कर्नाटक विधानसभा और जालंधर का चुनाव प्रचार का शोर थमा, नेता घरों को लौटे

punjabkesari.in Tuesday, May 09, 2023 - 04:42 AM (IST)

10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा के चुनाव और जालंधर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर 8 मई शाम को 5 बजे थम गया। इन दोनों ही चुनावों में प्रचार करने के लिए एक-एक दावेदार पार्टी ने अपने इतने नेता चुनाव प्रचार में झोंक दिए जितने इससे पहले कभी सभी पार्टियों ने मिल कर भी नहीं झोंके होंगे। सभी चुनाव क्षेत्रों के गली-मोहल्लों तक में प्रचार के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने नेताओं की ड्यूटियां लगाईं जिसमें केंद्र और राज्यों के मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों तथा अन्य नेताओं ने भाग लिया।

इस दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न पाॢटयों द्वारा रैलियां और जुलूस निकाले गए जिन पर अनेक स्थानों पर विभिन्न दलों के समर्थकों की ओर से पुष्प वर्षा आदि भी की गई। चुनावी क्षेत्रों में प्रचार के लिए नेताओं के बड़ी संख्या में आने से जगह-जगह इस कदर ट्रैफिक जाम लगे कि आम लोगों के लिए आना-जाना मुश्किल हो गया। विभिन्न समाचार पत्रों के कार्यालयों में भी लगभग सभी दलों के उम्मीदवारों और उनके दलों के नेताओं का आना-जाना लगा रहा और अखबारों तथा टी.वी. चैनलों पर उनके समाचार और इंटरव्यू आदि प्रकाशित और प्रसारित होते रहे। 

‘दक्षिण का द्वार’ कहलाने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी, जे.पी. नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ आदि 40 स्टार प्रचारक पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में 26 किलोमीटर व 10 किलोमीटर लम्बे रोड शो निकाले। इसी प्रकार कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में सोनिया, राहुल व प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज बब्बर, मो. अजहरुद्दीन आदि शामिल थे।

पंजाब में जालंधर में संतोख सिंह चौधरी (कांग्रेस) की मृत्यु के परिणामस्वरूप खाली हुई लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में जहां कांग्रेस ने स्व. संतोख सिंह की पत्नी करमजीत कौर को मैदान में उतारा, वहीं आम आदमी पार्टी ने सुशील रिंकू, भाजपा ने इंदर इकबाल सिंह अटवाल, शिअद-बसपा गठबंधन ने डा. सुखविंदर कुमार सुक्खी को मैदान में उतारा। सुशील रिंकू के चुनाव प्रचार में ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा व अन्य अनेक नेताओं ने आकर जोरदार प्रचार किया।

कांग्रेस प्रत्याशी करमजीत कौर चौधरी के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा वङ्क्षडग़, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, सांसद  गुरजीत सिंह औजला, सांसद मनीष तिवारी, नवजोत सिंह सिद्धू व अन्य नेताओं ने डटकर प्रचार किया। भाजपा प्रत्याशी इंदर इकबाल सिंह अटवाल के पक्ष में केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों  स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, हरदीप पुरी, गजेन्द्र शेखावत, राज्यमंत्री सोम प्रकाश, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, वरिष्ठ भाजपा नेता डा. जतिन्द्र सिंह, सांसद हंसराज हंस,  भाजपा सह प्रभारी डा. महेन्द्र सिंह व अन्यों ने बढ़ चढ़ कर चुनाव प्रचार किया।

शिअद-बसपा गठबंधन प्रत्याशी डा. सुखविंदर कुमार सुक्खी के चुनाव प्रचार में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, चरणजीत सिंह बराड़, शरणजीत सिंह ढिल्लों, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, गुरप्रताप सिंह वडाला, पवन टीनू व अन्य इस क्षेत्र के दौरे पर आते रहे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 1992 में श्री यश (कांग्रेस) की अकस्मात मृत्यु के कारण जालंधर में लोकसभा का उपचुनाव हुआ था, लेकिन तब किसी भी पार्टी ने इतना जोर नहीं लगाया था, जितना इस बार देखने को मिला। 

बहरहाल अब चुनाव प्रचार में जितना जोर लगा सकते थे लगाकर सभी नेता चुनाव प्रचार थमने के बाद खुशी-खुशी अपने परिवार, अपने बच्चों और मित्रों-परिचितों के बीच लौट गए हैं। अब प्रचार में जुटे नेताओं ने ही नहीं बल्कि उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने भी चुनाव प्रचार का यह तूफान थम जाने के बाद राहत की सांस ली है।  अब बाकी 1 दिन सामान्य तरीके से ही प्रचार होगा और 10 मई को वोट पड़ेंगे। जालंधर उपचुनाव में भी कर्नाटक की भांति ही सभी दल अपने-अपने दल की खूबियां और विरोधियों की कमियां बता कर जीत का दावा कर के गए हैं, अब भाग्य किसका साथ देता है और मतदाताओं के मन में क्या है यह तो 13 मई को ई.वी.एम. मशीनें ही बताएंगी। -विजय कुमार


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