‘आतंकवादियों के विरुद्ध’ अभियान में ‘अब ढील न आने पाए’

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 03:31 AM (IST)

तीन दशकों से आतंकवाद ग्रस्त कश्मीर में जारी हिंसा के बीच गत 5 और 7 अक्तूबर को 4 गैर मुस्लिमों की हत्या के बाद घाटी में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। इस बारे 8 अक्तूबर के संपादकीय ‘कश्मीर घाटी में फिर शुरू हुआ अल्पसंख्यकों की हत्याओं का दौर’ में हमने लिखा था :  

‘‘लगता है कि कुछ समय के दौरान आतंकी घटनाओं में कमी आ जाने के कारण हमारे सुरक्षा बलों की चौकसी में भी कुछ ढील आ गई हो। प्रदेश में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के मौजूद होने के बावजूद अल्पसंख्यकों व अन्य लोगों पर हमले हमारी गुप्तचर प्रणाली में कुछ ढील का संकेत भी देते हैं।’’

उक्त हत्याओं से मची खलबली के बीच जहां गृह मंत्री अमित शाह ने 8 अक्तूबर को घाटी में ‘टार्गेट किलिंग्स’ से पैदा स्थिति पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई वहीं 9 अक्तूबर को प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को दिल्ली बुलाकर उनसे कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की। इसके बाद घाटी में राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) ने  ‘अवैध गतिविधियां निवारक कानून’ के अंतर्गत पिछले 3 दिनों के दौरान विभिन्न आतंकी संगठनों के विरुद्ध कई शहरों में 52 ताबड़तोड़ छापेमारी के दौरान आतंकवादियों के 6 सहयोगियों सहित अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कश्मीर घाटी में इस महीने की गई ‘टार्गेट किलिंग्स’ में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए कई जगहों पर छापे मार कर पुलिस ने 500 से अधिक संदिग्ध युवाओं को हिरासत में लिया है।

सुरक्षा बलों ने 11 अक्तूबर को अनंतनाग और बांदीपुरा जिले में 2 आतंकवादियों को मार गिराया परंतु इसी दिन पुंछ और राजौरी के बार्डर प्वाइंट एवं पर्यटन स्थल ‘डेरा की गली’ के निकट स्थित जंगलों में छिपे आतंकवादियों को पकडऩे गए हमारे जवानों पर आतंकवादियों ने हमला करके 5 जवानों को शहीद कर दिया। इस घटना के बाद सेना ने एक्शन में आते हुए शोपियां जिले में मुठभेड़ में 12 अक्तूबर को 5 आतंकवादी मार गिराए और इस प्रकार 34 घंटों में 7 आतंकवादियों का सफाया कर दिया। इनमें से 4 टी.आर.एफ. के आतंकवादी थे जबकि 13 अक्तूबर को भी सेना की आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी रही और पुलवामा में एक खतरनाक आतंकी मारा गया तथा कुपवाड़ा में भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया । 

सिर्फ पी.डी.पी. नेता तथा ‘गुपकार गठबंधन’ की सदस्या महबूबा मुफ्ती ने अपनी आदत के अनुसार हमेशा की तरह सुरक्षा बलों की कार्रवाई की आलोचना की है और आतंकवादी हिंसा को सही ठहराते हुए कहा है कि ‘‘कोई सुरक्षा बलों की गोली से मरे तो ठीक और आतंकवादियों की गोली से मरे तो गलत। यह कैसा सिस्टम है?’’ दूसरी ओर गुपकार गठबंधन के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ नैकां नेता डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि,‘‘कश्मीर कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा क्योंकि हम भारत का हिस्सा हैं तथा रहेंगे।’’

इसी बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पूर्व सलाहकार बशीर खान का नाम फर्जी गन लाइसैंस के मामले में सामने आने पर सी.बी.आई. ने उसके श्रीनगर स्थित आवास पर छापा मारा। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर तथा देश के अन्य हिस्सों में कम से कम 40 स्थानों पर 25 पूर्व नौकरशाहों, अधिकारियों और लोगों के घरों की तलाशी ली गई। 

दूसरी ओर आने वाले त्यौहारों के मौसम के दौरान दिल्ली को दहलाने की पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की बड़ी साजिश नाकाम करते हुए पुलिस ने दिल्ली में 10 वर्षों से रह रहे पाकिस्तानी स्लीपर सैल के सरगना मोहम्मद अशरफ उर्फ अली नामक पाकिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार करके बड़ी संख्या में यमुना किनारे छिपाए हुए हथियार बरामद किए हैं।

अल्पसंख्यक समुदाय के 4 सदस्यों तथा सुरक्षा बलों के 5 जवानों का बलिदान देश और उनके परिवारों के लिए बहुत बड़ा आघात है, परंतु इनके बलिदान ने सुरक्षा तंत्र को झिंझोड़ कर व मुस्तैद करके कितने ही लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया है। इसी बीच उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी से बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के पलायन के समाचारों से इंकार करते हुए कहा है कि, ‘‘कश्मीर में 1990 जैसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी तथा सरकार आतंकवादियों के नैटवर्क को उखाड़ फैंकने के लिए कृत संकल्प है।’’ 

हालात की मांग भी यही है कि आतंकवादियों के विरुद्ध अभियान में जो सक्रियता आई है वह कायम रखी जाए और उसमें ढील न आने पाए क्योंकि जहां सावधानी घटती है वहां दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पाकिस्तान बर्फबारी से पहले अधिक से अधिक आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करवाने के मौके की प्रतीक्षा में बैठा है और सीमा पार स्थित लांचिंग पैड भारत में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों से भरे हुए हैं तथा पाकिस्तान ने सामान्य घुसपैठ करवाने के अलावा ड्रोनों के जरिए भी भारत में नशों और गोला-बारूद आदि गिराने का सिलसिला तेज किया हुआ है।-विजय कुमार


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