एम्स के स्टाफ के व्यवहार से असंतुष्ट हैं 35 प्रतिशत रोगी

punjabkesari.in Sunday, May 26, 2019 - 05:04 AM (IST)

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) देश का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है जहां देश से ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक भागों से गंभीर रोगों से पीड़ित रोगी इलाज करवाने आते हैं। इस लिहाज से एम्स को रोगियों के उपचार और संतुष्टिï के मामले में सर्वोपरि होना चाहिए परन्तु ऐसा अब नहीं है। हाल ही में एम्स के प्रति रोगियों की प्रतिक्रिया जानने के लिए सरकार की ओर से यहां इलाज करवाने आने वाले 9940 रोगियों से फीडबैक लिया गया। 

इसके अनुसार लगभग 35 प्रतिशत रोगी एम्स के स्टाफ के व्यवहार से असंतुष्टï पाए गए जबकि लगभग 23 प्रतिशत रोगी यहां प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से संतुष्टï नहीं थे। इनमें से अधिकांश रोगियों ने एमरजैंसी, सर्जरी, हड्डी रोग, पेट रोग तथा महिला रोग विभाग की सेवाओं पर अप्रसन्नता व्यक्त की। 

सबसे ज्यादा रोगी (35 प्रतिशत) स्टाफ के व्यवहार से नाराज थे। इसके बाद रोगियों ने (34 प्रतिशत) अन्य कारणों से नाराजगी जताई। 13 प्रतिशत रोगियों ने इलाज की गुणïवत्ता और 12 प्रतिशत रोगियों ने इलाज पर आने वाले खर्च को लेकर नाराजगी व्यक्त की। 6 प्रतिशत रोगी देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में स्वच्छता को लेकर भी असंतुष्टï पाए गए। अध्ययन में शामिल 25 प्रतिशत रोगी आंख, नाक और गले के विभाग के कामकाज से संतुष्टï नहीं थे। 

सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता का पता लगाने हेतु रोगियों के अनुभवों पर आधारित उक्त जानकारी से यह स्पष्टï है कि एम्स के जिन विभागों में त्रुटियों का यहां आने वाले रोगियों ने उल्लेख किया है उन्हें तुरंत दूर करके यहां चिकित्सा सेवाओं में सुधार किया जाए।—विजय कुमार


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