पाकिस्तानी ड्रोनों द्वारा नशीले पदार्थ, हथियार, गोला-बारूद व करंसी आने का बढ़ रहा खतरा

punjabkesari.in Saturday, Dec 03, 2022 - 06:04 PM (IST)

इस वर्ष देश में सीमा पार से पाकिस्तानी ड्रोनों की घुसपैठ और इनके द्वारा नशीले पदार्थों, गोला-बारूद, हथियार तथा भारतीय मुद्रा भेजे जाने के मामले की नियुक्ति दोगुणा बढ़ गए हैं। पंजाब में इस वर्ष 215 से अधिक मामले सामने आए हैं। बी.एस.एफ. ने एक वर्ष में देश में 16 ड्रोन मार गिराए जबकि नवम्बर महीने में ही पंजाब सीमा पर 6 ड्रोन फायरिंग करके गिराए गए। आई.एस.आई. तथा पाकिस्तान रेंजर्स की सहायता से गतिविधियां चला रहे दोष यह है कि पाकिस्तानी तस्करों ने ज्यादातर चीन निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

बी.एस.एफ. महानिदेशक पंकज कुमार सिंह के अनुसार, "चीन निर्मित प्रतिरक्षा प्राप्त ड्रोन पाकिस्तान से लगती सीमा पर सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती हैं। नापाक मंसूबों वाले लोगों द्वारा नए-नए तरीकों से अलग-अलग तरह के ड्रोनों का इस्तेमाल हमारे लिए समस्याएं खड़ी कर रहा है क्योंकि इनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है और ये तेजी से उड़ान भर कर सीमा पार कर जाते हैं।" "हमारे पास अभी तक इसका पक्का समाधान नहीं है परंतु इसे विकसित करने के लिए तेजी से काम हो रहा है और आने वाले वर्षों में हम इससे पूरी तरह निपटने में सक्षम हो जाएंगे।"

हालांकि पाकिस्तान की ओर से ड्रोनों की लगातार घुसपैठ के कारण बी.एस.एफ. ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एंटी ड्रोन टैक्नोलाजी भी स्थापित की है जिसके नतीजे अब सामने आने लगे हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ड्रोनों से निपटने के लिए पहली बार चीलों कुत्तों को भी प्रशिक्षित किया है जो सेना की एक महत्वपूर्ण टुकड़ी के रूप में काम करेंगे। बेशक सुरक्षा बलों के जवान पाकिस्तानी ड्रोनों के खतरे से निपटने के लिए प्रयत्नशील हैं परंतु इस काम में और तेजी लाने तथा एंटी ड्रोन तकनीक विकसित करने की जरूरत है क्योंकि रूस-यूक्रेन की तरह भविष्य के युद्ध ड्रोनों व मिसाइलों द्वारा ही लड़े जाने वाले हैं। -विजय कुमार


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