खोरासान) के बंदूकधारियों ने हॉल का मेन गेट बंद करके अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं तथा आग लगा दी। इसके परिणामस्वरूप अब तक लगभग 143 लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। इसे पिछले 2 दशकों के दौरान रूस में सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। बताया जाता है कि हमलावरों ने इस हमले की प्रेरणा 2008 में मुम्बई आतंकी हमले से ली थी जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार हमलावरों ने दाढ़ी रखी हुई थी और उनके पास ए.के. सीरीज के हथियार थे। एक रिपोर्ट के अनुसार जिस हाल में यह घटना हुई, उसमें 6200 लोगों के बैठने की क्षमता है। 

बताया जाता है कि इसी 7 मार्च को रूस स्थित अमरीकी दूतावास ने चेतावनी देते हुए कहा था कि आतंकवादियों द्वारा मास्को में म्यूजिक कंसर्ट में हमला करने की साजिश रची जा रही है परंतु उस समय व्लादिमीर पुतिन ने अमरीकी दूतावास द्वारा दी गई इस चेतावनी की निंदा की थी। रूस की संघीय सुरक्षा सेवा के प्रमुख के अनुसार इस सिलसिले में हिरासत में लिए गए 11 लोगों में से 4 लोग सीधे इस हमले में शामिल थे। रूस ने इस हमले को देश के विरुद्ध युद्ध करार देते हुए इसमें यूक्रेन का हाथ होने का दावा किया था, जिसका खंडन करते हुए यूक्रेन ने कहा है कि ‘‘यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में यूक्रेन को बदनाम करने का एक हिस्सा है। हमारे देश के विरुद्ध रूसी नागरिकों को लामबंद किया जा रहा है।’’ 

उल्लेखनीय है कि आई.एस.आई.एस.-के (खोरासान) आई.एस.आई.एस. की एक शाखा है, जिसे जनवरी, 2015 में गठित किया गया था। इस ग्रुप में आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इस ग्रुप को मुख्यत: सीरिया, खोरासान से चलाया जाता है तथा यह पहले भी अनेक आतंकी हमले कर चुका है। निर्ममता के लिए कुख्यात इस आतंकी गिरोह ने पहले ही ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान में अपने पैर पसार रखे हैं और अब यह रूस तक आ पहुंचा है क्योंकि मुसलमानों पर अत्याचारों के लिए आई.एस.आई.एस. रूस को भी जिम्मेदार मानता है। इसी वर्ष 18 मार्च को व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं, जिसके बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि अब रूस पहले से भी अधिक शक्तिशाली तथा प्रभावशाली बनेगा परंतु पुतिन के उक्त दावे के मात्र पांच दिन बाद ही हुए आतंकवादी हमले ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों के आगे रूस भी उतना ही बेबस है जितने दुनिया के अन्य देश। 

इस घटनाक्रम से यदि कोई सीख ली जा सकती है तो वह यही है कि विश्व के सभी देशों को आपसी कटुता छोड़ समाज में ङ्क्षहसा फैलाने वाले तत्वों का खात्मा करना चाहिए। एक ही बार मिलने वाला यह जीवन हंसी-खुशी बिताने और आनंद उठाने के लिए है, इसे ङ्क्षहसा की भेंट चढ़ाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं।—विजय कुमार 


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