देश में रेल दुर्घटनाएं लगातार जारी कहीं आग, कहीं सिग्नल जम्प, कहीं टूट रहे कपलिंग
punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2023 - 04:03 AM (IST)

ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुई रेल दुर्घटना में 291 यात्रियों की मौत के बाद भी रेलवे में लापरवाही के परिणामस्वरूप रेल दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है। नवीनतम दुर्घटना में 26 अगस्त को तमिलनाडु के मदुरै रेलवे जंक्शन पर खड़ी एक पर्यटक ट्रेन के प्राइवेट कोच में आग लगने से 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हो गए। यह कोच चार धाम यात्रा के लिए लखनऊ से रामेश्वरम तक बुक करवाया गया था। बताया जाता है कि कुछ यात्रियों ने कोच के अंदर रखे अवैध गैस सिलैंडर से चाय बनाने का प्रयास किया और सिलैंडर में ब्लास्ट हो गया जिससे कोच में आग लग गई। उल्लेखनीय है कि रेलवे कोचों में गैस सिलैंडर सहित कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की सख्त मनाही है।
* 26 अगस्त को ही त्रिपुरा में अगरतला तथा सबरूम के बीच एक लोकल ट्रेन एक बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बच गई जब वह ट्रैक पर छोड़े गए एक भरे हुए ट्रालर से टकरा गई लेकिन चालक किसी तरह ट्रेन को पटरी से उतरने से रोकने में सफल हो गया।
* 22 अगस्त को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मथुरा से हावड़ा जा रही चम्बल एक्सप्रैस बिहार के भभुआ स्टेशन के निकट रैड सिग्नल पार कर गई और इसके 8 डिब्बे लूप लाइन में पहुंच गए। सौभाग्यवश वहां कोई रेलगाड़ी खड़ी न होने के कारण दुर्घटना टल गई।
* 22 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के करमा क्षेत्र में राबर्ट्र्सगंज से चुनार की ओर जा रही कोयले से लदी मालगाड़ी की कपङ्क्षलग टूट जाने के परिणामस्वरूप यह दो हिस्सों में बंट गई।
* 18 अगस्त को 3 रेलगाडिय़ां अग्निकांडों का शिकार हुर्ईं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के सिंधोली रेलवे स्टेशन के निकट उदयपुर-खजुराहो इंटर सिटी एक्सपैस ट्रेन के इंजन में आग लग गई।
छिंदवाड़ा जिले में पांडुणां रेलवे स्टेशन पर नई दिल्ली से हैदराबाद जा रही तेलंगाना एक्सप्रैस की पैंट्री कार से धुआं निकलता देखा गया और कर्नाटक के बेंगलुरू सिटी रेलवे स्टेशन पर खड़ी उद्यान एक्सप्रैस के 2 डिब्बों में आग लग गई। इन सभी अग्निकांडों पर समय रहते काबू पा लिया गया, अन्यथा कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।
* 9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के रामपुरा हाट में हावड़ा-जयनगर पैसेंजर ट्रेन के दोनों लोको पायलट गाड़ी को सिग्नल से आगे 100 मीटर तक निकाल कर ले गए, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। ट्रेन के यात्रियों की शिकायत है कि दोनों लोको पायलट शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे।
* 4 अगस्त को प्रयागराज जंक्शन से लखनऊ जा रही गंगा गोमती एक्सप्रैस लाल गोपालगंज स्टेशन के निकट दुर्घटनाग्रस्त होने से उस समय बाल-बाल बची जब पटरी में आई दरार देख कर वहां से गुजर रहे पप्पू यादव नामक एक किसान ने अपना लाल गमछा लहरा कर ट्रेन को रुकवा दिया।
* 1 अगस्त को उत्तर प्रदेश के रामपुर में मुरादाबाद से बरेली की ओर जा रही मालगाड़ी का चालक 2 सिग्नलों को ओवरशूट (उपेक्षा) करके सीधा आगे बढ़ गया, जबकि उसके आगे उसी लाइन पर पोरबंदर एक्सप्रैस जा रही थी। गनीमत रही कि गेटमैन ने लाल झंडी दिखाकर मालगाड़ी को रुकवा दिया।
* 31 जुलाई को भुसावल के निकट रेल ट्रैक में क्रैक आ जाने के कारण कुछ ही समय में वहां से गुजरने वाली सचखंड एक्सप्रैस को समय रहते रोक दिया गया, अन्यथा कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
* 31 जुलाई को ही उत्तराखंड में टनकपुर रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी एक्सप्रैस का इंजन बिना डिब्बों के ही पटरी पर दौड़ गया और तीन किलोमीटर आगे जाने के बाद लोको पायलट को इंजन के साथ डिब्बे न होने का एहसास होने पर वह इंजन को वापस स्टेशन पर लेकर आया।
* 31 जुलाई को ही जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रैस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों को बिहार के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन के निकट लाल सिग्नल जम्प करने पर निलंबित किया गया। प्रश्र चिन्ह लगाती उक्त दुर्घटनाएं स्पष्ट प्रमाण हैं कि भारतीय रेलें किस कदर बड़ी दुर्घटनाओं के जोखिम में हैं, जिसमें रेल कर्मचारियों और किसी सीमा तक यात्रियों की लापरवाही भी देखी जा रही है। इस तरह की अप्रिय स्थिति पैदा न हो, इसके लिए भारतीय रेलों के कार्यकलाप, रख-रखाव और सुरक्षा प्रबंधों में तुरंत बहुआयामी सुधार लाने की जरूरत है।—विजय कुमार