विश्वविद्यालयों व शिक्षा संस्थानों में बढ़ रहा यौन उत्पीडऩ का खतरनाक रुझान

punjabkesari.in Friday, Mar 23, 2018 - 01:05 AM (IST)

देश में संभवत: कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा जहां महिलाओं का यौन उत्पीडऩ न हो रहा हो। शिक्षा संस्थानों में भी यह बुराई घर कर गई है और वहां से बड़ी संख्या में यौन उत्पीडऩ के मामले सामने आ रहे हैं। 

इसकी पुष्टि केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह के बयान से होती है जिन्होंने 19 मार्च को लोकसभा में एक प्रश्र के उत्तर में बताया कि 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में देश के विश्वविद्यालयों और कालेजों में यौन उत्पीडऩ के मामलों में 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है। विश्वविद्यालयों में 2016 में यौन उत्पीडऩ के 94 एवं कालेजों तथा अन्य संस्थाओं में 18 केस हुए थे तथा 2017 में इनकी संख्या बढ़ कर क्रमश: 149 और 39 हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा छात्रों व स्टाफ के यौन उत्पीडऩ बारे दंड के प्रावधानों के बावजूद विश्वविद्यालय परिसरों, कालेजों एवं अन्य शिक्षा संस्थानों में विभिन्न रूपों में यौन उत्पीडऩ जारी है : 

19 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक प्राइवेट कालेज की लैबोरेटरी में कैमिस्ट्री के प्रोफैसर ने न केवल एक नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ की बल्कि उसके साथ बलात्कार भी कर डाला जिसका पता चलने पर छात्रों ने प्रोफैसर को जम कर पीटा। केरल में कोझिकोड स्थित ‘फारुख टीचर्स ट्रेङ्क्षनग कालेज’ में ‘जौहर मुनाविर’ नामक अध्यापक ने कुछ समय पूर्व एक भाषण के दौरान मुस्लिम लड़कियों के पहनावे की आलोचना करते हुए कहा था कि : 

‘‘आजकल महिलाएं ठीक से हिजाब भी नहीं पहनतीं। वे जानबूझ कर अपनी छाती दिखाती हैं जैसे डिस्प्ले पर रखी तरबूज की फांक हो...वे पर्दा करती हैं परंतु उसको थोड़ा ऊपर रखती हैं ताकि उनकी लैगिंग्स दिखें।’’ उक्त बयान वायरल होने के बाद छात्राओं में राज्यव्यापी असंतोष भड़क उठा। एक अन्य मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली की 8 छात्राओं ने विश्वविद्यालय के ‘स्कूल आफ लाइफ साइंसिज’ के प्रोफैसर अतुल जौहरी के विरुद्ध यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। 16 मार्च को छात्राओं ने इस बारे पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई। एक छात्रा का आरोप है कि प्रोफैसर अपनी लैबोरेटरी को अपना ‘हरम’ और स्वयं को इसका ‘बादशाह’ बताया करता। वह लैब के अंदर उन पर आपत्तिजनक और कामोत्तेजक टिप्पणियां तथा छेड़छाड़ भी करता। 

छात्रा के अनुसार, ‘‘एक बार उन्होंने मुझे घर जाने के लिए लिफ्ट दी और जब मैं कार में बैठी तो उसने मेरी जांघों पर हाथ रख कर भद्दा धार्मिक मजाक किया। मैंने बार-बार उनसे अनुरोध किया कि वह ऐसी टिप्पणी न करें।’’ छात्रा के अनुसार प्रोफैसर उसकी देहयष्टिï पर टिप्पणी करता, उसकी पीठ और कंधों को मसल देता और एक बार सोफे पर उसके बिल्कुल निकट बैठ कर बोला, ‘‘तुम्हारे ...... सुंदर हैं।’’एक पीड़िता ने आरोप लगाया कि जौहरी ने उसे अश्लील मैसेज भेजे, यौन उत्पीडऩ किया और जब उसने उसकी बातों का जवाब न दिया तो उसने उसकी एकैडेमिक उपलब्धियां खराब करने की धमकी दी, परेशान करना जारी रखा व उसकी थीसिस जांचने से इंकार कर दिया। उसने कहा, ‘‘प्रोफैसर अपनी छात्राओं से सैक्सुअल फेवर की मांग करने के लिए जाना जाता है।’’ 

कुछ लड़कियों ने प्रोफैसर पर घटिया जोक भेजने व उन्हें पीछे से आकर पकड़ लेने का आरोप लगाया। प्रोफैसर पढ़ाई के बहाने लड़कियों को अपने चैम्बर में अकेली मिलने के लिए कहता। एक छात्रा के अनुसार जब उसने उसे अपनी हद में रहने को कहा तो उसने उसका रिसर्च कार्य जांचना बंद कर दिया। 20 मार्च को दिल्ली पुलिस ने प्रोफैसर को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया जहां से उसे कुछ मिनट में ही सशर्त जमानत मिल गई। प्रोफैसर ने कहा कि वह राजनीति का शिकार हुआ है। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री द्वारा विश्वविद्यालय परिसरों और अन्य शिक्षा संस्थानों में यौन उत्पीडऩ के मामलों में वृद्धि की स्वीकारोक्ति तथा विभिन्न तरीकों से यौन उत्पीडऩ की उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि आज हमारे शिक्षा जगत में वातावरण किस कदर खराब हो रहा है। शिक्षा संस्थानों में बढ़ रही इस कुप्रवृत्ति पर जितनी जल्दी रोक लगाई जा सके उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार


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