अब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं से दरिंदगी

punjabkesari.in Monday, Nov 06, 2023 - 04:39 AM (IST)

देश में महिलाओं के विरुद्ध अत्याचारों का सिलसिला लगातार जारी है। विडम्बना यह है कि वे घर और बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। यहां तक कि शिक्षा संस्थान भी अब लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं रहे। 

1 नवम्बर को उत्तर प्रदेश में वाराणसी स्थित देश के अत्यंत पुराने और प्रतिष्ठाजनक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.)के परिसर में 3 बाहरी लोगों द्वारा अपने साथी के साथ जा रही एक छात्रा को निर्वस्त्र करने, उसे जबरदस्ती चूमने, उसके अश्लील वीडियो बनाने और फोटो खींचने की घटना को लेकर छात्र वर्ग में भारी असंतोष व्याप्त है। इसी प्रकार की एक अन्य घटना इसी विश्वविद्यालय में 30 अक्तूबर रात को 1.30 बजे भी हुई जिसमें एक अन्य छात्रा को भी ऐसी ही दरिंदगी का सामना करना पड़ा। 

ये दोनों ही घटनाएं विश्वविद्यालय में हुईं। आई.आई.टी.-बी.एच.यू. परिसर के सात गेट हैं और न तो वहां कोई गार्ड, सिक्योरिटी, कैमरे और न ही रोशनी की व्यवस्था थी जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बताए बिना अंदर आ सकता है। जहां अभी तक प्रवेश द्वारों पर कैमरों और सुरक्षा गार्डों का न होना कई प्रश्न खड़े करता है, वहीं प्रश्र यह भी है कि पुलिस जल्दी से हरकत में क्यों नहीं आई? क्या हमारे समाज में नैतिकता का इस तरह पतन हो गया है? यह हमारा कैसा समाज और कैसी पारिवारिक शिक्षा है। 

अमरीका जैसे विकसित देशों में रात को कॉलेज में लाइब्रेरियों के बाहर एक घंटी लगी होती है जिसे वहां से पढ़ कर निकलने वाले लड़के-लड़कियों द्वारा दबाने पर कैंपस पुलिस आकर उन्हें उनके ठिकाने तक पहुंचाती है। प्रश्न यह भी है कि आखिर शिक्षा संस्थानों के  कैम्पस में उन लोगों को आने ही क्यों दिया जाता है जिनका वहां कोई काम न हो? अत: हमारे जितने भी विश्वविद्यालय हैं उन्हें सुरक्षा के लिहाज से संतोषजनक बनाना अत्यंत आवश्यक है। याद रहे कि आई.आई.टी. जैसे उच्चतम शिक्षा संस्थानों के पास धन की कमी नहीं है।


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