‘पंजाब सरकार का सही फैसला’ ‘कार्यालयों का समय सुबह 9 से 5 तक’

punjabkesari.in Sunday, Jul 16, 2023 - 05:23 AM (IST)

गर्मी के मौसम के दृष्टिगत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बिजली की बचत करने के उद्देश्य से 2 मई, 2023 से 15 जुलाई तक के लिए राज्य के सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव करते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के उपस्थित रहने का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर दिया था ताकि लोग गर्मी बढऩे से पहले-पहले अपने सभी सरकारी काम निपटा लें। 

मुख्यमंत्री के अनुसार इस बारे ‘पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड’ के अधिकारियों ने बताया था कि बिजली का पीक लोड दोपहर डेढ़ बजे से पांच बजे तक रहता है। अत: सरकारी कार्यालय बाद दोपहर 2 बजे बंद होने पर पंखे, बल्ब, रूम कूलर तथा एयर कंडीशनर आदि बंद हो जाने से राज्य में पीक लोड 300 मैगावाट से 350 मैगावाट तक कम हो जाएगा।

‘पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड’ का कहना था कि इससे धान की रोपाई के सीजन में किसानों द्वारा बिजली की बढ़ी हुई मांग पूरी करने तथा 8 घंटे बिजली देने का लक्ष्य भी हासिल किया जा सकेगा। भगवंत मान के अनुसार विदेशों में तो यह तरीका पहले ही अपनाया जा रहा है परंतु भारत में पहली बार इस प्रकार का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने इस प्रयोग से भविष्य में अधिक लाभ होने की बात भी कही। 

पंजाब सरकार के फैसले के अनुरूप ही अब 17 जुलाई से पंजाब और चंडीगढ़ में राज्य सरकार के सरकारी कार्यालयों का समय पहले की भांति सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करने का फैसला किया है जिसके बारे में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने बाकायदा आदेश जारी कर दिए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार हालांकि अभी अधिक गर्मी के कुछ सप्ताह बाकी हैं, फिर भी सरकार काफी बिजली बचाने में सफल हुई है। चूंकि जून महीने में भी बरसात चलती रही, इसलिए बिजली के लोड पर नियंत्रण बना रहा तथा भीषण गर्मी के दिनों में बिजली की मांग उच्चतम स्तर को छूने पर भी सरकारी दफ्तरों में बिजली की बचत होने के कारण ‘पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड’ बिजली की मांग पूरी करने में सफल हुआ। 

मुख्यमंत्री भगवंत मान के बिजली बचाने संबंधी पहली बार किए गए सफल प्रयासों की सराहना ‘पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड’ के अधिकारियों ने भी की है। बिजली की बचत के नाम पर सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव से बिजली की बचत भले ही हुई हो, परंतु इससे सरकारी कर्मचारियों सहित समाज के एक बड़े वर्ग को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा था। 

इससे जहां एक ओर अपनी नियुक्ति के स्थान से दूर के स्थानों पर रहने वाले कर्मचारियों के लिए सुबह 7 बजे ड्यूटी पर पहुंचना मुश्किल हो रहा था और लेट होने पर जुर्माने तक की नौबत आ रही थी, वहीं दूसरे शहरों और गांवों से दूर-दराज के सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिए आने वाले लोगों को भी समय पर पहुंचने में कठिनाई हो रही थी। इसके लिए कई मामलों में तो लोगों को एक दिन पहले ही संबंधित कार्यालयों वाले शहरों में पहुंचना पड़ रहा था। यही नहीं, सुबह के समय अपने बच्चों को स्कूल छोड़ कर वापस अपने कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों को भी काफी असुविधा हो रही थी। 

इस लिहाज से पंजाब सरकार का यह फैसला सही है। इससे जहां सरकारी कर्मचारियों को अपने घर के कामकाज से फुर्सत पाकर कार्यालय पहुंचने में सुविधा होगी, वहीं सरकारी कार्यालयों में अपने काम के लिए दूर दराज से आने वाले लोगों को भी परेशानी से मुक्ति मिलेगी।—विजय कुमार 


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