77 अधिकारी व कर्मचारी अनुपस्थित मिले सरकारी कार्यालयों में बायोमीट्रिक प्रणाली लागू हो

punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 01:13 AM (IST)

केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा अपनी ड्यूटी पर न आने, देर से आने व काम में लापरवाही आम बात हो गई है। इसी कारण उनमें समय की पाबंदी की भावना भरने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा छापेमारी का सिलसिला कहीं-कहीं शुरू भी हुआ है। 

इसी शृंखला के तहत पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री दलजीत सिंह चीमा ने लम्बे समय से शिक्षा विभाग में अनुपस्थित चले आ रहे 1200 अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अनेक अध्यापकों की सेवाएं समाप्त की थीं। अब पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार ने भी कर्मचारियों व अधिकारियों की दफ्तरों में हाजिरी को सुनिश्चित करने के लिए सख्ती शुरू की है और इसी कड़ी में 15 दिसम्बर को सुबह के समय दफ्तर खुलते ही चंडीगढ़ स्थित पंजाब सिविल सचिवालय व मिनी सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति का जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण किया गया जिसके दौरान 77 अधिकारी तथा कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित मिले। 

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर गठित की गई अधिकारियों की 14 टीमों ने कुल 300 स्टाफ मैंबरों की उपस्थिति चैक की। जो कर्मचारी 10-15 मिनट लेट थे उन्होंने उपस्थिति लगानी चाही तो चैकिंग टीम ने रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिए। उस समय अजीब स्थिति बन गई जब लेट पहुंचे कई कर्मचारियों की उनके साथ कार्य करने वाले कर्मियों ने आधे दिन की छुट्टी की अर्जियां दे दीं। जिनके उपस्थिति वाले खाने खाली थे उन पर चैकिंग टीम ने लाल पैन के साथ एंट्रियां कर दीं। ‘सामान्य राज्य प्रशासन’ के प्रमुख सचिव कृपा शंकर सरोज के अनुसार अनुपस्थित मिले स्टाफ में क्लर्क, असिस्टैंट, सुपरिंटैंडैंट के अलावा सचिव स्तर तक के अधिकारी भी शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अनुपस्थित मिले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा तथा भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। 2 बार अनुपस्थित रहने वाले से जवाब तलबी होगी और ऐसा 3 बार करने वाले को निलम्बित कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उक्त कार्यालयों में उपस्थिति लगाने के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली चालू नहीं है। भारी वेतनों के बावजूद सरकारी कर्मचारियों का बिना अनुमति अनुपस्थित रहना या ड्यूटी पर देर से पहुंचना और अपने काम में लापरवाही बरतना एक आम बात हो गई है जोकि गंभीर चिंता का विषय है। आज से 15-20 वर्ष पूर्व तक इस तरह की कुप्रवृत्ति नहीं पाई जाती थी परंतु अब विशेष रूप से सरकारी सेवाओं में अधिक सुविधाएं होने तथा निगरानी कम होने के कारण यह प्रवृत्ति बहुत बढ़ गई है। 

विडम्बना यह है कि अब तो सरकारी विभागों की देखादेखी प्राइवेट प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों में भी लेट-लतीफी की आदत घर करती जा रही है जिसे देखते हुए उनके प्रबंधकों ने अपने यहां बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लगानी शुरू कर दी है। जहां तक सरकारी कार्यालयों का संबंध है पंजाब सिविल सचिवालय व मिनी सचिवालय की भांति पंजाब ही नहीं बल्कि देश के अनेक राज्यों के सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों आदि में बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली अभी लागू नहीं है जिसे यथाशीघ्र लागू करने की आवश्यकता है। बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने और कैमरे लगाने से जहां कर्मचारियों में समय के पालन का अनुशासन आएगा वहीं उनकी कार्य क्षमता में भी वृद्धि होगी। 

उल्लेखनीय है कि इसी कुप्रवृत्ति को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केंद्र सरकार के कार्यालयों में कैमरे लगाने के अलावा उपस्थिति लगाने के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लागू की गई है और दिल्ली सरकार के कार्यालयों में भी ज्यादातर स्थानों पर बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू है जिससे कर्मचारियों की लेटलतीफी में भी कमी आई है। अन्य विभागों में भी उक्त पग उठाने से निश्चित रूप से कर्मचारियों में अनुशासन आएगा। उनमें समय का पालन करने की भावना पैदा होगी और इसके साथ ही आम जनता को इसका लाभ पहुंचेगा।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News