बिजली संकट से निपटने के लिए सोलर पैनल लगाए जाएं
punjabkesari.in Tuesday, Oct 12, 2021 - 03:06 AM (IST)
कोयले की कमी के चलते राजधानी दिल्ली सहित अनेक राज्यों पंजाब, मध्य प्रदेश, बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र प्रदेश आदि में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। जहां पंजाब में बिजली संयंत्र 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलने के कारण 13 अक्तूबर तक प्रतिदिन 3 घंटे तक बिजली कटौती लागू की गई है वहीं केरल में बिजली मंत्री के. कृष्णनकुट्टी ने भी कट लगाने का संकेत दे दिया है।
देश में कोयले की उपलब्धता को लेकर भ्रामक स्थिति बनी हुई है। जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले प्लांटों को पर्याप्त कोयले के अतिरिक्त गैस देने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा है कि देश में कोयले की कमी नहीं और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी यही बात दोहराई है। हालांकि केंद्रीय मंत्रियों ने दिलासा देने की कोशिश की है, परंतु वास्तविकता कुछ अलग है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने पूछा है कि यदि बिजली का संकट नहीं है तो देश भर में बिजली के कट क्यों लग रहे हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बारे मोदी सरकार को पत्र क्यों लिखा?
अत: हमारा सुझाव है कि दूसरे देशों की भांति हमारे देश में भी प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा के अधिक से अधिक इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए और केंद्र तथा राज्य सरकारें जल्द से जल्द सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूलों आदि की छतों पर अधिक से अधिक सोलर पैनल लगवाएं। निजी उद्योगों के संचालकों तथा बड़ी इमारतों के मालिकों को भी अपने यहां सोलर पैनल लगाने चाहिएं। इससे किसी सीमा तक बिजली की कमी पूरी हो सकेगी और इनसे ऊर्जा प्राप्त करने पर सिवाय इंस्टालेशन पर आने वाले खर्च के अधिक खर्च भी नहीं आता। चूंकि परमाणु बिजली जैसे ऊर्जा स्रोत महंगे एवं जोखिमपूर्ण हैं अत: सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के साथ-साथ पवन ऊर्जा, बायो गैस प्लांटों को भी सबसिडी आदि के माध्यम से बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
घर-घर ए.सी. व अन्य उपकरण पहुंच जाने के कारण बिजली की खपत पहले ही बढ़ चुकी है तथा भविष्य में इसमें और वृद्धि होने की संभावना है, अत: सरकार को सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा जैसी परियोजनाएं कायम करने के लिए अधिकतम रियायतें देना और सबसिडी देने की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए ताकि लगातार बढ़ रही बिजली की मांग को पूरा किया जा सके।—विजय कुमार
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