केवल भ्रष्टाचारियों के लिए ‘आए अच्छे दिन’

punjabkesari.in Friday, Apr 17, 2015 - 02:27 AM (IST)

अच्छे दिनों के इंतजार में बैठे लोग आज भी देश में सरकारी अधिकारियों के अनैतिक आचरण, भ्रष्ट तरीकों से अवैध सम्पत्ति बनाने और रिश्वतखोरी से तंग हैं। बड़ी संख्या में उच्चाधिकारियों व सामान्य कर्मचारियों द्वारा रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। निम्न में पेश हैं ऐसे चंद ताजा उदाहरण-

* 19 मार्च, 2015 को महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नालसोपारा थाने में अटैच हैड कांस्टेबल नितिन रावत व कांस्टेबल मंडार गजरे को एक सिक्योरिटी एजैंसी के मालिक से उसके विरुद्ध दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई न करने के बदले में 12 हजार रुपए मासिक लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
 
* 20 मार्च को महाराष्ट्रर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मुम्बई के माहीम पुलिस थाने से अटैच ए.एस.आई. अशोक गौड़ को एक बिल्डर से उसके बेटे के विरुद्ध दर्ज केस में गिरफ्तार न करने के बदले में 1.75 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया। उसके नाम पर घाटकोपर में 760 वर्ग फुट के एक फ्लैट तथा बैंक में 27.15 लाख रुपए का पता चला।
 
* 23 मार्च को बरेली में उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सब-इंस्पैक्टर नरेन्द्र कुमार ने आपसी लड़ाई में संलिप्त एक 15 वर्षीय किशोर के पिता द्वारा  झगड़ा निपटाने के लिए उसे 15 हजार रुपए रिश्वत देने में असफल रहने पर बैल्ट से किशोर को बुरी तरह पीट कर लहूलुहान कर दिया। 
 
* 27 मार्च को अंबरनाथ स्थित आर्डनैंस फैक्टरी के जनरल मैनेजर को  एक लेबर ठेकेदार से उसके पैंडिग बिल क्लीयर करने के बदले में 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
* 28 मार्च को सी.बी.आई. द्वारा दिल्ली सरकार के 2 पी.डब्ल्यू.डी. इंजीनियरों एम.सी. शर्मा तथा सी.पी. साहू को एक शिकायतकत्र्ता से 25-25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
* 31 मार्च को ही सी.बी.आई. ने लखनऊ में रेंज-5 के आयकर अधिकारी निरंजन कुमार को एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी के मालिक से 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
 
* 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को सचेत करने पर कानून एवं न्याय विभाग के एक सहायक कानून अधिकारी व गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल के पी.ए. मिलिद कदम को एक एडवोकेट से 45 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। 
 
* 1 अप्रैल को ही सी.बी.आई. ने जोधपुर के मुख्य आयकर आयुक्त पी.के. शर्मा को 15 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया जो करोड़ों रुपए के 4 बंगलों व कई फार्म हाऊसों का मालिक है। इससे पूर्व इसी सिलसिले में 31 मार्च को आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भंडारी को गिरफ्तार किया गया। 
 
* 7 अप्रैल को चंडीगढ़ में सी.बी.आई. के एंटी करप्शन प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने सैक्टर-31 थाने में तैनात सब-इंस्पैक्टर अरविंद कुमार को एक डिपो होल्डर की शिकायत पर 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।  
 
* 7 अप्रैल को ही विजीलैंस विभाग गुरदासपुर ने वन विभाग के एक सर्वेयर सुलक्खन सिंह को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया । 
 
* 11 अप्रैल को विजीलैंस ब्यूरो ने रूपनगर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए सीनियर असिस्टैंट प्रमोद सिंह को गिरफ्तार किया। 
 
* 11 अप्रैल को ही मध्यप्रदेश में रायसेन जिले के ओबैदुल्लागंज में मात्र साढ़े 6 हजार रुपए मासिक वेतन पाने वाले सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक विनोद यादव के पास लगभग 1 करोड़ रुपए की सम्पत्ति मिली।
 
* 12 अप्रैल को पंजाब के मानसा में एक ट्रैफिक कांस्टेबल धर्मपाल सिंह को एक व्यक्ति से 300 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। 
 
* 15 अप्रैल को विजीलैंस ब्यूरो पटियाला ने एक व्यक्ति को 9 लाख रुपए ऋण देने के बदले में उससे  35 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए सुनाम प्राइमरी को-आप्रेटिव खेतीबाड़ी विकास बैंक के मैनेजर निर्मल सिंह को रंगे हाथों पकड़ा। 
 
* 15 अप्रैल को ही हरियाणा सतर्कता विभाग ने उचाना पुलिस चौकी के इंचार्ज ए.एस.आई. विजय सिंह को 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
 
नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा सरकार को सत्ता में आए लगभग एक वर्ष हो जाने के बावजू्द स्थिति वैसी ही है जैसी पहले थी। लगता है कि भ्रष्टाचारियों तथा रिश्वतखोरों को किसी का कोई डर-भय नहीं रहा है और वे पहले की भांति ही अपनी करतूतें जारी रखे हुए हैं। 

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