देश की अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाने में जुटे नकली करंसी के धंधेबाज

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2024 - 04:32 AM (IST)

काले धन और नकली करंसी की लानत समाप्त करने के केंद्र सरकार के प्रयासों के बावजूद देशद्रोही तत्वों द्वारा अभी भी देश में नकली करंसी बनाकर या दूसरे देशों से तस्करी के जरिए मंगवा कर भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाना जारी है। देश में कितनी बड़ी मात्रा में नकली करंसी पकड़ी जा रही है यह इसी वर्ष (2024) के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है : 

  • 1 फरवरी को महासमुंद (छत्तीसगढ़) में ‘सरायपाली’ थाना की पुलिस ने साडिय़ों में छिपाकर और बोरियों में भरकर एक पिकअप में रखे 3.80 करोड़ रुपए के नकली नोटों के 76 पैकेट बरामद किए।
  • 28 फरवरी को पुणे (महाराष्ट्र) की ‘पिंपरी-चिंचवाड़’ पुलिस ने वैब सीरिज ‘फर्जी’ की तर्ज पर 500 रुपए मूल्य के नकली नोट छापने वाले एक गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 500-500 रुपए मूल्य वाले 540 नकली नोटों के अलावा 24 लाख रुपए के छापे हुए ऐसे नकली नोट भी बरामद किए जिनकी कटिंग करनी ही बाकी थी।
  • 12 मार्च को जलालाबाद (पंजाब) की पुलिस ने गांव ‘प्रभात सिंह वाला’ के निकट 3 लोगों को 32,000 रुपए की नकली करंसी के साथ पकड़ा।
  • 12 मार्च को ही अमृतसर (पंजाब) में ‘तरसिक्का’ की पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उससे 17,000 रुपए की नकली करंसी पकड़ी।  
  • 13 मार्च को बांसवाड़ा (राजस्थान) में कुशलगढ़ पुलिस ने नकली करंसी के एक गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार करके उसके मकान से 2.90 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए। इस गिरोह के सदस्य तंत्र-मंत्र के सहारे लोगों को पैसे दोगुने करने का झांसा देकर उनके असली नोटों के बदले में नकली करंसी थमाते थे। 

स्थानीय रूप से नकली नोट छापने के अलावा पड़ोसी देशों से भी नकली नोटों तथा उनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की तस्करी की जाती है और इस काले कारोबार में कुछ विदेशी भी शामिल पाए जा रहे हैं। जाली करंसी का धंधा विकराल रूप धारण कर देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है। चूंकि नकली करंसी चलाना किसी भी देश की जड़ें खोदने जैसा है, अत: इसके निर्माण या सप्लाई से जुड़े लोगों के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। -विजय कुमार


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