‘मेरा भारत महान, जुग-जुग जीवे हिन्दुस्तान’ ‘हर बाधा को पार कर आगे बढ़ते जाएंगे’

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2024 - 06:30 AM (IST)

आज 15 अगस्त के दिन भारत अपनी स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे। स्वतंत्रता दिवस पर सर्वाधिक 17 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का रिकार्ड पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम है और उनके बाद इंदिरा गांधी ने 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने 6 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। देश की स्वतंत्रता के समय हमारी जनसंख्या 34.20 करोड़ के लगभग थी जो अब 140 करोड़ हो गई है और अब तक के सफर के दौरान हमने विकास के अनेक पड़ाव तय किए हैं। देश के ओर-छोर में रेल, बस और विमान सेवाओं का जाल फैलता जा रहा है। बदल-बदल कर सरकारें आ रही हैं। 

स्वतंत्रता के समय खाद्यान्न संकट से जूझ रहा हमारा देश आज दूसरे देशों को खाद्यान्न निर्यात कर रहा है। औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है। अंतरिक्ष अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि सभी क्षेत्रों में देश सफलता प्राप्त कर रहा है। कोरोना काल में विश्व को वैक्सीन सप्लाई करने के कारण भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ कहा जाने लगा है। बड़ी संख्या में भारतीयों ने विदेशों में उपलब्धियां प्राप्त की हैं और अमरीका, इंगलैंड तथा कनाडा सहित अनेक देशों में भारतीय उच्च पदों पर आसीन होकर अपनी मातृभूमि का गौरव बढ़ा रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लोगों में खुशहाली बढ़ी है। वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तथा कहीं-कहीं सड़कों पर ट्रैफिक जाम लगने लगे हैं।इन सब उपलब्धियों के बावजूद देश को अनेक समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। देश में शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी का आंकड़ा जो वर्ष 2000 में 35.2 प्रतिशत था वह 2022 में बढ़ कर 65.7 प्रतिशत हो गया। सड़क, रेल और विमान परिवहन बढऩे के साथ-साथ सड़क और रेल दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। देश में पिछले लगभग 15 महीनों में रेल दुर्घटनाओं में 300 से अधिक यात्रियों के प्राण जा चुके हैं, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में भी मौतें हो रही हैं।

देश में अपराध बढ़े हैं तथा बच्चियों और महिलाओं से बलात्कार हो रहे हैं। खुदरा महंगाई दर में भी वृद्धि हुई है और खाने-पीने की चीजें महंगी होने के कारण लोगों की रसोई का बजट बढ़ गया है। इन सब बातों के लिए कुछ विशेषज्ञ देश की बढ़ी हुई जनसंख्या को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। देश में आंतरिक तथा बाहरी खतरे बढ़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों के विरुद्ध ‘आप्रेशन आलआऊट’ जारी रहने के बावजूद वहां हिंसा जारी है। आतंकवादियों की सहायता करने के आरोप में उनके स्थानीय मददगार पकड़े जा रहे हैं। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। सुदूर उत्तर-पूर्व के मणिपुर में भी गत वर्ष 3 मई से जारी जातीय हिंसा थमने में नहीं आ रही है और वहां अब तक 225  से अधिक लोगों की मौत व 65,000 से अधिक लोग बेघर हुए हैं। जहां तक पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों का प्रश्न है, इनमें से पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और चीन के साथ हमारे सम्बन्ध पहले ही खराब चल रहे थे और ले-देकर बस एक बंगलादेश ही बचा था, परन्तु अब वहां भी हालात बदल रहे हैं। 

वहां प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के साथ हमारे दोस्ताना सम्बन्ध थे, परंतु वहां 5 अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद चीन समर्थक मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद स्थिति बदल गई है। तख्तापलट होते ही वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों तथा उनके धर्मस्थलों को नष्ट करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। शिक्षा संस्थानों तथा होस्टलों से हिन्दुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों को बाहर निकाला जा रहा है। इस तरह के हालात के बीच अपने पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए हम आशा करते हैं कि अतीत की भांति ही भविष्य में भी हम अपने मार्ग में आने वाली हर बाधा को पार करके आगे बढ़ते जाएंगे और हर भारत वासी की जुबान पर एक ही नारा होगा :‘मेरा भारत महान’, ‘जुग-जुग जीवे हिन्दुस्तान’।—विजय कुमार


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