‘दिन-ब-दिन अपराधियों के बढ़ते हौसले’ ‘अब कर रहे पुलिस पर भी हमले’

punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 05:03 AM (IST)

देश में अपराधियों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और अब तो आपराधिक तत्वों ने दिन-दिहाड़े ड्यूटी दे रहे पुलिस कर्मियों पर हमले करने भी शुरू कर दिए हैं जिसके इसी महीने के 3 दिनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

  • 1 नवम्बर को बेतिया (बिहार) के ‘शिकारपुर’ में एक बुजुर्ग को परिजनों द्वारा प्रताडि़त करने की जांच करने गई पुलिस टीम पर बुजुर्ग के परिजनों ने हमला करके 3 पुलिस कर्मियों व कुछ अन्य लोगों को घायल कर दिया। उन्होंने सब इंस्पैक्टर का बैज नोच लिया और उसकी वर्दी भी फाड़ दी। 
  • 1 नवम्बर को ही बरेली (उत्तर प्रदेश) के प्रेम नगर में पुलिस की गश्ती टीम द्वारा कुछ लोगों को जुआ खेलने से रोकने पर उन्होंने पुलिस पार्टी पर हमला करके उनकी वर्दी फाड़ दी और डंडों से बुरी तरह से पीटा जिससे एक दारोगा तथा कुछ सिपाही घायल हो गए। 
  • 1 नवम्बर को ही मोतीहारी (बिहार) के पहाड़पुर में प्रेम प्रसंग के एक मामले में एक युवक को पकडऩे गई पुलिस टीम पर युवक के घर वालों तथा उसके पड़ोसियों ने लाठी-डंडों से हमला करके एक ए.एस.आई. तथा एक होमगार्ड जवान का सिर फोड़ डाला। 
  • 1 नवम्बर को ही शहडोल (मध्य प्रदेश) में कुछ बदमाशों को पकडऩे गई पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में एक पूर्व पार्षद और उसके बेटे-बेटी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 
  • 2 नवम्बर को छतरपुर (मध्य प्रदेश) के ‘देरी’ गांव में ईनामी हत्यारोपी को पकडऩे गई पुलिस टीम पर आरोपी ने ताबड़-तोड़ गोलियां चला दीं और मौका मिलते ही जंगल की ओर भाग गया। 
  • 2 नवम्बर को ही पूर्वी दिल्ली में एक पूर्व डी.एस.पी. द्वारा 2 युवतियों को हॉर्न बजाने से मना करने पर हुए विवाद के बाद दोनों युवतियों ने उसके घर के अंदर जबरदस्ती घुस कर उस पर चाकुओं से हमला कर दिया।
  • 2 नवम्बर को ही मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) के ‘देवर कंचन’ गांव में 2 पक्षों का विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला बोल दिया गया जिसमें चौकी इंचार्ज सहित 4 पुलिस कर्मी घायल हो गए। 
  • 3 नवम्बर को शामली (उत्तर प्रदेश) के ‘झिंझाना’ में एक हिस्ट्रीशीटर को पकडऩे गई ‘स्पैशल आप्रेशन ग्रुप’ (एस.ओ.जी.) की टीम पर हमला करके लोगों ने, जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं, न सिर्फ आरोपी को छुड़ा लिया बल्कि एस.ओ.जी. टीम के हथियार छीनने का प्रयास भी किया। 
  • 3 नवम्बर को ही अमृतसर (पंजाब) में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर हमला करके उन्हें गंभीर रूप से घायल करने और उनकी वर्दी फाडऩे के आरोप में थाना सदर की पुलिस ने 2 महिलाओं सहित 5 लोगों पर केस दर्ज करके उनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया। 
  • 3 नवम्बर को ही लुधियाना (पंजाब) के सिविल अस्पताल के  एमरजैंसी वार्ड में भीड़ होने के कारण जब एक पूर्व सैनिक और उसके परिवार को बाहर प्रतीक्षा करने को कहा गया तो पूर्व सैनिक ने वहां मौजूद ए.एस.आई. के मुंह पर मुक्का मार दिया और मारपीट की जिससे उसके मुंह से खून बहने लगा।  
  • एक अन्य मामले में उक्त अस्पताल में मैडीकल करवाने आए 2 पक्ष एमरजैंसी में ही भिड़ गए और पुलिस द्वारा उन्हें रोकने का प्रयास करने पर उन्होंने पुलिस कर्मचारियों को पीट डाला। 
  • 3 नवम्बर को ही दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में ‘हिट एंड रन’ के एक मामले में जब ड्यूटी पर तैनात दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के 2 कर्मचारियों ने एक कार सवार को रैड लाइट जंप करने पर रुकने का इशारा किया तो पहले तो वह रुका परंतु उसके तुरंत ही बाद दोनों कर्मियों को अपने वाहन से टक्कर मार कर उन्हें घसीटता ले गया जिससे वे दोनों घायल हो गए।  
  • 3 नवम्बर को ही झांसी (उत्तर प्रदेश) के प्रेम नगर थाना इलाके में जमीन पर कब्जे की शिकायत मिलने पर जांच करने पहुंची पुलिस टीम के साथ दबंगों ने गाली-गलौच करते हुए उस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया और इंस्पैक्टर का मोबाइल भी छीन लिया। 

ड्यूटी निभा रहे पुलिस कर्मियों पर हमलों की उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि आपराधिक तत्वों के हौसले किस कदर बढ़ते जा रहे हैं, जिन पर नकेल कसने के लिए ऐसे मामलों की जांच तेज करने और अपराधियों को तुरंत कठोरतम दंड देने की जरूरत है ताकि इस गलत रुझान पर रोक लग सके। यदि ऐसा न किया गया तो पुलिस छोटे-मोटे मामलों में दखल देना ही बंद कर देगी जिससे अंतत: आम लोगों की ही हानि होगी। -विजय कुमार 


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