म्यांमार सीमा पर ‘तार बाड़’ लगाने से हो सकता है ‘मणिपुर हिंसा का समाधान’

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2023 - 04:29 AM (IST)

अशांत पड़ोसी देश म्यांमार से पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर और अन्य राज्यों में घुसपैठ तथा नशीली दवाओं की तस्करी में वृद्धि को देखते हुए तत्काल खुली सीमाओं की सुरक्षा एक अनिवार्य आवश्यकता बन गई है। मणिपुर की म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा साझी है, जिसमें से केवल 6 किलोमीटर के करीब सीमा पर ही बाड़ लगाई गई है तथा बाड़ रहित क्षेत्रों से अवैध घुसपैठ होती रहती है। हाल ही में वहां 718 लोगों द्वारा अवैध घुसपैठ की गई। आरोप है कि मणिपुर में हाल ही की हिंसा की घटनाओं के पीछे म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों का हाथ है। म्यांमार से मणिपुर में उग्रवादियों को हथियारों की आपूर्ति करनेे के भी आरोप हैं। 

मणिपुर के मेइती संगठन ने दावा किया है कि राज्य में गत 3 मई से जारी हिंसा म्यांमार से अवैध अप्रवासियों द्वारा राज्य के कुछ क्षेत्रों में वनों की कटाई, अफीम व पोस्त की अवैध खेती और राज्य के कुछ क्षेत्रों में मुख्य रूप से म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण आबादी के संतुलन में  हुए बदलाव का परिणाम है। इसी को देखते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कुछ दिन पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय से भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवागमन व्यवस्था को रद्द करने और ‘तार बाड़’ लगाने का काम पूरा करने का आग्रह किया था। 

और अब 24 सितम्बर को उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा के 70 किलोमीटर के अतिरिक्त हिस्से पर ‘तार बाड़’ लगाने की योजना पर चर्चा के लिए सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) के अधिकारियों के साथ बैठक की। म्यांमार से भारत में घुसपैठ व तस्करी रोकने में यह ‘तार बाड़’ काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती है, अत: यह काम जितनी जल्दी पूरा किया जाए इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार 


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