घाटी में पत्थरबाजी घटी लेकिन अभी काफी कुछ करना बाकी

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2023 - 05:22 AM (IST)

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 की समाप्ति के बाद राज्य की स्थिति में काफी बदलाव नजर आया है। केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के परिणामस्वरूप घाटी में पत्थरबाजी जैसी घटनाएं क्रियात्मक रूप से शून्य रह गई हैं तथा आतंकवाद की घटनाओं में भी कमी आई है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि घाटी में पृथकतावादी तथा आतंकवादी गिरोहों द्वारा पाकिस्तान की उकसाहट पर हिंसात्मक गतिविधियों द्वारा सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने का दौर अब समाप्त हो चुका है तथा उसका स्थान शांति और विकास ने ले लिया है। श्री सिन्हा का कहना है कि अब यहां पुनर्सीमांकन तथा मतदाता सूचियों में संशोधन के बाद चुनाव कराने का फैसला पूर्णत: चुनाव आयोग पर निर्भर करता है। 

इस बीच घाटी में कश्मीरी तथा गैर कश्मीरी हिंदुओं की हत्याओं में आई तेजी ने सुरक्षा के मोर्चे पर मिली सफलता को फीका किया है। 5 अगस्त, 2019 के बाद नागरिकों की जितनी हत्याएं हुई हैं उनमें से 50 प्रतिशत केवल गत 8 महीनों में हुई हैं। इसके अलावा जम्मू में हिंदू बहुल क्षेत्रों पर हमलों के प्रयास हुए हैं। वर्ष 2022 में आतंकवादियों ने 22 लक्षित हत्याएं कीं जबकि इस वर्ष भी ये जारी हैं। गत 29 मई को लक्षित हत्या को अंजाम देने का प्रयास किया तथा अनंतनाग जिले के ऊधमपुर में सर्कस कर्मचारी दीपू को निशाना बनाया गया जबकि इसके डेढ़ महीने बाद ही 14 जुलाई को शोपियां में 3 प्रवासी मजदूरों को घायल कर दिया गया।  

जम्मू में वर्ष 2022 की शुरुआत हिंदू नागरिकों की हत्या के साथ हुई। ऐसा कई वर्षों के बाद देखा गया। जम्मू में घुसपैठ की कई घटनाएं हुईं जिनमें कई जवान शहीद हुए जबकि आतंकी भागने में कामयाब रहे। इस बीच घाटी में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की योजना बना रहे आतंकवादियों के मददगारों की हथियारों के साथ गिरफ्तारी तथा आतंकवादियों के ठिकानों से गोला-बारूद आदि की बरामदगी का सिलसिला भी जारी है। लिहाजा सरकार के दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर की स्थिति गंभीर सुरक्षा प्रबंधों की मांग करती है ताकि यहां पक्की शांति कायम कर एक बार फिर 30 वर्ष पहले वाला सुनहरा दौर वापस लाया जा सके। 


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