‘एम्बुलैंस दुर्घटनाओं में वृद्धि’ जा रही रोगियों तथा उनके परिजनों आदि की जान!

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 03:47 AM (IST)

वैसे तो एम्बुलैंसों का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार रोगियों को अस्पतालों में लाने तथा मृतकों को उनके ठिकाने तक पहुंचाने के लिए होता है परंतु होने वाली एम्बुलैंस दुर्घटनाएं रोगियों तथा उनके परिजनों का जीवन खतरे में डाल रही हैं जिनके पिछले 5 महीनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 
* 15 जून, 2025 को अमेठी (उत्तर प्रदेश) के निकट पूर्वांचल एक्सप्रैसवे पर एक शव को लेकर हरियाणा से बिहार जा रही एम्बुलैंस के एक वाहन से टकरा जाने से उसमें सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई। 
* 19 सितम्बर को ‘भागलपुर’ (बिहार) में एक एम्बुलैंस में भीषण आग लग जाने से उसमें ले जाए जा रहे मरीज और उसके परिजनों की जान खतरे में पड़ गई। किसी तरह आग की तेज लपटों के बीच 5 युवकों ने हिम्मत से काम लेकर मरीज को एम्बुलैंस से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। 

* 21 सितम्बर  को ‘डोईवाला’ (उत्तराखंड) में ‘लच्छीवाला फ्लाईओवर’ के निकट ‘पौड़ी श्रीनगर बेस हास्पिटल’ से एक मरीज को ‘देहरादून’ के किसी अस्पताल में दाखिल करवाने के लिए लेकर जा रही एम्बुलैंस में अचानक आग लग जाने से एम्बुलैंस पूरी तरह जल कर राख हो गई परंतु समय रहते बचाव कार्यों के कारण उसमें सवार मरीज तथा अन्य लोग बच गए और उन्हें दूसरी एम्बुलैंस की व्यवस्था करके देहरादून भेजा गया।
* 12 अक्तूबर को ‘गोरखपुर’ (उत्तर प्रदेश) में ‘सोन बरसा’ ओवरब्रिज से मरीज को लेकर गुजर रही एक एम्बुलैंस में आग लग जाने से एम्बुलैंस के ड्राइवर, मरीज और उसके 2 रिश्तेदार झुलस गए। 
* 17 अक्तूबर को ‘सीतापुर’ (उत्तर प्रदेश) में एक चलती एम्बुलैंस का टायर अचानक फट जाने के परिणामस्वरूप वह बेकाबू होकर खाई में जा गिरी जिससे एम्बुलैंस में ले जाए जा रहे मरीज और एम्बुलैंस के ड्राइवर सहित 4 लोगों की जान चली गई। 
* 25 अक्तूबर को ‘दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रैसवे’ पर ‘सीतामऊ’ के निकट एक एम्बुलैंस के बेकाबू होकर एक पुलिया से नीचे गिर जाने से उसमें सवार 2 लोगों की मौत तथा एम्बुलैंस का चालक घायल हो गया। 
* 14 नवम्बर को ‘पुणे’ (महाराष्टï्र) से एक मजदूर का शव लाने गए परिजनों की एम्बुलैंस मध्य प्रदेश में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाने के कारण उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं तथा उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 
मध्य प्रदेश पुलिस और स्थानीय लोगों ने घायलों का इलाज करवाया। फिर दूसरी एम्बुलैंस की व्यवस्था करके शव को बिहार में मृतक के गांव भेजा गया और मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
* 17 नवम्बर को ‘वाशिम’ (महाराष्टï्र) में ‘मंगलूपीर’ में एक रोगी को लेकर जा रही एम्बुलैंस के पलट जाने से रोगी के साथ जा रहे डाक्टर की मृत्यु तथा रोगी व उसके परिजन घायल हो गए।
* 17 नवम्बर को ही ‘खगडिय़ा’ (बिहार) में एक हृदय रोगी को घर छोडऩे जा रही एम्बुलैंस के पलट जाने से रोगी के साथ जा रहे उसके दोनों बेटे घायल हो गए।
* 18 नवम्बर को ‘अरावली’ (गुजरात) जिले के ‘मोडासा’ कस्बे के निकट एक एम्बुलैंस में आग लग जाने से इलाज के लिए अहमदाबाद ले जाए जा रहे मात्र एक दिन आयु के बीमार नवजात शिशु, उसके पिता ‘जिग्रेश’, चिकित्सक ‘शांतिलाल’ और नर्स ‘भूरीबेन’ की मौत हो गई तथा एम्बुलैंस चालक सहित 3 अन्य घायल हो गए। 

* और अब 18 नवम्बर को ही चितौडग़ढ़ (राजस्थान) के  ‘तलावदा’ गांव में एक तेज रफ्तार एम्बुलैंस दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण उसमें इलाज के लिए ‘उदयपुर’ ले जाई जा रही एक महिला की मौत हो गई। 
उक्त दुर्घटनाओं के दृष्टिïगत एम्बुलैंसों द्वारा सभी सुरक्षा मानकों की कठोरतापूर्वक जांच के बाद ही उनमें मरीजों को ढोने की अनुमति देनी चाहिए। इसके अलावा लापरवाही से ड्राइविंग करने वालों तथा अवैध रूप से निजी स्तर पर एम्बुलैंसें चलाने वालों पर भी रोक लगाई जानी चाहिए और दोषी ड्राइवरों को तुरंत कठोरतम सजा भी देने की जरूरत है।-विजय कुमार


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