‘गर्मी में बिजली के कटों व फाल्टों से’‘जनता परेशान’

punjabkesari.in Thursday, May 23, 2024 - 05:17 AM (IST)

इन दिनों आधे से अधिक देश में भारी गर्मी पडऩे से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ पड़ा है। बिजली के लगने वाले कटों और पडऩे वाले फाल्टों से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वे रूम कूलर तथा एयर कंडीशनरों का इस्तेमाल करके राहत पाने में असमर्थ हैं। राजधानी दिल्ली में बिजली की मांग में बढ़ौतरी का पिछले साल का रिकार्ड टूट गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार 22 मई, 2024 को वहां बिजली की मांग 8000 मैगावॉट तक पहुंच गई, जो 2023 में दर्ज की गई बिजली की अधिकतम मांग (7438 मैगावाट) से अधिक थी। पंजाब में मई महीने में बिजली की मांग में लगभग 40 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि हुई है। इस वर्ष 10 मई को मांग 10,402 मैगावाट थी जो इस समय 14,322 मैगावाट के आंकड़े को पार कर चुकी है। 

इसी प्रकार हरियाणा में भी बिजली की मांग में 30-35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहां गत वर्ष बिजली की मांग लगभग 8009 मैगावाट दैनिक थी जो इस वर्ष मई में 10,125 मैगावाट तक पहुंच गई। हिमाचल में भी एक मास पूर्व प्रतिदिन 340 से 345 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही थी जो इस समय बढ़ कर 360 लाख यूनिट हो गई है। राजस्थान में गत वर्ष मई में बिजली की मांग 2800 से 3000 लाख यूनिट दैनिक थी जो इस वर्ष 3300 से 3500 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश में भी गांवों से लेकर शहरों तक बिजली कटौती जोरों पर है और ‘लोकल फाल्ट’ के नाम पर बिजली कटौती चालू है। राज्य में बिजली की मांग मई में 28,291 मैगावाट से बढ़ कर जून में 29,853 मैगावाट और जुलाई में 30,581 मैगावाट, अगस्त में 31,585 मैगावाट और सितम्बर में 31,917 मैगावाट तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। 

अन्य राज्यों में भी लोगों को लगभग इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह ट्रांसफार्मरों पर बिजली का लोड बढ़ जाने के कारण उनमें आग भी लगने के कारण फ्यूज उडऩे और अन्य फाल्ट पडऩे की शिकायतों में लगातार वृद्धि हो रही है। शार्ट सॢकट होने के परिणामस्वरूप जगह-जगह अग्निकांड भी हो रहे हैं। बिजली की मांग बढऩे और सिस्टम ओवरलोड होने के कारण अकेले पंजाब में ही प्रतिदिन 20,000 के लगभग फाल्ट की शिकायतें मिल रही हैं और 6 से 8 घंटों तक के पावर कटों से जनता का हाल खराब हो रहा है। अधिकांश लोगों को शिकायत है कि विभागीय कर्मचारियों द्वारा फाल्ट ठीक करने के लिए समय पर न पहुंचने और फोन न उठाने के कारण उन्हें दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

कई बार बिजली घरों में कर्मचारियों की अनुपस्थिति भी उनकी समस्याओं को बढ़ा रही है। कई जगह बिजली कटों के कारण लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं और कई जगह लोग धरना-प्रदर्शन करके रोष व्यक्त कर रहे हैं। 22 मई को होशियारपुर के गांव ‘चक्क साधु’ में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने सड़क जाम करके असंतोषजनक बिजली सप्लाई के विरुद्ध रोष व्यक्त किया। इस तरह के हालात में जानकारों का कहना है कि ज्यादातर राज्यों में बिजली के पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण भी फाल्ट पैदा हो रहे हैं। इसे देखते हुए लोगों की बढ़ रही जरूरतों के अनुसार बिजली के लोड की वृद्धि के अनुरूप ही ट्रांसफार्मरों, तारों व अन्य उपकरणों की क्षमता बढ़ाने तथा खराब एवं पुराने पड़ चुके उपकरणों को बदलने की तुरंत आवश्यता है। इसके अलावा देश में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है। इससे न केवल बिजली उपभोक्ताओं के खर्च की बचत होगी बल्कि थर्मल बिजली उत्पादन के कारण होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। 

उपभोक्ताओं को भी चाहिए कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार बिजली का न्यूनतम इस्तेमाल करें, ताकि मांग नियंत्रण में रहे और फाल्ट पैदा होने व कट लगाने की नौबत कम आए। वे अपने इस्तेमाल होने वाले लोड की सही जानकारी विभाग को दें। इससे डिमांड के अनुसार सिस्टम को अपडेट किया जा सकेगा और फाल्ट पडऩे की संख्या में कमी आएगी।—विजय कुमार 


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