इंगलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने लिया चुम्बन नियमों का हुआ उल्लंघन, देना पड़ा इस्तीफा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 29, 2021 - 02:52 AM (IST)

हालांकि सभी देशों की सरकारों द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोगों से नियमों का स तीपूर्वक पालन करने के लिए कहा जा रहा है परंतु आम लोगों की बात तो एक ओर, विकसित देशों के नेताओं द्वारा भी नियमों का उल्लंघन कहीं-कहीं किया जा रहा है। 

हाल ही में 3 बच्चों के बाप और ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कोरोना महामारी के दौरान एक सरकारी बैठक के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए एक महिला अधिकारी को आलिंगनबद्ध करके चूम लिया, जिसके बाद उस महिला के साथ उनके अफेयर और खास रिश्ता होने की बात भी सामने आ गई। इस घटना के चित्र वायरल होने पर ब्रिटेन में बवाल मच गया तथा उनसे त्यागपत्र की मांग की जाने लगी।

जनता के दबाव को देखते हुए न सिर्फ उन्हें गत 25 जून को देशवासियों से इसके लिए माफी मांगनी पड़ी बल्कि अपने पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा। इसके बावजूद उनके विरुद्ध जनरोष शांत नहीं हुआ है तथा लोग स्वास्थ्य मंत्री के इस कृत्य को देशवासियों के साथ विश्वासघात बताते हुए उनके विरुद्ध देश भर में प्रदर्शन करके उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। नेताओं द्वारा कोरोना नियमों के उल्लंघन का यह कोई अकेला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के नि न मामले सामने आ चुके हैं : 

* 9 अप्रैल, 2021 को नार्वे की प्रधानमंत्री ए मा सोलबर्ग को अपने जन्मदिन पर आयोजित पार्टी में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन न करने की दोषी पाई जाने पर 2352 डालर जुर्माना किया गया। बाद में ए मा सोलबर्ग ने इसके लिए देश से माफी भी मांगी।
* 26 अप्रैल को थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चानोचार के एक सरकारी बैठक में बिना मास्क लगाए शामिल होने का फोटो वायरल होने पर उन्हें 190 डालर का जुर्माना किया गया।
* 13 जून को कोरोना से बचाव संबंधी नियमों का उल्लंघन कर बिना मास्क लगाए हजारों लोगों के साथ एक साइकिल रैली में भाग लेने पर ब्राजील के राष्टï्रपति जेयर बोल्सोनारो, उसके बेटे और एक मंत्री को 90-90 यूरो जुर्माना किया गया। 

जैसा कि उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित मंत्रियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की गई है जिस पर उन्होंने न सिर्फ तत्काल जुर्माना अदा किया और माफी मांगी है बल्कि लोग स्थिति की गंभीरता के दृष्टिïगत दोषियों के विरुद्ध प्रदर्शन तक कर रहे हैं। भारत में भी उक्त घटनाओं का संज्ञान लेते हुए दोषी पाए जाने वाले उच्च पदों पर आसीन लोगों के विरुद्ध इसी प्रकार कार्रवाई होनी चाहिए।—विजय कुमार 


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