देश में बेरोजगारी की भयावह स्थिति पांचवीं पास योग्यता वाले पदों के लिए इंजीनियर, वकील और पी.एच.डी. कर रहे आवेदन

punjabkesari.in Saturday, Sep 01, 2018 - 02:49 AM (IST)

बेरोजगारी आज हमारे देश की बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। 2014 में लोकसभा के चुनाव प्रचार के समय नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को एक करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। एक समाचार के अनुसार देश में विभिन्न असामियों पर 24 लाख सरकारी पद खाली हैं और देश में तीन करोड़ युवक बेरोजगार हैं। 

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सरकारी नौकरियों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि, ‘‘कुछ लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं लेकिन नौकरियां कहां हैं?’’ देश में बेरोजगारी की स्थिति का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जनवरी में मध्य प्रदेश में 8वीं पास योग्यता और 7,500 रुपए मासिक मानदेय वाली चपड़ासी की नौकरी के 57 पदों के लिए प्राप्त होने वाले 60,000 आवेदन पत्रों में बड़ी संख्या में इंजीनियर, एम.बी.ए. और पी.एच.डी. डिग्री वाले उम्मीदवार शामिल थे। 

इसी प्रकार कुछ समय पूर्व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने राज्य पुलिस में कांस्टेबल के 4225 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। राज्य के पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू द्वारा इसी वर्ष 17 मई को जारी विज्ञप्ति में नवनियुक्त कांस्टेबलों की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी दी गई जिसके अनुसार इनमें एम.बी.ए., विधि स्नातक, एम.टैक और पी.जी. की डिग्री वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं। इसी वर्ष जून में झारखंड हाईकोर्ट में चपड़ासी के 16 पदों सहित चतुर्थ श्रेणी के 53 पदों के लिए आवेदन पत्र मांगे गए थे। इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास रखी गई परंतु इन पदों के लिए 40,000 से अधिक आवेदकों में सैंकड़ों इंजीनियर, विधि स्नातक, एम.बी.ए. और पी.एच.डी. के डिग्री धारी भी शामिल थे। 

इसी वर्ष अगस्त मास में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी संदेश वाहक (चपड़ासी) के 62 पदों पर भर्ती के लिए मांगे गए आवेदन पत्रों के जवाब में 93 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। इस पद के लिए योग्यता 5वीं पास रखी गई थी परंतु आवेदकों में लगभग 50,000 ग्रैजुएट, 28,000 पोस्ट ग्रैजुएट, 3740 पी.एच.डी. डिग्री वालों के अलावा बी.टैक और एम.बी.ए. पास लोग भी हैं। 93,000 आवेदकों में केवल 7400 ऐसे हैं जिन्होंने पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच पढ़ाई की है। 

उल्लेखनीय है कि चपड़ासी और संदेश वाहक की यह नौकरी डाकिए जैसी है और इस पद पर नियुक्त व्यक्ति का काम पुलिस के दूरसंचार विभाग से पत्र और दस्तावेज दूसरे विभागों को पहुंचाना होता है। हालांकि कोई भी काम छोटा नहीं होता परंतु यह भी एक तथ्य है कि प्रत्येक काम के लिए एक निश्चित योग्यता होती है अत: इसे एक विडम्बना ही कहा जाएगा कि बेरोजगारी के कारण चतुर्थ श्रेणी के कम योग्यता वाले पदों के लिए भी अत्यंत उच्च योग्यता वाले उम्मीदवारों को आवेदन करना पड़ रहा है। एक ओर सरकार देश के युवाओं के लिए नौकरियों के सृजन की बात कहती है और दूसरी ओर खाली पड़ी असामियों पर पात्र उम्मीदवारों की भर्ती नहीं हो रही है। 

सरकार की गलत नीतियों के कारण ही नौबत यहां तक आ गई है कि कम योग्यता वाले पदों पर भी काम करने के लिए उच्च योग्यता वाले उम्मीदवार विवश हो रहे हैं। इसी प्रकार की निराशाजनक स्थिति में हमारी युवा पीढ़ी विदेशों की ओर रुख करने के लिए विवश हो रही है और देश से बड़ी संख्या में प्रतिभाओं का पलायन होने के कारण देश प्रतिभाओं से खाली हो रहा है। कम योग्यता वाले पदों के लिए वकील, इंजीनियर, एम.बी.ए. तथा पीएच.डी. जैसी उच्च योग्यता वाले उम्मीदवारों द्वारा आवेदन करने के लिए विवश होना कोई अच्छा संकेत नहीं है। अत: देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना आवश्यक है ताकि देश में तैयार हो रही प्रतिभाओं का सही उपयोग हो सके और दूसरे देशों को हमारी प्रतिभा का पलायन रुके।—विजय कुमार 
 


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Pardeep

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