कानून-व्यवस्था की ‘खस्ता’ हालत से ‘उत्तर प्रदेश में मचा कोहराम’

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2017 - 03:07 PM (IST)

19 मार्च को सत्ता ग्रहण करने के कुछ ही दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना जनहितकारी एजैंडा तेजी से लागू करना शुरू कर दिया था और थोड़े ही दिनों के भीतर अनेक महत्वपूर्ण आदेश जारी किए जिसके लिए उनकी भारी प्रशंसा हुई। आशा की जाती थी कि उनका सुधारवादी अभियान जारी रहेगा और अपराधों में कमी आएगी परन्तु ऐसा हुआ नहीं और प्रदेश में चोरी-डकैती, हत्या, बलात्कार और साम्प्रदायिक तनाव पहले की तरह ही जारी है : 

-20 अप्रैल को सहारनपुर के दूधली गांव में एक जलूस निकालने को लेकर 2 वर्गों द्वारा एक-दूसरे पर भारी पथराव किया गया।
-22 अप्रैल को आगरा में ताजमहल देखने आईं कुछ अंतर्राष्ट्रीय माडलों को ताजमहल परिसर में प्रवेश से पूर्व अपना भगवा ‘स्टोल’ उतारने के लिए कहने पर विवाद के बाद कुछ संगठनों द्वारा भारी हंगामा और तनाव।
-इसी दिन फतेहपुर सीकरी में एक सर्कल ऑफिसर पर हमला, बाद में सदर पुलिस थाने पर आक्रमण और प्रतापपुरा में 2 समुदायों के बीच झड़पों के दौरान एक सब-इंस्पैक्टर के मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई। 
-05 मई को सहारनपुर के एक गांव में बिना अनुमति जलूस निकालने के चलते 2 वर्गों के बीच हिंसा में एक व्यक्ति की मृत्यु, अनेक घायल तथा एक वर्ग के सदस्यों के 50 मकान जला दिए गए।
-09 मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में एक वर्ग के लोगों द्वारा पुलिस के विरुद्ध जबरदस्त ङ्क्षहसक प्रदर्शन। 09 मई को ही लखनऊ में दिन-दिहाड़े 2 बहनों व एक व्यापारी की हत्या।
-11 मई को इटावा जिले में ओरैया के कोतवाली इलाके में एल.एल.बी. की एक छात्रा को चलती कार में खींच कर 3 लोगों द्वारा गैंग रेप। 
-11 मई को ही सम्भल में साम्प्रदायिक तनाव। 12 मई को अलीगढ़ में भैंस काटने के आरोप में 6 लोगों की पिटाई।
-13 मई को कौशांबी में नव-विवाहिता से रेप करके उसका शव जलाया।
-14 मई को बरेली में प्रेमी जोड़े की हत्या।
-15 मई रात को मथुरा में 8 बदमाशों का गिरोह एक जौहरी की दुकान पर धावा बोल कर 2 व्यक्तियों की हत्या और 3 अन्य को गंभीर रूप से घायल करने के बाद लगभग 4 करोड़ रुपए के गहने लूट कर घायलों को अपने पैरों के नीचे रौंदते हुए फरार हो गया। 
-16 मई को लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर इलाके में 8वीं कक्षा की छात्रा से चलती कार में 3 लोगों द्वारा रात भर गैंग रेप।
-17 मई को बस्ती में बलात्कार की शिकार एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भारी प्रदर्शन।

उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पुलिस बलों में भारी फेरबदल किया है। नए डी.जी.पी. की नियुक्ति की गई है और पुलिस विभाग को चुस्ती से काम करने का निर्देश भी दिया गया है। वह एक से अधिक बार अपराधियों से कठोरतापूर्वक निपटने, अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण न देने और अपराध करने वालों को कठोर दंड देने की चेतावनी दे चुके हैं परन्तु इसका कोई असर नहीं होने के कारण संदेह होता है कि अफसरशाही योगी आदित्यनाथ के साथ सहयोग नहीं कर रही। सपा के शासनकाल में भाजपा तथा सहयोगी दल कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जिस प्रकार अखिलेश सरकार को घेरने की कोशिश करते रहते थे उसी प्रकार अब योगी आदित्यनाथ विपक्ष के निशाने पर आए हुए हैं। 

इस बीच योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘‘कानून-व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है क्योंकि अपराधी तत्व समाज के लिए एक खतरा हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जब (26 जून को) मेरी सरकार अपने पहले 100 दिनों की कारगुजारी का रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी तब तक यहां के प्रत्येक रहने वाले के लिए प्रदेश सुरक्षित बन चुका होगा।’’ उक्त बयान पढऩे में तो बहुत अच्छा है परन्तु वास्तविकता की कसौटी पर यह कितना सही उतरता है इसका पता तो बाद में ही चल पाएगा। इस समय तो प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर विधानसभा से सड़क तक कोहराम मचा हुआ है जिससे जनता को राहत दिलाने के लिए योगी सरकार को तत्काल कठोर पग उठाने की आवश्यकता है। —विजय कुमार


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