शशिकला के चेन्नई  पहुंचते ही’ ‘तमिलनाडु की राजनीति गर्माई’

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 03:49 AM (IST)

5 दिसम्बर, 2016 को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के देहांत के 2 महीने बाद ही पार्टी विधायक दल की एक बैठक में पन्नीरसेल्वम द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और मुख्यमंत्री के लिए शशिकला का नाम प्रस्तावित करने के बाद उसे विधायक दल की नेता चुन लिया गया। परंतु हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में यह कहते हुए शशिकला को मुख्यमंत्री की शपथ लेने से रोकने की मांग कर दी गई कि उसके विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में अदालत का फैसला आने तक इसे स्थगित रखा जाए तथा 7 फरवरी, 2017 को अन्नाद्रमुक की आंतरिक कलह और बढ़ गई जब मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के विरुद्ध बगावत कर दी। 

66.65 करोड़ रुपए की अवैध सम्पत्ति रखने के आरोप में 14 फरवरी, 2017 को सुप्रीमकोर्ट द्वारा सुनाई गई 4 साल की सजा पूरी करने के लिए उसे बेंगलूरू की ‘प्रपन्ना अग्रहारा जेल’ में भेज दिया गया। 27 जनवरी, 2021 को रिहाई के बाद शशिकला कुछ दिन बेंगलूरू के अस्पताल में रही जहां से उसे 31 जनवरी को छुट्टी मिली और फिर बेंगलूरू के निकट एक रिसॉर्ट में रहने के बाद उसने 8 फरवरी को सुबह अपने भांजे दिनाकरन और 200 कारों के काफिले के साथ तमिलनाडु के लिए प्रस्थान किया और 9 फरवरी को अपने घर चेन्नई आ गई। रास्ते में जगह-जगह शशिकला के नाचते-गाते समर्थकों ने, उसके काफिले पर फूल बरसाए। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शशिकला ने कहा कि उसका उद्देश्य सांझे शत्रु ‘द्रमुक और कांग्रेस’ को हराना है। 

पत्रकारों के पूछने पर कि क्या वह अन्नाद्रमुक के कार्यालय में जाएगी तो उसने उत्तर दिया, ‘‘इंतजार कीजिए और देखिए।’’ उसने यह भी कहा कि अपनी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं के लिए वह सक्रिय राजनीति में आएगी। शशिकला के चेन्नई आते हुए उसकी कार खराब हो जाने पर उसे अपनी कार में बिठाने वाले अन्नाद्रमुक नेता दक्षिणमूर्ति व उसका स्वागत करने वाले अपने 7 पदाधिकारियों को पार्टी से निकालने की अन्नाद्रमुक ने घोषणा कर दी है। शशिकला द्वारा अपनी कार पर जयललिता के चित्र के साथ अन्नाद्रमुक का झंडा लगाने पर उसके अन्नाद्रमुक के साथ टकराव के संकेत मिलने लगे हैं तथा उसके विरुद्ध दो एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई गई हैं क्योंकि पार्टी उसे पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। 

उल्लेखनीय है कि एक ओर द्रमुक तथा कांग्रेस राज्य में अन्नाद्रमुक और भाजपा को सत्ता में आने से रोक कर खुद राज्य की सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए प्रयत्नशील है तो दूसरी ओर दक्षिण में अपने पैर जमाने के लिए प्रयत्नशील भाजपा, शशिकला तथा अन्नाद्रमुक के साथ मिल कर तमिलनाडु में चुनाव लडऩे की इच्छुक है ताकि द्रमुक व कांग्रेस को सत्ता में आने से रोका जा सके। भाजपा तमिलनाडु में लगभग 50 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है। ‘सुपरस्टार’ रजनीकांत द्वारा नई पार्टी बनाने की घोषणा से भाजपा को उनसे सहायता मिलने की काफी उम्मीद थी परन्तु उनके अपने फैसले से पलट जाने के बाद अब भाजपा शशिकला को दोबारा अन्नाद्रमुक में वापस लाने के लिए दबाव डालने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार इस बारे तीनों पक्षों की जल्दी ही बैठक हो सकती है। 

हालांकि शशिकला ने कभी चुनाव नहीं लड़ा और उस पर जन प्रतिनिधित्व कानून-1951 के अंतर्गत अगले 6 वर्षों के लिए चुनाव लडऩे पर रोक लगी हुई है परन्तु राजनीति के मैदान में वह नई खिलाड़ी नहीं है। जयललिता के साथ 30 वर्षों के संबंधों ने उसेे बहुत कुछ सिखाया है और इस क्रम में शशिकला ने अन्नाद्रमुक में अपना विशेष प्रभावक्षेत्र भी बना लिया था। पार्टी का वफादार वोट बैंक माने जाने वाले ‘थेवर’ समुदाय पर उसका प्रभाव हैै। तमिलनाडु में अप्रैल में चुनाव संभावित हैं और यह देश का एकमात्र राज्य है जहां राजनीतिक भ्रष्टाचार की संस्कृति आम है। यहां मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के घरेलू उपहार खुलेआम बांटे जाते हैं जिसकी शुरुआत जयललिता ने की थी। अब भ्रष्टाचार के आरोप में कैद काट कर आई  शशिकला के भारी स्वागत से स्पष्ट है कि वहां भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है। 

शशिकला के जेल से रिहा होकर चेन्नई पहुंचने और सक्रिय राजनीति से जुडऩे के बाद अब उसका मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के साथ टकराव बढ़ेगा या शशिकला और पलानीस्वामी भाजपा के साथ मिल कर द्रमुक तथा कांग्रेस का मुकाबला करेंगे, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।—विजय कुमार  


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