बैंक कर्मचारी और अधिकारी ही करने लगे ‘अमानत में ख्यानत’

punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 05:17 AM (IST)

एक ओर समाज विरोधी तत्वों द्वारा बैंकों में लूट मचाई जा रही है तो दूसरी ओर कुछ बैंक अधिकारी और कर्मचारी भी ‘अमानत में ख्यानत’ करके बैंकों को लूटने में लगे हुए हैं जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 19 अगस्त को सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) में ‘नोहराधार राज्य सहकारी बैंक’ में फर्जी ऋण खाते खोल कर 4.2 करोड़ रुपए के घोटाले में बैंक प्रबंधन द्वारा आरोपी सहायक प्रबंधक के निलम्बन तथा पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद शाखा में कार्यरत 6 कर्मचारियों को निलम्बित किया गया। इसके अलावा 10 कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जांच शुरू करने के साथ-साथ सभी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। 
* 20 अक्तूबर को गुरुग्राम (हरियाणा) पुलिस ने एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी के मामले में पी.एन.बी. के एक कर्मचारी सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी बैंक कर्मचारी स्टॉक मार्कीट में इन्वैस्टमैंट के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध करवाता था। 

* 27 अक्तूबर को पुलिस ने रांची (झारखंड) में ‘ऊर्जा निगम’ के करोड़ों रुपयों की अवैध निकासी करके एक बिल्डर को देने के मामले में रांची के बिरसा चौक स्थित ‘सैंट्रल बैंक आफ इंडिया’ के मैनेजर ‘लोलस लकड़ा’ को गिरफ्तार करके उसके ठिकाने से 37.18 लाख रुपए बरामद किए। इस कांड में अब तक 47 करोड़ 20 लाख रुपए विभिन्न खातों में फ्रीज किए गए हैं। ‘ऊर्जा निगम’ ने 4 अक्तूबर को 56 करोड़ 50 लाख रुपए की निकासी करने के आरोप में केस दर्ज करवाया था। इस सिलसिले में अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

* 9 नवम्बर को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) में ‘पी.एन.बी.’, मोहरसा के कुछ कर्मचारियों द्वारा धोखे से एक जमाकत्र्ता के जाली हस्ताक्षर करके उसके खाते से 5.82 लाख रुपए निकालने के आरोप में ‘उपभोक्ता आयोग न्यायालय’ ने निकाली गई रकम ब्याज सहित जमाकत्र्ता को लौटाने का बैंक को आदेश दिया। 
* 17 नवम्बर को कवर्धा (छत्तीसगढ़) में स्थित सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों और दलालों ने मिल कर धोखाधड़ी द्वारा ‘बैगा आदिवासियों’ के नाम से लाखों रुपयों का लोन निकाल लिया। 
* और अब 22 नवम्बर को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो, कपूरथला की टीम ने पंजाब ग्रामीण बैंक की गांव ‘भाणोलंगा’ (कपूरथला) स्थित शाखा में 34,92,299  रुपए की हेराफेरी करने के आरोप में पूर्व मैनेजर प्रमोद कुमार को गिरफ्तार किया है जो 2022 से फरार चल रहा था।

आरोप है कि उक्त मैनेजर ने बैंक में अपनी तैनाती के दौरान अपनी शाखा में तैनात क्लर्क जगदीश सिंह तथा क्लर्क रजनी बाला के बैंक में उपयोग किए जाने वाले ‘पासवर्ड’ और ‘यूजर आई.डी.’ का दुरुपयोग करके अपने ही बैंक से कुल 12 अलग-अलग खाता धारकों के खातों से अलग-अलग तारीखों को 26 ट्रांजैक्शनों के माध्यम से हेरा-फेरी द्वारा यह रकम निकाल ली। 
* 22 नवम्बर को ही उत्तर प्रदेश पुलिस की कानपुर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने लोगों की बंद पड़ी बीमा पालिसियां फिर से शुरू करवाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले निजी बैंकों में मैनेजर के रूप में कार्यरत पति-पत्नी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया। 

पुलिस ने दोनों के बैंक खाते में मौजूद 11.34 लाख रुपए फ्रीज करने के अलावा 5 लाख की ज्वैलरी, 1 लाख रुपए नकद, 8 फोन, 12 अलग-अलग फर्मों और विभागों की मोहरें, स्वाइप मशीन और कार जब्त की है। जांच के दौरान पता चला कि वे दोनों ‘जस्ट डायल’ साइट से डाटा खरीद कर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। इस प्रकार की घटनाएं बैंकों के लिए अत्यंत चिंतनीय हैं। इससे बैंकों की साख में गिरावट आती है। यदि बैंक कर्मचारी ही इस तरह की धोखाधड़ी में संलिप्त होंगे तो फिर बैंकों में अपने गाढ़े पसीने की कमाई जमा करवाने वाले लोगों का विश्वास कैसे कायम रह पाएगा! अत: इस तरह के कृत्यों में शामिल होने वालों को शीघ्र कठोरतम शिक्षाप्रद दंड दिया जाना चाहिए।—विजय कुमार 


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