यह ‘शनि की साढ़ेसाती’ है या कुछ और विश्व में लगातार जारी ‘प्रकृति का प्रकोप’

punjabkesari.in Saturday, May 22, 2021 - 05:26 AM (IST)

जैसा कि हम अक्सर लिखते रहते हैं, कुछ समय से विश्व के हालात देखते हुए अनेक लोगों का कहना ठीक ही लगता है कि शनिदेव नाराज हैं और विश्व पर साढ़ेसाती आई हुई है। एक ओर कोरोना महामारी लोगों के प्राण ले रही है तो दूसरी ओर बेमौसमी वर्षा, बाढ़ों, आसमानी बिजली गिरने, हिमखंड टूटने, जंगलों में आग लगने आदि से भारी तबाही हो रही है : 

* 1 मई को उत्तरी जापान में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया और अगले दिन मध्य जापान में भीषण चक्रवाती तूफान से 100 इमारतें नष्ट हो गईं।
* 6 मई को समाना में आसमानी बिजली गिरने से 1 युवक मारा गया।
* 7 मई को ‘फिजी’ द्वीप में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
* 11 मई को शिमला के रामपुर में आसमानी बिजली गिरने से 2 नेपाली मजदूर मारे गए और वर्षा के पानी में 24 भेड़ें बह गईं।
* 11 मई को बिहार में भागलपुर के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के बलुआचक्क गांव में आसमानी बिजली गिरने से 3 लोगों की मृत्यु हो गई। 

* 11 मई को ज मू-कश्मीर के ऊधमपुर में आसमानी बिजली गिरने से एक किशोर की मृत्यु तथा 4 अन्य घायल हो गए।
* 11 मई को इंडोनेशिया के सुमात्रा में भूस्खलन से 7 लोग मारे गए।
* 12 मई को घनौर के निकट गांव हरपालां तथा बाबैन के निकटवर्ती गांव हरिपुरा में आसमानी बिजली गिरने से 2 लोग मारे गए।
* 13 मई को उत्तरकाशी जिले के ‘लिवाड़ी गांव’ में आसमानी बिजली गिरने से 6 व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गए।
* 13 मई को असम के नगांव जिले में आसमानी बिजली गिरने से 18 हाथियों की जान चली गई। 

* 13 मई को ही यमुनानगर के पिरथीपुर गांव में आसमानी बिजली गिरने से 22 बकरियां झुलस कर मर गईं।
* 14 मई को जापान और इंडोनेशिया में रिक्टर पैमाने पर क्रमश: 6.00 तथा 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए।
* 14 मई को पश्चिमी अलास्का में बर्फ पिघलने से बाढ़ आ गई।

* 14 मई को अरब सागर से उठा इस वर्ष का पहला चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ अत्यंत विनाशकारी सिद्ध हुआ जिसने कर्नाटक, केरल, महाराष्टï्र, गोवा, लक्षद्वीप के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया और 20 मई तक इसके चलते प्रभावित राज्यों में कम से कम 115 लोग मारे गए।
* 16 मई को श्रीलंका में भारी वर्षा और उसके बाद आई बाढ़ से 4 लोगों की मौत तथा 200 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
* 17 मई को अरुणाचल के तवांग और गुजरात के राजकोट में क्रमश: 4.2 तथा 3.8 तीव्रता के भूकंप आए। 

* 18 मई को मध्य प्रदेश के सतना जिले में आसमानी बिजली गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई।
* 18 मई को ही नेपाल के पश्चिमी लामजुंग जिले में 5.8 तीव्रता के भूकंप से दर्जनों मकान ध्वस्त हो गए और अनेक लोग घायल हो गए।
* 19 मई को ग्रीस के ‘अटिगा’ क्षेत्र के जंगलों में आग लग गई, जिसने मात्र 12 घंटे में 90 किलोमीटर क्षेत्र में फैले जंगल को जलाकर राख कर दिया। 

* 20 मई को उत्तराखंड में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हो गई।
* 20 मई को ग्लोबल वाॄमग से होने वाले जलवायु परिवर्तन के चलते अंटार्कटिका में दिल्ली से तीन गुणा बड़ा 170 किलोमीटर ल बा और 25 किलोमीटर चौड़ा दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड टूट गया।
* 20 मई को राजधानी दिल्ली में चक्रवाती तूफान ताउते और पश्चिमी विक्षोभ (वैस्टर्न डिस्टर्बैंस) के चलते हुई भारी वर्षा ने 44 वर्ष पुराना रिकार्ड तोड़ दिया, जब यहां चौबीस घंटों में 119.3 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई जो 24 मई, 1976 को हुई 60 मिलीमीटर वर्षा से लगभग दोगुनी है। 

विश्व में प्रकृति से छेड़छाड़ के चलते फैल रहा प्रदूषण इस कदर गंभीर रूप धारण कर गया है कि इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता की सड़कों पर चलते हुए लोगों को बरबस ही खांसी आने लगती है और वायुमंडल में फैले धूल-कणों से उनके शरीर पर कालिख जम जाती है। इसी को देखते हुए जकार्ता में 32 लोगों के एक समूह ने प्रदूषण रोकने में विफल रहने पर देश के राष्ट्रपति, स्वास्थ्य मंत्री, पर्यावरण और गृह मंत्रियों तथा 3 प्रांतीय गवर्नरों के विरुद्ध अदालत में केस दायर किया है। 

विश्व इस समय जैसेेहालात से जूझ रहा है, उसमें शनि देव की नाराजगी है या नहीं यह अलग बात है, परंतु इस समय जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे कुछ न कुछ बात तो अवश्य है! शायद प्रकृति समूचे विश्व को चेतावनी दे रही है कि अभी भी संभल जाओ और मुझ से छेड़छाड़ करना बंद कर दो वर्ना तु हें वर्तमान से भी अधिक विनाशलीला के दृश्य देखने पड़ेंगे।—विजय कुमार 


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