‘तेज रफ्तार का जुनून’‘सड़कों पर बह रहा खून’

punjabkesari.in Sunday, Mar 26, 2023 - 04:23 AM (IST)

इन दिनों लोगों का जीवन अत्यंत व्यस्त हो जाने के कारण समय बचाने के लिए तेज रफ्तार से वाहन चलाने का रुझान बढ़ गया है जिसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं में हर बीतने वाले वर्ष के साथ मौतों की गिनती भी लगातार बढ़ रही है।  
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं’ के अनुसार वर्ष 2021 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 70 प्रतिशत मौतें तेज रफ्तार के कारण हुईं जिनमें 1,07,276 लोगों ने प्राण गंवाए। तेज रफ्तार वाहन चलाने से दुर्घटनाओं के इसी माह के उदाहरण : 

* 6 मार्च को बालोद (छत्तीसगढ़) के गांव ‘कोकान’ के निकट तेज रफ्तार वाहन के पेड़ से टकरा जाने से एक युवक की मृत्यु हो गई। 
* 8 मार्च को बस्तर (छत्तीसगढ़) में तेज रफ्तार वाहनों के कारण विभिन्न स्थानों पर हुई 3 सड़क दुर्घटनाओं में 5 लोगों की जान चली गई। दुर्घटनाएं इतनी भयानक थीं कि वाहनों में फंसे मृतकों और घायलों को बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला जा सका। 

* 14 मार्च को शिमला (हिमाचल) में तेज रफ्तार कार ने पैदल जा रहे एक व्यक्ति को टक्कर मार दी जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। 
* 19 मार्च को सुबह सवेरे मुम्बई के ‘वर्ली सी फेस’ पर जॉगिंग कर रही महिला को एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी जिससे उसकी जान चली गई।
* 21 मार्च को भोपाल (मध्य प्रदेश) में एक तेज रफ्तार डम्पर के एक बाइक सवार को टक्कर मार देने से बाइक सवार लगभग 2 फुट हवा में उछल कर नीचे गिरा। हैल्मेट उसने बाइक के हैंडल पर टांग रखा था और इसे न पहनने के चलते सिर पर लगी गंभीर चोट उसकी मौत का कारण बनी। 

* 22 मार्च को कुल्लू (हिमाचल) के ‘सेनथुआ’ गांव के निकट एक कार बेकाबू होकर खाई में जा गिरी जिससे उसमें सवार एक व्यक्ति की मृत्यु तथा उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई।
* 22 मार्च को ही अम्बेदकर नगर (उत्तर प्रदेश) से बस्ती की ओर आ रही एक विवाह पार्टी की तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर एक ट्रैक्टर और बाइक से जा भिड़ी जिसके परिणामस्वरूप 4 लोगों की जान चली गई।  
* 22 मार्च को ही मोगा (पंजाब) में बस स्टैंड के गेट के पास एक प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कम्पनी की बस को चालू करने के लिए कुछ लोग धक्का लगा रहे थे तो अचानक बस ने स्पीड पकड़ ली और गेट के निकट खड़ी एक अध्यापिका को कुचल डाला।
* 23 मार्च को ही तरनतारन (पंजाब) के ‘पंडोरी संधवां’ गांव से तरनतारन  जा रहे एक युवक की बाइक को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई। 

* 23 मार्च को ही टनकपुर (उत्तराखंड) के पूर्णागिरी मेले में एक बेकाबू बस ने 2 सगी बहनों सहित 5 श्रद्धालुओं को कुचल दिया। 
* 24 मार्च को जलालाबाद (पंजाब) के गांव ‘खाई फेमेकी’ के निकट एक ‘टैम्पो ट्रैक्स’ गाड़ी व पंजाब रोडवेज की तेज रफ्तार बस में सीधी टक्कर से गाड़ी में सवार 4 लोगों की मृत्यु तथा 10 अन्य घायल हो गए।  
* 24 मार्च को ही जीरा (पंजाब) के गांव ‘शाहवाला’ के निकट सड़क के किनारे खड़ी 4 वर्षीय बच्ची को तेज रफ्तार कार ने कुचल डाला।  
* 24 मार्च को ही गुरदासपुर (पंजाब) के गांव ‘समुचक्क’ के निकट एक तेज रफ्तार वाहन ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। 

आजकल वाहनों में तकनीकी बदल गई है। जरा-सी देर में वाहन अत्यंत तेज रफ्तार पकड़ लेते हैं और पता ही नहीं चलता कि कब दुर्घटना हो गई। 
आमतौर पर लोग धूल-मिट्टी से बचाव के लिए चश्मा और सिर की रक्षा के लिए हैल्मेट लगाए बिना बाइक चलाते हैं और कभी-कभी बाइकों पर सवारियां भी 3-3, 4-4 बिठा लेते हैं। 

ऐसे में सड़क परिवहन विभाग द्वारा लोगों को तेज रफ्तार से वाहन चलाने के खतरों के बारे में आगाह करने के लिए नियमित रूप से विशेष जागरूकता अभियान चलाने तथा दोषियों को पकड़ कर दंड देने के लिए लगातार चैकिंग करना आवश्यक है। हालांकि दुर्घटनाएं रोकने के लिए न्यायालय ने बड़े वाहनों पर ‘स्पीड गवर्नर’ लगाने के आदेश दे रखे हैं परन्तु चंद राज्यों में ही यह आदेश लागू हो सका है। लोगों को यह अहसास कराना भी जरूरी है कि रफ्तार रोमांचित तो करती है परंतु जान भी लेती है और जब इस तरह की किसी दुर्घटना के परिणामस्वरूप परिवार का कोई सदस्य चला जाता है तब उसके नामलेवाओं के पास हाथ मलने और पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचता।—विजय कुमार


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