चंद्रयान-3 के बारे में ‘चंद नेताओं के बयान’ पढ़िए और हंसिए!
punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2023 - 05:18 AM (IST)

चंद्रमा की बनावट, उसकी थर्मल प्रापर्टीज़ (तापीय गुण), उसकी सतह के नीचे की हलचल, वहां पानी की तलाश आदि की जानकारी जुटाने के लिए भेजे गए ‘चंद्रयान-3’ मिशन की 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी धु्रव पर सफल लैंडिंग पर जहां देश में जश्न का माहौल है, वहीं इस मिशन बारे हमारे चंद नेताओं का अधूरा ज्ञान और उनके बयान लोगों में मजाक का विषय बने हुए हैं।
भाजपा की सहयोगी ‘सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी’ के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ‘‘जो (वैज्ञानिक) चंद्रयान में बैठकर गए हैं उन्हें कल सकुशल धरती पर वापस आने पर पूरे देश को उनका स्वागत करना चाहिए। हम ‘इसरो’ के उन सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हैं जो दिन-प्रतिदिन एक नई खोज करते हैं।’’
राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना (कांग्रेस) ने कहा, ‘‘हम कामयाब हुए हैं और सेफ लैंडिंग हुई है। हमारे जो यात्री गए हैं, मैं उनको सलाम करता हूं। हमारा देश साइंस रिसर्च में एक कदम आगे बढ़ा है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो एक कार्यक्रम में देश के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का नाम तक भूल गईं और उनके स्थान पर बालीवुड के फिल्म निर्माता राकेश रोशन का नाम लेते हुए बोलीं : ‘‘जब राकेश रोशन चांद पर उतरे तो इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि ‘भारत वहां से कैसा दिखाई देता है?’ तो उन्होंने उत्तर दिया ‘सारे जहां से अच्छा’।’’ (याद रहे कि राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में 8 दिन ही बिताए थे जबकि ममता का भ्रांतिवश मानना था कि राकेश शर्मा चांद पर उतरे थे।)
ममता बनर्जी की पार्टी के विधायक इदरीस अली ने भी कहा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक स्टंट और दिखावे के अलावा कुछ नहीं है। इससे आम गरीब लोगों को कितना लाभ होगा?’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जद-यू) पटना में एक समारोह में पहुंचे तो मीडिया ने उनसे ‘चंद्रयान-3’ पर सवाल पूछ लिया। वह इस सवाल को समझ नहीं पाए और कुछ देर शांत रहने के बाद उन्होंने अपने पास खड़े मंत्री अशोक चौधरी से इस बाबत पूछा। जब अशोक चौधरी ने उनके कान में ‘चंद्रयान-3’ की लैंडिंग की बात बताई तो नीतीश कुमार बोले, ‘‘सफल लैंडिंग अच्छी बात है, होने दीजिए।’’
‘राजद’ के नेता और पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने ‘चंद्रयान-3’ की चांद पर सफल लैंडिंग के लिए भारतीय ‘इसरो’ की बजाय अमरीका के ‘नासा’ को बधाई देते हुए कहा : ‘‘चंद्रयान-3 की जो सफल लैंडिंग चांद पर हुई है इसके लिए मैं ‘नासा’ के सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। देश के वैज्ञानिकों ने कई बार सफल कार्यक्रम किया है।’’ भाजपा ने इसके जवाब में कहा है कि ‘‘घमंडिया ‘आई.एन.डी.आई.ए.’’ गठबंधन के सिर पर अमरीकी स्पेस एजैंसी ‘नासा’ का नशा अभी भी सवार है।’’
उक्त बयानों को पढ़ कर निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि आज जहां देश चंद्रयान-3 की उपलब्धि के जश्न में डूबा हुआ है, कुछ नेता इस बारे अपनी अनभिज्ञता प्रदर्शित कर रहे हैं। इसी कारण लोगों का कहना है कि क्या हमारे चंद नेताओं की जानकारी का स्तर इतना कम है कि उन्हें दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को चार-चांद लगाने वाले इस सफल मिशन के बारे में भी सही जानकारी नहीं है, तो देश की अन्य समस्याओं के बारे में उन्हें कितनी जानकारी होगी।
उल्लेखनीय है कि जहां चंद्रमा पर साफ्ट लैंङ्क्षडग करने वाले चीन के अंतरिक्ष यान ‘चांग-4’ पर 1752 करोड़ रुपए और हाल ही में चांद की सतह पर क्रैश कर जाने वाले रूस के ‘लूना-25’ मिशन पर 1600 करोड़ रुपए की लागत आई थी, वहीं भारत के मानव रहित ‘चंद्रयान-3’ मिशन पर 615 करोड़ रुपए की लागत ही आई है तथा यह दुनिया का सबसे सस्ता अंतरिक्ष मिशन माना जाता है।—विजय कुमार