देवभूमि हिमाचल प्रदेश होने लगा ‘निर्दोषों के खून से लाल’

Thursday, May 03, 2018 - 03:58 AM (IST)

देवभूमि हिमाचल प्रदेश एक शांत और सुरम्य प्रदेश माना जाता था जहां लोगों का अपराध से कोई लेना-देना नहीं था परंतु पिछले कुछ वर्षों से यहां भी देश के अन्य राज्यों की भांति अपराधों मेंं लगातार वृद्धि हो रही है और इस प्रदेश की धरती तरह-तरह के अपराधों के चलते निर्दोषों के खून से लाल हो रही है। 

लगातार बढ़ रहे नशे के व्यापार, बलात्कार और हत्याओं के चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के अनुसार यहां पिछले 100 दिनों के दौरान बलात्कार की कम से कम 75 और हत्या की 25 घटनाएं हुई हैं जिनके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

04 अप्रैल को बैजनाथ के अंतर्गत हढेड़ पंचायत के पास मेघजीन में 2 नेपालियों के बीच लड़ाई के दौरान एक नेपाली की हत्या कर दी गई। 10 अप्रैल को पांवटा साहिब में थाना राजबन के अंतर्गत सतौन में डैथ प्वाइंट हैवना-चिलौन खंड के निकट एक महिला की लाश बरामद हुई। 10 अप्रैल को पुलिस थाना देहरा के अंतर्गत नक्की खड्डï के निकट हारमीठा क्षेत्र में एक ट्रैक्टर चालक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। 

18 अप्रैल को कुल्लू जिले में कुल्फी बेच कर लौट रहे एक प्रवासी युवक की दरात से गला काट कर हत्या कर दी गई। 19 अप्रैल को सिरमौर जिले में एक महिला से एक पंचायत सचिव ने उस समय बलात्कार किया जब वह लकड़ी लाने जंगल में गई थी। 27 अप्रैल को पालमपुर के परौर इलाके के जंगल में मंदिर से लौट रही एक 15 वर्षीय नाबालिगा के साथ बलात्कार का मामला सामने आया। 29 अप्रैल को कांगड़ा जिले के त्रिलोकपुर में घर से लापता हुई एक महिला की हत्या कर शव रेत से लदी ट्राली में दबा मिला। 29 अप्रैल को पांवटा साहिब के माजरा थाने में उत्तर प्रदेश से काम की तलाश में पांवटा आई महिला से बलात्कार की घटना सामने आई। 

और अब 1 मई को सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद कसौली-धर्मपुर के 13 होटलों के अवैध निर्माण को गिराने गई टीम पर धर्मपुर में एक गैस्ट हाऊस के मालिक विजय ठाकुर ने गोलियां दाग दीं जिससे सोलन जिले की सहायक टाऊन प्लानर 51 वर्षीय शैलबाला की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई जबकि लोक निर्माण विभाग का कर्मचारी गुलाब सिंह घायल हो गया। 

उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट ने 17 अप्रैल को हिमाचल सरकार को सोलन जिले के कसौली और धर्मपुर क्षेत्रों में 13 होटलों के अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया था। इसके लिए एस.डी.एम. सोलन की अगुवाई में 4 विभागीय टीमें गठित की गई थीं। इनमें से एक टीम का नेतृत्व शैलबाला कर रही थीं और इनके साथ लगभग 40 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। शुरूआती जांच में पता चला कि आरोपी विजय ठाकुर ने अपने गैस्ट हाऊस के निकट ही अचानक रिवाल्वर निकाल कर पहले गुलाब सिंह को गोली मारी और उसके बाद शैलबाला पर गोलियां दाग दीं जिनमें से एक गोली उनके मुंह और दूसरी छाती पर लगने से उनकी मृत्यु हो गई। गोलियां चलाने के बाद आरोपी जंगल में फरार हो गया जिसे पकड़वाने वाले को पुलिस ने एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है। 

उल्लेखनीय है कि सुबह के समय ही डी.एस.पी. ने विजय ठाकुर को हिरासत में लेने के आदेश दिए थे क्योंकि वह आत्महत्या करने की धमकी दे रहा था पर बाद में उसे क्यों छोड़ा गया यह चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अवैध कब्जा तोडऩे के अभियान में पुलिस द्वारा किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त करने की अपेक्षा की जाती थी परंतु पुलिस ऐसा करने में असफल रही। विजय ठाकुर ने न सिर्फ खुलेआम रिवाल्वर लहराया बल्कि अपराध करने और तीन राऊंड फायर करने के बाद घटनास्थल से भागने में भी सफल रहा जिससे पुलिस की कार्यशैली को लेकर गंभीर संदेह पैदा हो गए हैं। यह घटनाक्रम हिमाचल में बदल रहे अपराधों के रुझान की गंभीर चेतावनी है जिसे रोकने के लिए कठोरतम पग उठाने की जरूरत है।—विजय कुमार

Pardeep

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