पैट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ राहत घरेलू गैस की कीमतें भी घटाई जाएं

punjabkesari.in Friday, Oct 05, 2018 - 04:04 AM (IST)

देश में इन दिनों पैट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से मची ‘हाहाकार’ के बीच परिवहन महंगा होने के साथ-साथ किसानों की पहले से ही बदहाल स्थिति और खराब हो जाने की आशंका पैदा हो गई थी। विशेषकर रबी की फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पडऩे की आशंका थी क्योंकि डीजल कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है और खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर पम्प सैट तक डीजल से ही चलते हैं। 

इसी को लेकर बढ़ रहे जनरोष व आगामी चुनावों को देखते हुए 3 अक्तूबर को कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेतली और पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जनता को राहत देने के उपायों बारे चर्चा हुई। तीनों नेताओं की बैठक के बाद केंद्र सरकार ने 4 अक्तूबर को पैट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए इनकी कीमत में 2.50 रुपए प्रति लीटर कटौती की घोषणा कर दी। इसके लिए सरकार पैट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में डेढ़ रुपए प्रति लीटर की कटौती करेगी तथा तेल कम्पनियां भी एक रुपए प्रति लीटर दाम घटाएंगी जिससे उपभोक्ताओं को 2.50 रुपए प्रति लीटर राहत मिलेगी। 

श्री जेतली के अनुसार एक्साइज ड्यूटी में कटौती से केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुक्सान होगा। उन्होंने राज्य सरकारों से भी पैट्रोल व डीजल की कीमतों में इतनी ही कटौती करने का अनुरोध किया है ताकि ग्राहकों को 5 रुपए प्रति लीटर की राहत मिले। श्री अरुण जेतली की घोषणा के तुरन्त बाद महाराष्ट्र और गुजरात की भाजपा सरकारों ने भी अपनी ओर से 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की घोषणा कर दी है अर्थात इन राज्यों में पैट्रोल और डीजल कुल 5 रुपए सस्ता हुआ है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा, उत्तराखंड और असम में भी कटौती कर दी गई है। 

इस तरह अब तक 9 राज्यों में तेल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर की कमी हो गई है। इसी बीच बाद के समाचारों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हवाले से बताया गया है कि उक्त राज्यों के अलावा सभी भाजपा शासित राज्यों में पैट्रोल और डीजल पर अढ़ाई रुपए कम करने का निर्णय लिया है जिससे पैट्रोल और डीजल के दाम 5 रुपए कम होंगे। श्री जेतली के अनुसार बाहरी दबावों के कारण तेल के दाम बढ़े हैं और ब्रैंट क्रूड 3 अक्तूबर को 4 साल से उच्चतम स्तर 86 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। जबकि अमरीका में ब्याज दर 7 साल के उच्च स्तर पर है जिसके चलते भी तेल की कीमतों पर असर पड़ा है। 

जहां केंद्र सरकार ने पैट्रोल और डीजल की कीमतों में कुछ राहत दी है परंतु हाल ही में सी.एन.जी. के अलावा सबसिडी रहित और सबसिडी वाली रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद से अब तक 52 महीनों में बिना सबसिडी वाले रसोई गैस के सिलैंडर की कीमत मई, 2014 में 414 रुपए से बढ़ कर अक्तूबर, 2018 में 831 रुपए प्रति सिलैंडर हो गई है। इसी प्रकार सबसिडी वाला जो सिलैंडर मई, 2014 में 412 रुपए में मिलता था वह अक्तूबर 2018 में 502 रुपए का हो गया। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा पैट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई कमी काफी नहीं है। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए तथा सी.एन.जी. और सबसिडी रहित तथा सबसिडी सहित रसोई गैस की कीमतों में भी कटौती करके आम लोगों को राहत देनी चाहिए जो आज के महंगाई के जमाने में अत्यंत आवश्यक है।—विजय कुमार 


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Pardeep

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