भारत में भुखमरी की समस्या

punjabkesari.in Monday, Oct 18, 2021 - 03:13 AM (IST)

‘वैश्विक भुखमरी सूचकांक’ अर्थात ‘ग्लोबल हंगर इंडैक्स 2021’ की नवीनतम सूची भारत के लिए चिंताजनक बात है। गत वर्ष सूची में 94वें स्थान से खिसक कर भारत 101वें स्थान पर पहुंच गया है। इस बार की सूची में कुल 116 देशों में से भारत को यह स्थान मिला है जिसका अर्थ है कि केवल भारत ही 15 देशों से  बेहतर स्थिति में है। 

इस सूची में पाकिस्तान 92वें स्थान पर तथा नेपाल और बंगलादेश दोनों का संयुक्त रूप से 76वां स्थान है। उनकी स्थिति भी ङ्क्षचताजनक बताई गई है परंतु रिपोर्ट के अनुसार नागरिकों को भोजन उपलब्ध करवाने के मामले में उनकी स्थिति भारत से बेहतर है। भारत उन 31 देशों में भी शामिल है जहां भुखमरी की समस्या काफी गंभीर मानी गई है। वहीं सूची में 5 से कम जी.एच.आई. (ग्लोबल हंगर इंडैक्स) स्कोर के साथ चीन, ब्राजील और कुवैत शीर्ष स्थान पर हैं। जी.एच.आई. स्कोर कम होने का अर्थ यह है कि उस देश में भुखमरी का स्तर कम चिंताजनक है। किसी देश का जी.एच.आई. स्कोर अधिक होने का अर्थ है उस देश में भुखमरी का गंभीर संकट है। 

भारत का जी.एच.आई. स्कोर वर्ष 2000 में 38.8 था जो 2012-21 की अवधि में गिरकर 28.8-27.5 पहुंच गया है। आयरलैंड की एजैंसी  ‘कन्सर्न वल्र्डवाइड’ और जर्मनी के संगठन ‘वेल्ट हंगर हिल्फ’ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोविड महामारी और उसके पश्चात आॢथक मंदी से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। 

जी.एच.आई. स्कोर 4 पैमानों के आधार पर तय किया जाता है- पोषण की कमी, ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ (5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिनका वजन उनकी लंबाई के हिसाब से कम है जो गम्भीर रूप से पोषण की कमी का संकेत है), ‘चाइल्ड स्टंटिंग’ (5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिनकी उम्र के अनुसार लम्बाई कम है जो अति गम्भीर रूप से पोषण की कमी का संकेत है) व बाल मृत्यु दर (5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर)। 

बेशक इस रिपोर्ट को इस आधार पर सरकार ने नकारा है कि इसकी आकलन करने की विधि सही नहीं है परंतु इतना तो साफ है कि भारत में भुखमरी को लेकर संकट बरकरार है। जी.एच.आई. के अनुसार इसके कारणों पर गौर करें तो इसके लिए तीन कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार नजर आते हैं-पहला जलवायु (क्लाईमेट), दूसरा कोरोना और तीसरा कन्फ्लिक्ट (टकराव) है और इसमें सुधार की अत्यधिक आवश्यकता है। जी.एच.आई. के मुताबिक ऐसे में यदि स्वस्थ और बुद्धिशील बच्चों को भारत का भविष्य बनना है तो भुखमरी की समस्या से युद्ध स्तर पर लडऩा होगा। 


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