‘लोगों के खून-पसीने की कमाई’ ‘हड़प रहे चंद बेईमान कर्मचारी और अधिकारी’

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 05:17 AM (IST)

आज देश में चंद लोगों का लालच इस कदर बढ़ चुका है कि वे निजी स्वार्थों के वशीभूत होकर अपने पद और प्रभाव का अनुचित इस्तेमाल करके सार्वजनिक धन का गबन और अमानत में ख्यानत करने से जरा भी संकोच नहीं करते, जो गत दो महीनों के निम्न चंद उदाहरणों सेे स्पष्ट है : 

* 12 अगस्त, 2024 को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अमलोह ब्लाक तथा पंचायतों की 40.85 लाख रुपए की ग्रांटों /फंडों की हेरा-फेरी के आरोप में जिला विकास अधिकारी और पंचायत अधिकारी तथा उनके एक साथी को गिरफ्तार किया। 
* 5 सितम्बर को ऊधम सिंह नगर (उत्तराखंड) के एस.एल.ओ. (स्टेट लैवल आफिसर) के सरकारी खाते से फर्जी चैकों और फर्जी हस्ताक्षरों से 13.51 करोड़ रुपए का गबन करने के मामले में एक बैंक के मैनेजर देवेंद्र और महिला कैशियर प्रियम सिंह को गिरफ्तार किया गया। 
* 8 सितम्बर को झुंझुनूं (राजस्थान) में 2 ग्राम पंचायतों ‘पातुसरी’ तथा ‘नयासर’ के ग्राम विकास अधिकारी ‘सिद्धार्थ खीचड़’ के विरुद्ध 80 लाख रुपए की रकम का गबन करके इसे अपनी पत्नी और अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करवाने के आरोप में केस दर्ज करके निलंबित किया गया। 

* 26 सितम्बर को समस्तीपुर (बिहार) स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एल.एन.एम.यू.) में परीक्षा कार्यों से जुड़ी 20 करोड़ से अधिक रकम की हेरा-फेरी के मामले में विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफैसर सुरेंद्र कुमार प्रताप सिंह और रजिस्ट्रार प्रोफैसर मुश्ताक अहमद सहित 15 आरोपियों को नामजद किया गया।
* 29 सितम्बर को जलालाबाद (पंजाब) के ‘अमीरखास’ थाना की पुलिस ने पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करके लगभग 4 लाख रुपए की सबसिडी हड़पने के आरोप में गांव ‘चक्क रख अमीर’ की तत्कालीन सरपंच हाकम देवी समेत 3 आरोपियों पर केस दर्ज किया। 

* 4 अक्तूबर को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के बांस गांव थाने में सरकारी धन के गबन के दर्ज 2 अलग-अलग मामलों में पुलिस ने ग्राम प्रधान मीरा देवी को करोड़ों रुपए और ग्राम पंचायत अधिकारी बृजनंद यादव को लगभग 28 लाख रुपए का गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 6 अक्तूबर को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में मृतक बैंक खाता धारकों और पैंंशनरों के खातों  पर लाखों रुपए का लोन मंजूर करवाकर हड़प जाने वाले एक बैंक के कैशियर अमरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया जबकि बैंक मैनेजर कुमार भास्कर भूषण फरार है। इस घोटाले का मास्टर माइंड पंकज मणि त्रिपाठी नामक एक कैंटीन ब्वाय है, जिसके पास लाखों रुपए की लग्जरी गाड़ी और 8 करोड़ रुपए सम्पत्ति बताई जाती है। 
*  8 अक्तूबर को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मानसा जिले की नगर कौंसिल बुढलाडा के सहायक नगर इंजीनियर (ए.एन.ई.) इंद्रजीत सिंह, जूनियर इंजीनियर राकेश कुमार और एक सहकारिता समिति के ठेकेदार राकेश कुमार के विरुद्ध सड़क निर्माण में मिलीभगत से अनियमितताएं करके सरकार को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया। 

* 9 अक्तूबर को बेमेत्रा (छत्तीसगढ़) के गांव ‘बीजाभाट’ के पोस्टमास्टर संजू ठाकुर और उसके सहायक लोकेश सिन्हा के विरुद्ध विभिन्न बचत योजनाओं के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा जमा करवाई गई 50 लाख रुपए से अधिक राशि का गबन करके तथा 250 से अधिक जमाकत्र्ताओं की पासबुकें लेकर फरार हो जाने के आरोप में केस दर्ज किया गया। सार्वजनिक (सरकारी) कोष जनता की अमानत होता है जो जनता पर ही खर्च किया जाना चाहिए परंतु ऐसा न करके सरकारी धन को निजी स्वार्थों की खातिर हड़प जाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता। अत: ऐसा करने वालों को कठोरतम शिक्षाप्रद दंड देने की जरूरत है, ताकि लोगों का खून-पसीने से कमाया हुआ धन इस प्रकार गलत हाथों में न जाए और सुरक्षित रहे।—विजय कुमार 


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