प्रतिबंध के बावजूद मैडीकल कालेजों में जारी ‘रैगिंग’ की शर्मनाक ‘प्रथा’

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 04:48 AM (IST)

हर छात्र स्कूल के अनुशासित जीवन के बाद कालेज के खुले माहौल में नई उमंगों के साथ प्रवेश करता है। ऐसे में उम्मीद तो यह की जाती है कि उच्च कक्षाओं में पढऩे वाले पुराने छात्र खुले दिल से उसका स्वागत करें और उसे उचित प्रोत्साहन दें, परंतु इसके विपरीत ही हो रहा है। 

‘रैगिंग’ शब्द आज सीनियर छात्रों द्वारा कालेजों में प्रवेश करने वाले फै्रशर्स अर्थात नए छात्रों के उत्पीडऩ का जरिया बन गया है और इस तरह के ज्यादातर मामले मैडीकल कालेजों में हो रहे हैं। सीनियर छात्र नए छात्रों से रैङ्क्षगग के नाम पर अमानवीय व्यवहार करते हैं, जिसमें मारपीट, कपड़े तक उतरवाना जैसे कृत्य शामिल हैं। 

* 20 सितम्बर को हिमाचल प्रदेश में टांडा (कांगड़ा) स्थित ‘डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज और अस्पताल’ में जूनियर छात्रों की रैगिंग करने और उनसे अपना काम करवाने के आरोप में कालेज प्रशासन ने 10 वरिष्ठï ट्रेनी डाक्टरों को 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के अलावा 6 महीनों तक होस्टल से और 3 महीनों तक कक्षाओं से निलंबित करने की सजा सुनाई। उल्लेखनीय है कि मार्च, 2009 में इसी मैडीकल कालेज के छात्र अमन काचरू को रैगिंग के कारण ही अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। 

* 17 सितम्बर को अरुणाचल प्रदेश में ईटा नगर के ‘नैहरियागुन’ स्थित  ‘टोरनो रिबा इंस्टीच्यूट आफ हैल्थ एंड मैडीकल साइंस’ में छात्रों के एक समूह ने नए छात्रों को अद्र्धनग्न हालत में बांध कर दूसरे कमरे में ले जाकर कान पकड़वा कर उठक-बैठक करवाईं। एक छात्र ने विरोध किया तो सीनियर छात्रों ने उसे निर्वस्त्र करके इतना पीटा कि उसके शरीर पर नील पड़ गए।
* 14 सितम्बर को तेलंगाना के वारंगल शहर में सरकारी ‘काकतीय मैडीकल कालेज’ में एम.बी.बी.एस. के 7 छात्रों के विरुद्ध रैगिंग करने और एक जूनियर छात्र की उसी के कमरे में घुस कर बेरहमी से पिटाई करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। इससे पूर्व इसी वर्ष फरवरी में पोस्ट ग्रैजुएट प्रथम वर्ष के एक छात्र ने रैगिंग के परिणामस्वरूप दुखी होकर आत्महत्या कर ली। 

* 12 सितम्बर को हिमाचल में मंडी जिले के नेर चौक स्थित ‘लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कालेज’ में जूनियर छात्रों से रैगिंग के आरोप में 2 छात्राओं सहित 6 सीनियर छात्रों को कालेज से निष्कासित करने के अलावा 25-25 हजार रुपए जुर्माना किया गया। नए ट्रेनियों को सीनियरों के सामने गीत गाने और उनकी धुन पर नाचने के लिए मजबूर किया गया। 
* 26 अगस्त को जबलपुर के ‘नेता जी सुभाष चंद्र बोस मैडीकल कालेज एवं अस्पताल’ के होस्टल नं. 2 में जूनियर छात्रों की रैगिंग करने के मामले में 4 छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित करने के अलावा 25-25 हजार रुपए जुर्माना किया गया। 

* 9 अगस्त की रात को कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के होस्टल में 20 सीनियर छात्रों और कुछ भूतपूर्व छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की रैङ्क्षगग  के दौरान लड़कों के होस्टल में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को पुलिस क्वार्टर में रहने वाली महिलाओं के लिए अपशब्द कहने व अपने कपड़े उतारकर सीनियर छात्रों के सामने छत पर खड़े होने को मजबूर किया गया।
इंकार करने पर सजा के तौर पर न सिर्फ उनकी पिटाई की गई, बल्कि उन्हें मेंढकों की तरह कूदने और पलंगों के नीचे रेंगने, दीवारों पर अपना चेहरा रगडऩे आदि के लिए विवश किया गया, जिसके नतीजे में उत्पीडऩ के परिणामस्वरूप एक जूनियर छात्र की मौत के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 

* 22 जुलाई को कोझिकोड में ‘कलानथोड’ स्थित ‘एम.ई.एस. कालेज’ में सीनियर छात्रों ने दूसरे वर्ष के समाजशास्त्र के एक छात्र को रैगिंग के नाम पर बुरी तरह पीट डाला, जिसके परिणामस्वरूप उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इस सिलसिले में पुलिस ने 15 छात्रों के विरुद्ध हत्या के प्रयास के आरोप में केस दर्ज किया है।  
देश में केंद्र सरकार तथा कई राज्य सरकारों द्वारा रैगिंग पर प्रतिबंध के बावजूद डाक्टरी जैसे दूसरों के दुख-दर्द दूर करने वाले व्यवसाय से जुड़े सीनियर छात्रों द्वारा अपने ही जूनियर सहपाठियों के साथ इस तरह का क्रूरतापूर्ण व्यवहार शर्मनाक है। भविष्य में ऐसे डाक्टरों से मरीजों के सही इलाज की आशा कैसे की जा सकती है।—विजय कुमार


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