अध्यापकों द्वारा छात्र-छात्राओं से मारपीट और बलात्कार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 23, 2016 - 01:54 AM (IST)

गुरु को देवताओं के तुल्य दर्जा देते हुए और गुरु की महिमा बताते हुए हमारे धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि जिस प्रकार ब्रह्म का कार्य सृष्टि की रचना करना है ठीक उसी प्रकार गुरु (अध्यापक) का कार्य भी शिष्य का निर्माण करना है। 

 
परंतु चंद अध्यापकों द्वारा छात्रों की पिटाई व दुष्कर्म जैसे अनैतिक कृत्यों सेे न सिर्फ अध्यापकों का सम्मान घट रहा है बल्कि कई परिवार भी उजड़ रहे हैं या शर्मसार हो रहे हैं जो हाल ही की निम्र चंद घटनाओं से स्पष्टï है :
 
* 01 जनवरी को राजस्थान के सुमेरगंज मंडी शहर में अपनी छोटी बहन को बुलाने मदरसा आई एक 16 वर्षीय युवती को मदरसा टीचर शरीफ तथा उसका दोस्त अकबर फुसला कर ले गए और उससे बलात्कार कर डाला। 
 
* 02 जनवरी को सोहना के निकट भौंडसी स्थित एक शिशु विद्यालय की संचालिका ने एक तीन वर्षीय बच्ची को डंडे से इतनी बुरी तरह पीटा कि उसके सिर से खून बहने लगा।
 
* 07 जनवरी को बूंदी (राजस्थान) के लक्ष्मीपुरा गांव की एक 16 वर्षीय लड़की के परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई कि उसके स्कूल का हिन्दी अध्यापक उनकी बेटी को डरा-धमका कर 5 महीने उससे बलात्कार करता रहा। 
 
* 13 जनवरी को गुजरात के वड़ोदरा में एक कोचिंग क्लास के संचालकों ने विभिन्न आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं को बिना किसी अभ्यास के टूटे हुए नुकीले कांच के टुकड़ों पर नंगे पांव चलवा कर उनकी जान जोखिम में डाली।  
 
* 01 फरवरी को छत्तीसगढ़ के भिलाई थाना क्षेत्र में एक 16 वर्षीय छात्रा को उसके घर में ट्यूशन पढ़ाने आए अध्यापक प्रवीण कुमार बंजारे ने घर में अकेली देख कर उसे फेल करने की धमकी दी और बलात्कार कर डाला। शिकायत दर्ज करवाने पर पुलिस ने आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया। 
 
* 02 फरवरी को हापुड़ के एक इंटर कालेज के 10वीं कक्षा के छात्र रिशू को एक अध्यापक ने प्रार्थना के समय लाइन से बाहर निकाल कर मैदान में खड़ा करके लात-मुक्कों तथा थप्पड़ों से इतना पीटा कि उसके कान का पर्दा फट गया। आरोप है कि पहले यह छात्र उक्त अध्यापक के पास ट्यूशन पढ़ता था परंतु जब उसने उससे ट्यूशन पढऩा छोड़ दिया तो अध्यापक उससे नाराज रहने लगा। 
 
* 03 फरवरी को राजस्थान के चूरू जिले की सरदार शहर तहसील में राजकीय विद्यालय ढाका नाहर सरा के अध्यापक रामेश्वर लाल ने तीसरी कक्षा में पढऩे वाली एक निर्धन छात्रा को अपनी हवस का शिकार बना डाला। अत्यंत बुरी हालत में घर पहुंची बच्ची द्वारा संकेत से अपनी मां को घटना के बारे में बताने पर बच्ची के माता-पिता ने आरोपी अध्यापक के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। 
 
* 05 फरवरी को झारखंड में रांची के एक प्रसिद्ध इंटरनैशनल स्कूल के होस्टल के बाहर एक 12 वर्षीय छात्र विनय महतो की इतनी पिटाई की गई कि उसका लिवर फट गया, हत्यारों ने ड्रिल मशीन से उसके सिर में छेद कर दिया। उसके साथ अप्राकृतिक सैक्स किए जाने की भी आशंका जताई गई। इस सिलसिले में स्कूल के तीन अध्यापकों को हिरासत में लिया गया। 
 
* 08 फरवरी को बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के एक स्कूल में शमीम नामक एक 12 वर्षीय छात्र अपने होस्टल वार्डन लिटन शेख से अनुमति लिए बिना पैन और कापी लेने के लिए छात्रावास से बाहर चला आया। उसके लौटने पर स्कूल के हैडमास्टर हनीफ व लिटन शेख ने उसे इतना पीटा कि उसकी मृत्यु हो गई।  
 
* 10 फरवरी को बिहार के अररिया के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील वितरण के समय कशीदा नामक एक 12 वर्षीय बच्ची ने पेट न भरने पर खिचड़ी दोबारा मांग ली जिस पर मील बांटने वाले अध्यापक ने उसे बुरी तरह पीटा। पता चलने पर जब बच्ची के पिता शागिर ने आकर प्रोटैस्ट किया तो स्कूल के अध्यापकों ने उसे भी इतना पीटा कि उसकी मृत्यु हो गई। 
 
* 17 फरवरी को ऐसी ही एक घटना में आगरा के निकट मनसुखपुरा के सरकारी स्कूल में अपने बड़े भाई के साथ स्कूल गए रजत सिंह नामक अढ़ाई वर्षीय बच्चे द्वारा मिड-डे मील बांट रहे अध्यापक रघुवीर सिंह से थोड़ा-सा भोजन मांग लेने पर अध्यापक ने उसके गाल पर इतने जोर से थप्पड़ मारा कि वह एक कान से बहरा हो गया।
 
उक्त घटनाएं निश्चित ही अध्यापकों के एक वर्ग में घर कर गई असहनशीलता और अध्यापन व्यवसाय के उच्च मापदंडों और नैतिकता से भटक जाने के मुंह बोलते प्रमाण हैं। इस प्रकार का अनैतिक आचरण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अपेक्षित है क्योंकि मुठ्ठी भर लोग समूचे अध्यापक जगत की बदनामी का कारण बन रहे हैं।
 

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