किस देश के पास दुनिया का सबसे खतरनाक परमाणु बम था?

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 03:32 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: आज के दौर में जब युद्ध और हथियारों की चर्चा होती है, तो सबसे खतरनाक हथियार के रूप में परमाणु बम का नाम सबसे पहले लिया जाता है। यह ऐसा हथियार है जो चंद सेकंड में लाखों जिंदगियां खत्म कर सकता है और शहर को राख बना सकता है। दुनिया का अब तक का सबसे शक्तिशाली और खतरनाक परमाणु बम सोवियत संघ (रूस) के पास था। इस बम का नाम था – जार बम (Tsar Bomba)।

कितना खतरनाक है जार बम?

अगर जार बम किसी आबादी वाले शहर पर गिरता, तो उसके परिणाम विनाशकारी होते। लगभग 3,000 वर्ग किलोमीटर तक का इलाका पूरी तरह तबाह हो जाता, यानी पूरा एक महानगर पलभर में मिट जाता। विस्फोट इतना शक्तिशाली होता कि 20 से 30 लाख लोगों की तत्काल मौत संभव थी। धमाके की ताकत से 50 किलोमीटर दूर तक की इमारतें ढह जातीं और 100 किलोमीटर तक लोग झुलस जाते। इतना तेज तापमान उत्पन्न होता कि इंसान, पेड़ और इमारतें वाष्पित हो जाते। इसके बाद हवा में फैले रेडियोधर्मी कण हजारों किलोमीटर दूर तक ज़हर फैलाते, जिससे कैंसर, जन्म दोष और लंबी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता। अगर ऐसे कई बम इस्तेमाल होते, तो धरती पर महीनों तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती। वातावरण में धूल और राख की परत छा जाती, जिससे वैश्विक तापमान गिरता और "न्यूक्लियर विंटर" जैसी स्थिति आ सकती थी, जो मानव सभ्यता के अंत का कारण बन सकती थी।

अमेरिका के दो सबसे शक्तिशाली बम – कैसल ब्रावो और कैसल यांकी

दुनिया का दूसरा सबसे ताकतवर परमाणु बम अमेरिका के पास है, जिसका नाम है कैसल ब्रावो (Castle Bravo)। इसे 1954 में परीक्षण के लिए बिकनी एटोल के क्षेत्र में गिराया गया था। इसका विस्फोट भी बेहद शक्तिशाली था और इसने बड़ी संख्या में रेडिएशन फैलाया। तीसरे नंबर पर भी अमेरिका का ही बम आता है – कैसल यांकी (Castle Yankee)। यह भी अमेरिका की परमाणु ताकत का बड़ा प्रतीक माना जाता है।

परमाणु हथियारों की दुनिया में खतरनाक दौड़

इन बमों की ताकत यह बताने के लिए काफी है कि अगर इनका इस्तेमाल युद्ध में हुआ, तो न सिर्फ एक देश बल्कि पूरी दुनिया खतरे में पड़ सकती है। यही वजह है कि आज भी दुनिया में परमाणु बमों को लेकर बेहद सतर्कता बरती जाती है।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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