पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा- ‘लोग न सही ढंग से पहन रहे मास्क, न ही सोशल डिस्टैंसिंग और न बार-बार हाथ धो रहे’

punjabkesari.in Sunday, Apr 25, 2021 - 02:16 AM (IST)

देश में कोरोना की पहली लहर के बाद इसकी दूसरी लहर के अधिक तेजी से फैलने का एक बड़ा कारण लोगों द्वारा स्वास्थ्य विभाग के निर्धारित किए हुए बचाव के नियमों का पालन न करना भी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और नेतागण हमें बार-बार चेताते आ रहे हैं कि हमें अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए कोरोना से बचाव के दिशा- निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करना चाहिए जिनमें सही ढंग से मुंह और नाक ढांप कर मास्क पहन कर रखना, सोशल डिस्टैंसिंग का पालन और बार-बार हाथ धोना शामिल है, परंतु इनका सख्ती से पालन नहीं हो रहा।

इसी को देखते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, माननीय राजन गुप्ता और माननीय चरणजीत सिंह की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकारों तथा चंडीगढ़ के निकाय एवं स्वास्थ्य विभाग को लोगों द्वारा सही ढंग से मास्क पहनना यकीनी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सार्वजनिक व निजी संस्थानों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को ‘मास्क शिष्टïाचार’ अपनाने के लिए जागरूक करें। माननीय न्यायाधीशों ने स्पष्टï किया है कि ‘‘मास्क पहनने के नाम पर मुंह या नाक को खुला छोड़ देना गलत है जो मास्क न पहनने के बराबर ही है। अत: ऐसा करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।’’

चूंकि सभी लोगों का घर के अंदर रह कर तो गुजारा नहीं हो सकता तथा रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा, अत: इस स्थिति में तो सुरक्षा नियमों का पालन करना और भी आवश्यक है क्योंकि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु का मतलब उसके परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट पडऩा ही है। इसी संदर्भ में हम अपने पाठकों से भी अनुरोध करेंगे कि भले ही वे अभी तक सुरक्षा संंबंधी नियमों के पालन में लापरवाही बरतते आए हों, परंतु अब उन्हें अपनी इस गलती को सुधार कर आज ही सही ढंग से मास्क पहनना, सोशल डिस्टैंसिंग व बार-बार हाथ धोने के नियमों का पालन शुरू करना चाहिए। 

अत: वर्तमान हालात में उक्त आदेश बिल्कुल सही है, जिस पर पूरे देश में ही कठोरतापूर्वक अमल होना चाहिए। इसके साथ ही हमें घरों से तभी बाहर निकलना चाहिए जब बहुत ही जरूरी हो।    
—विजय कुमार


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