युद्धोन्माद से ग्रस्त ‘पाकिस्तानी शासकों’ को पूर्व विदेश मंत्री ‘हिना रब्बानी’ की सही चेतावनी

punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2019 - 03:06 AM (IST)

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर हाय-तौबा मचा कर दुनियाभर में फजीहत करवा चुके पाकिस्तानी शासक अब भी बाज नहीं आ रहे और भारत विरोधी बयानबाजी से पाकिस्तान की वास्तविक समस्याओं की ओर से वहां की जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत के विरुद्ध युद्धोन्माद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

इसका नवीनतम उदाहरण पाकिस्तान सरकार द्वारा एकजुटता दिवस मनाने की घोषणा है। इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से आह्वान किया है कि वे शुक्रवार 30 अगस्त को दोपहर 12 से 12.30 के बीच जहां कहीं भी हों, बाहर निकल कर कश्मीरियों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करें और कश्मीरी जनता को संदेश दें कि वे भारत के ‘फासीवादी जुल्म’ के विरुद्ध उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। इससे पूर्व जहां इमरान खान भारत के विरुद्ध परमाणु युद्ध तक की धमकी दे चुके हैं वहीं पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद ने तो अब दोनों देशों में युद्ध का समय भी घोषित करते हुए कहा है कि ‘‘पाकिस्तान सेना के पास हथियार दिखाने के लिए नहीं बल्कि इस्तेमाल करने के लिए हैं और मैं अक्तूबर-नवम्बर में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होता देख रहा हूं।’’ 

यह वही शेख रशीद है जिसने इस वर्ष पुलवामा हमले के बाद फरवरी में यह कहा था कि ‘‘इमरान खान ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि यदि कोई पाकिस्तान की तरफ टेढ़ी नजर से देखेगा तो उसकी आंखें निकाल ली जाएंगी। न फिर चिडिय़ां चहकेंगी और न मंदिरों में घंटियां बजेंगी।’’ शेख रशीद की ऐसी ही बातों के चलते गत दिनों लंदन यात्रा के दौरान जब वह अपने होटल से बाहर आ रहा था तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 2 सदस्यों ने उसे पकड़ कर जूतों से पीटा और उस पर अंडे फैंके थे। बहरहाल जहां भारत से चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान ने गजनवी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करके अपनी ताकत दिखलाने की कोशिश की है वहीं पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने साफ शब्दों में पाकिस्तान के शासकों को भारत से न उलझने की चेतावनी दी है। 

उन्होंने कहा है कि ‘‘पाकिस्तान का भला इसी में है कि वह अमरीका व चीन के चक्कर में न पड़ कर अपने पड़ोसियों से संबंध सुधारे। खासकर भारत से संबंध सुधारे बिना उसके पास कोई चारा नहीं है।’’ पाकिस्तानी दैनिक ‘डॉन’ में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार एक सभा में इमरान खान के राजनीतिक ज्ञान की धज्जियां उड़ाते हुए हिना ने कहा, ‘‘इमरान खान को तो भूगोल तक की जानकारी नहीं है और वह जर्मनी तथा जापान को पाकिस्तान का पड़ोसी बताते हैं। पहले वह ट्रेङ्क्षनग लेकर आएं और फिर राजनीति करें। पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता अमरीका की बजाय भारत, अफगानिस्तान और ईरान के साथ होना चाहिए।’’ 

हिना रब्बानी ने यह भी कहा, ‘‘पाकिस्तान को अवश्य ही अफगान युद्ध से बाहर निकल जाना चाहिए क्योंकि 17 वर्षों से चले आ रहे इस युद्ध में पाकिस्तान को ही सर्वाधिक नुक्सान उठाना पड़ा है।’’ हिना रब्बानी द्वारा ऐसा बयान देने का यह पहला मौका नहीं है। पहले भी वह कई बार पाकिस्तान के शासकों को आइना दिखाते हुए कह चुकी हैं कि ‘‘भारत से लड़ कर पाकिस्तान कश्मीर को नहीं जीत सकता।’’ गले तक कर्ज में डूबे, कंगाली और भुखमरी की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के शासकों को अपने देश में उठने वाली ये आवाजें सुननी चाहिएं और भारत विरोधी रवैया जारी रख कर अपने ही हितों पर कुठाराघात करने की बजाय शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की विचारधारा अपना कर अपने तबाह हो रहे देश में सुख-शांति और खुशहाली लाने का प्रयास करना चाहिए।—विजय कुमार 


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