''कांग्रेस और भाजपा नेतृत्व ने'' ''पार्टी के विवाद सुलझाने के दिए अच्छे संकेत''

punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 05:23 AM (IST)

हमने 10 जून के संपादकीय ‘कांग्रेस और भाजपा में असंतोष और अंतर्कलह देश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ में लिखा था कि देश के इन दोनों  बड़े दलों के कार्यकत्र्ताओं में नाराजगी लगातार बढ़ रही है। इस नाराजगी के कारण दोनों ही पार्टियों के कार्यकत्र्ता अपनी ही पार्टी के विरुद्ध बयान दे रहे हैं और कुछ दलबदली करके दूसरी पार्टी में जाकर अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

हमें यह लिखते हुए खुशी हो रही है कि उक्त दोनों दलों के शीर्ष नेताओं में अपने कार्यकत्र्ताओं में व्याप्त नाराजगी को लेकर उनकी बात सुनने की भावना और हलचल पैदा हुई है। उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के 9 जून को भाजपा में शामिल होने पर जहां वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली ने कहा है कि कांग्रेस को बड़ी सर्जरी की जरूरत है, वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (कांग्रेस) ने कहा है कि जितिन प्रसाद का कांग्रेस को छोड़ कर जाना पार्टी के मुंह पर एक तमाचा है। 

कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब कांग्रेस के विवाद को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने 10 जून को अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है जिसके बारे मे कई कयास लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अब कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमु यमंत्री तथा पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट का विवाद सुलझाने की दिशा में कदम उठाया है जिन्होंने अपनी भावी रणनीति तय करने और दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन बारे विचार करने के लिए 10 जून को अपने निवास पर अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई थी। 

इसी दिन देर रात प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट को फोन करके उनसे लंबी बात की। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी जब गहलोत और पायलट के बीच विवाद हो गया था और नाराज होकर पायलट के अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा चले जाने पर अशोक गहलोत ने पायलट को उक्त पदों से हटा दिया था, तब भी प्रियंका ने ही इन दोनों का विवाद सुलझाया था। इस बीच पायलट भी दिल्ली आ गए हैं तथा रविवार तक यहीं रहेंगे। 

जहां तक भाजपा का संबंध है, अपने विरुद्ध शिकायतों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और पूर्व आई.एस. अधिकारी अरविंद शर्मा को प्रदेश का उपमु यमंत्री बनाने तथा मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के चलते उत्तर प्रदेश के मु यमंत्री योगी आदित्य नाथ 10 और 11 जून को दो दिन तक दिल्ली में ही रहे। 

दिल्ली में उन्होंने 10 जून को गृह मंत्री अमित शाह से और 11 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से अलग-अलग भेंट करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी भेंट की। इन बैठकों में अमित शाह ने योगी को अगले वर्ष चुनावों से पूर्व हर हालत में सारी कमियां तथा जातीय समूहों की नाराजगी दूर करने को कहा। चर्चा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन भले ही न हो परंतु जल्दी ही योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। 

किसान आंदोलन को लेकर पंजाब भाजपा में उठी असहमति की आवाजें भी थम नहीं रहीं। पूर्व मंत्रियों अनिल जोशी और मास्टर मोहन लाल के बाद अब 2 बार विधायक रहे के.डी. भंडारी ने कहा है कि किसान आंदोलन के ल बा खिंचने से भाजपा के भविष्य पर संकट खड़ा हो सकता है। कर्नाटक में मु यमंत्री येद्दियुरप्पा (भाजपा) के बेटे विजेंद्र द्वारा सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप के लग रहे आरोपों के चलते नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों का भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने 10 जून को यह कह कर पटाक्षेप कर दिया कि येद्दियुरप्पा अच्छा काम कर रहे हैं। 

स्पष्टïत: दोनों ही पाॢटयों में कुछ हलचल शुरू हुई है जो एक अच्छा संकेत है। चूंकि अगले वर्ष पंजाब व उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव भी होने हैं, अत: यदि ये दल अपने कार्यकत्र्ताओं की नाराजगी दूर करने में सफल होंगे तो उन्हें इसका लाभ मिल सकता है तथा दोनों ही पाॢटयां मजबूत होकर उभरेंगी। ऐसा होना लोकतंत्र, देश और देशवासियों, सभी के हित में होगा क्योंकि किसी भी देश के भविष्य के लिए एक मजबूत सत्तारूढ़ दल और मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है। भले ही ये दोनों दल बारी-बारी से सत्ता में आएं। 

इससे देश का शासन सुचारू रूप से चलेगा, विकास कार्यों में तेजी आएगी, सड़कों और पुलों का निर्माण होगा, स्वास्थ्य सेवाओं, कानून-व्यवस्था में सुधार और शिक्षा का प्रसार होगा तथा बेरोजगारी दूर होने से लोगों में खुशहाली आएगी।—विजय कुमार


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