‘बनने से पहले ही टूट रहे पुल’ और ‘वर्षा में बह रहीं सड़कें’

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2024 - 05:07 AM (IST)

देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा इस संबंध में कठोर कार्रवाई करने के दावों के बावजूद यह बुराई थमने में नहीं आ रही। हालत यह है कि कहीं बनने के दौरान तो कहीं बनने के कुछ ही समय के भीतर पुल और सड़कें टूटने से सार्वजनिक धन की बर्बादी हो रही है, जो इसी वर्ष सामने आने वाली निम्न घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 23 मार्च, 2024 को बिहार में ‘मधुबनी’ और ‘सुपौल’ के बीच कोसी नदी पर लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर जाने के परिणामस्वरूप एक मजदूर की मृत्यु हो गई। यह देश का सबसे लम्बा पुल बताया जाता है। 
* 30 मार्च, 2024 को उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर तथा अमरोहा को जोडऩे के लिए ऊंचा गांव में गंगा नदी पर 2021 से निर्माणाधीन पुल के 2 बीम गिर गए, जबकि तीसरा क्षतिग्रस्त हो गया। 
* 24 अप्रैल, 2024 को तेलंगाना के ‘जयाशंकर भूपालपल्ली’ जिले में 49 करोड़ रुपए से भी अधिक लागत तथा पिछले 9 वर्षों से बनाया जा रहा पुल गिरकर ध्वस्त हो गया। 
* 18 जून, 2024 को बिहार के ‘अररिया’ जिले में ‘बकरा नदी’ पर 12 करोड़ रुपए की लागत से ‘कुरमा कांटा’ और ‘सिकटा’ क्षेत्रों को आपस में जोडऩे वाले नवनिर्मित पुल का एक हिस्सा यातायात के लिए खोले जाने से पहले ही गिर गया। 

* 21 जून, 2024 को मुम्बई में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर निर्मित भारत के सबसे लम्बे समुद्री पुल ‘अटल सेतु’ की निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए महाराष्टï्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ‘अटल सेतु’ की सड़क में 3 महीने के अंदर ही दरारें पड़ गई हैं और एक हिस्से में आधा किलोमीटर तक सड़क एक फुट धंस गई है। 
इसके जवाब में मुम्बई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एम.एम.आर.डी.ए.) ने सफाई देते हुए कहा है कि ‘अटल सेतु’ को जोडऩे वाली एप्रोच रोड पर मामूली दरारें पाई गई हैं। उल्लेखनीय है कि ‘अटल सेतु’ का उद्घाटन 12 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 

* 22 जून, 2024 को बिहार के सीवान जिले में ‘दारौंदा’ तथा ‘महाराजगंज’ ब्लाक के गांवों को जोडऩे वाले एक छोटे पुल के खंभे पानी छोड़े जाने का वेग बर्दाश्त न कर पाने के कारण गिर जाने से पुल ढह गया। 
* 22-23 जून, 2024 की दरम्यानी रात को भगवान राम की नगरी अयोध्या में मौसम की पहली ही वर्षा के परिणामस्वरूप करोड़ों रुपयों की लागत से बनाया गया ‘रामपथ’ कई जगहों से धंस जाने के समाचार मिले हैं। कुछ स्थानों पर तो सड़क का पूरा हिस्सा ही धंस गया है। जैसे कि इतना ही काफी नहीं था, दोबारा बनाए गए अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 30 दिसम्बर को किया था, की चारदीवारी भी पहली ही बरसात में ढह गई। उल्लेखनीय है कि ‘रामपथ’ की गुणवत्ता और बनावट पर जानकारों ने पहले ही सवाल उठाया था लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। 

यही नहीं, राम मंदिर के उद्घाटन को अभी 6 महीने भी नहीं बीते हैं और पहली ही वर्षा में मंदिर की छत टपकने लगी है। भगवान के मंदिर के ठीक सामने पुजारियों के बैठने के स्थान पर छत से पानी टपका। वी.आई.पी. दर्शनों के लिए लगी लाइन में भी पानी टपका। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसकी पुष्टिï की है और कहा है कि निर्माण में लापरवाही हुई है। 

* 23 जून, 2024 को बिहार के ही पूर्वी चंपारण जिले के ‘घोड़ासहन’ में ‘अमवा’ गांव को क्षेत्र के अन्य गांवों से जोडऩे के लिए 1.5 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा एक छोटा पुल ढह गया। (उल्लेखनीय है कि मात्र एक सप्ताह के भीतर ही बिहार में 3 पुल बह गए हैं।)
* 23 जून, 2024 को मध्य प्रदेश के ‘कटनी’ में पहली ही वर्षा ने नगर निगम में व्याप्त भ्र्रष्टाचार की पोल खोल दी और नई बनी सड़क रातों-रात तीन-चार फुट तक धंस कर 2 हिस्सों में बंट गई।
यह सारा घटनाक्रम देश के विभिन्न भागों में पुलों एवं सड़कों आदि के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के इस्तेमाल की ओर संकेत करता है। अत: इस मामले में जांच कर दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध जल्द से जल्द कठोरतम कार्रवाई करने और उन्हीं से इस मामले में हुई क्षति की रकम वसूलने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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