‘भारतीय समाज में’ बढ़ रही हैं आत्महत्याएंं!
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 03:21 AM (IST)
देश में विभिन्न कारणों से सभी वर्गों के लोगों में आत्महत्या करने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं जिससे बड़ी संख्या में परिवार उजड़ रहे हैं। मात्र 24 अक्तूबर को सामने आई एक दिन की निम्न घटनाओं से स्पष्टï है कि यह समस्या कितना गंभीर रूप धारण करती जा रही है :
* ‘सतारा’ (महाराष्ट्र) में ‘फलटन’ तहसील के एक सरकारी अस्पताल की महिला डाक्टर ने आत्महत्या कर ली। अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में डाक्टर ने एक पुलिस उप निरीक्षक ‘गोपाल बदाने’ पर उसके साथ कई बार बलात्कार करने और ‘प्रशांत बांकर’ नामक एक अन्य पुलिस कर्मी पर उसे मानसिक रूप से परेशान करने के आरोप लगाए हैं।
* ‘देवरिया’ (उत्तर प्रदेश) में अपनी 6 वर्षीय बेटी के बलात्कार से आहत उसकेपिता ने आत्महत्या कर ली। बलात्कार करने वाला इसी बच्ची के पिता का मित्र था जो उनके साथ एक ही मकान में किराए पर रहता था।
* ‘कोटा’ (राजस्थान) में ‘सरकारी मैडीकल कालेज’ में एम.बी.बी.एस. की तीसरे वर्ष की छात्रा ‘प्राची मीणा’ ने हाल ही में सम्पन्न परीक्षा में कम अंक पाने के कारण डिप्रैशन में आत्महत्या कर ली।
* ‘मध्य मुम्बई’ में ‘सोनू बराई’ नामक युवक ने अपनी प्रेमिका ‘मनीषा यादव’ को मिलने के बहाने बुलाया। ‘सोनू बराई’ को संदेह था कि ‘मनीषा’ के किसी दूसरे युवक से अवैध सम्बन्ध हैं। इस कारण दोनों में झगड़ा हुआ और फिर ‘सोनू’ ने चाकू से उसे मार डालने के बाद स्वयं भी अपना गला रेत कर अपने जीवन का अंत कर दिया।
* ‘एर्नाकुलम’ (केरल) में ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी)’ की स्थानीय समिति के पूर्व सचिव ‘पंकजाक्षन’ ने आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार ‘पंकजाक्षन’ ने यह कदम आॢथक कारणों से डिप्रैशन का शिकार होने के परिणामस्वरूप उठाया।
* ‘लाडवा’ (हरियाणा) के ‘बपदा’ गांव में 6 महीने की गर्भवती महिला ‘काजल’ ने घर में फंदा लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतका की बहनों के अनुसार 22 अक्तूबर, 2023 को विवाह के बाद से ही ‘काजल’ अपने ससुराल में दुखी थी।
* ‘गनौर’ (हरियाणा) के गांव ‘नया बांस’ में दहेज प्रताडऩा से तंग आकर ‘रवीना’ नामक एक महिला ने फंदा लगा कर अपनी जान दे दी। मृतका के मायके वालों का आरोप है कि विवाह के बाद से ही उसे लगातार ससुराल वालों द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा था।
* ‘रायपुर’ (छत्तीसगढ़) में 25 वर्षीय नवविवाहिता ‘मंजूषा गोस्वामी’ ने अपने पति आशीष द्वारा किसी बात पर नाराज होकर उसे थप्पड़ मार देने से आहत होकर फांसी लगा ली।
* ‘अलवर’ (राजस्थान) के गांव ‘बहला’ में पैसों को लेकर अपने पिता से विवाद के चलते ‘राहुल जाटव’ नामक युवक ने अपनी पत्नी की साड़ी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
* ‘कोयम्बटूर’ (तमिलनाडु) में ‘डिफैंस सिक्योरिटी कोर’ के जवान ‘एस.सानू’ ने ‘सुल्लूर’ एयरफोर्स स्टेशन में अपने सॢवस रिवाल्वर से स्वयं को गोली मार ली। उसकी पत्नी का कहना है कि वह तनाव में था।
ये तो मात्र एक दिन में सामने आई घटनाएं हैं। इन्हीं से अनुमान लगाया जा सकता है कि एक वर्ष में कितने लोग अपनी जान गंवा लेते होंगे। ज्यादातर करियर, दुव्र्यवहार, ङ्क्षहसा, पारिवारिक समस्याएं, विवाह, काम सम्बन्धी तनाव, प्रेम प्रसंग, बलात्कार आदि समस्याएं आत्महत्याओं के कारण बन रही हैं। इनका एक मुख्य कारण संयुक्त परिवारों का न होना भी है।
परिवार में कोई बड़ा-बुजुर्ग, माता-पिता आदि न होने के कारण अवसादग्रस्त व्यक्ति ऐसा कदम उठाने को प्रेरित हो जाता है और अपने पीछे परिवार को रोता-बिलखता छोड़ जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बच्चों को बचपन से ही मानसिक तौर पर मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि वह किसी भी स्थिति में हौसला न हारें और खुद की जीवन लीला समाप्त करने की नौबत न आए।—विजय कुमार
