अमरीका (लास वेगास) में नृशंस नरसंहार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 04, 2017 - 01:11 AM (IST)

विश्व में चारों ओर आतंकवाद अपने पंजे फैला रहा है और आई.एस. अर्थात इस्लामिक स्टेट सबसे शक्तिशाली एवं भयानक आतंकवादी गिरोह के रूप में उभरा है। आई.एस. तथा इससे जुड़े गिरोह किसी भी देश में एक बार हमला करके चुप नहीं बैठ जाते बल्कि बार-बार वहां हमले करने के अलावा हमलों के लिए नए-नए ठिकाने भी तलाश करते रहते हैं। 

इसी शृंखला में इसी वर्ष फ्रांस, स्टॉकहोम, काबुल, लंदन, स्पेन, नाइजीरिया, बगदाद, काहिरा, सोमालिया आदि में अनेक स्थानों पर कई-कई बार आतंकवादी हमले हो चुके हैं। एक ओर आई.एस. जैसे आतंकवादी गिरोह तथा दूसरी ओर विशेष तौर पर अमरीका में बढ़ रही बंदूक संस्कृति लगातार खून-खराबे को बढ़ावा दे रही है। इसी शृंखला में अमरीका के लास वेगास शहर में 2 अक्तूबर की रात एक संगीत समारोह में एक बंदूकधारी स्टीफन पैडोक (64) ने 32वीं मंजिल से अंधाधुंध फायरिंग करके 59 लोगों की हत्या कर दी और 527 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। पुलिस को निकट आते देख हमलावर ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। 

लास वेगास में प्रति वर्ष साढ़े 4 करोड़ से अधिक लोग विश्व भर से आते हैं और गोलीबारी के समय यह क्षेत्र पूरी तरह लोगों से भरा हुआ था। पुलिस के अनुसार हमलावर बंदूकधारी स्टीफन पैडोक ने अकेले इस घटना को अंजाम दिया। बताया जाता है कि कुछ महीने पहले ही उसने इस्लाम धर्म अपनाया था परन्तु एफ.बी.आई. ने अभी तक इस घटना के साथ किसी भी तरह के आतंकवादी ङ्क्षलक होने को नकारा है। आधुनिक अमरीकी इतिहास में यह अब तक की गोलीबारी की सबसे भयानक घटना है जिसने गत वर्ष औरलैंडो के एक नाइट क्लब में 49 लोगों के नरसंहार की घटना को भी पीछे छोड़ दिया है। 

इस घटना के संबंध में बताते हुए फीनिक्स से संगीत कार्यक्रम देखने आए एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘शुरू में ऐसे लगा जैसे आतिशबाजी फूट रही हो लेकिन लोग तेजी से जमीन पर गिरते चले गए और गोलियां काफी समय तक चलती रहीं।’’ ‘‘शायद एक बार में 100 शॉट दागे जा रहे थे। ऐसा लगता था जैसे बार-बार लोड करके फायर किए जा रहे हों।’’ एक रिपोर्ट के अनुसार लास वेगास घटना की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आई.एस. ने ली है परन्तु दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि उन्हें स्टीफन पैडोक की मंशा के संबंध में कोई जानकारी नहीं है और उसके बारे में ऐसा नहीं समझा जाता है कि उसके किसी आतंकवादी गिरोह से संबंध थे। 

क्लार्क काऊंटी के शैरिफ जोसेफ लोम्बार्डो ने संवाददाताओं को कहा, ‘‘हमने उसके कमरे से 23 बंदूकें बरामद की हैं जहां वह ठहरा हुआ था तथा बाद में मैसक्विट नेवादा स्थित उसके मकान से 19 अन्य आग्रेयास्त्र, बड़ी संख्या में विस्फोटक और हजारों राऊंड गोलाबारूद बरामद किया गया है। अब यह जांच की जा रही है कि उसके पास विस्फोटकों का यह स्टॉक कहां से आया।’’ कुल मिलाकर इस घटना को अमरीका में बढ़ रही बंदूक संस्कृति से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। अमरीका की आबादी तो दुनिया की आबादी का मात्र 5 प्रतिशत है परन्तु इसके पास दुनिया की कुल बंदूकों का 48 प्रतिशत स्टॉक है। वहां 89 प्रतिशत लोगों के पास बंदूकें हैं। प्रति वर्ष वहां गोलीबारी में 12 हजार लोग मारे जाते हैं और इस वर्ष भी वहां गोलीबारी की 400 घटनाएं हो चुकी हैं। 

इस घटना के बाद एक बार फिर अमरीका में आवश्यकता से अधिक उदार शस्त्र कानूनों को लेकर बहस शुरू होने के साथ-साथ अमरीकियों के बंदूक प्रेम पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं और मांग उठने लगी है कि अमरीका को इस तरह के हमले रोकने के लिए कठोर नीति बनानी चाहिए। जहां लास वेगास की घटना की आई.एस. द्वारा ली गई जिम्मेदारी को संदेह की नजरों से देखा जा रहा है वहीं इसे अमरीका में बढ़ रहे बंदूक कल्चर के परिणाम के रूप में देखने के अलावा उत्तरी कोरिया के साथ चल रहे विवाद से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। एक ओर अमरीका और उत्तरी कोरिया का विवाद विश्वयुद्ध की आहट दे रहा है तो दूसरी ओर विश्व में पर्यटन बढऩे के साथ-साथ इस प्रकार की घटनाएं विश्व में बढ़ रहे बंदूक कल्चर और आई.एस. के आतंक का संकेत दे रही हैं। अत: यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्टï्रपति ट्रम्प और दूसरे देश बंदूक लॉबी तथा आतंकवाद पर किस प्रकार अंकुश लगा पाते हैं।—विजय कुमार


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News